स्मृति Important Questions || Class 9 Hindi (Sanchayan) Chapter 2 in Hindi ||

Share Now on

पाठ – 2

स्मृति

In this post we have mentioned all the important questions of class 9 Hindi (Sanchayan) chapter 2 स्मृति in Hindi

इस पोस्ट में कक्षा 9 के हिंदी (संचयन) के पाठ 2 स्मृति  के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 9 में है एवं हिंदी विषय पढ़ रहे है।

Criss Cross Classes BookPrinted Books Are Available Now!
BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 9
Subjectहिंदी (संचयन)
Chapter no.Chapter 2
Chapter Nameस्मृति
CategoryClass 9 Hindi (Sanchayan) Important Questions
MediumHindi
Class 9 Hindi (Sanchayan) Chapter 2 स्मृति Important Questions

Chapter 2 स्मृति

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?

उत्तर- भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक डर गया था। उसे लगा कि उसके बड़े भाई झरबेरी से बेर तोड़-तोड़कर खाने के लिए डाँटेंगे और उसे खूब पीटेंगे।

प्रश्न 2. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?

उत्तर- लेखक के गाँव से मक्खनपुर जाने वाली राह में 36 फीट के करीब गहरा एक कच्चा कुआँ था। उसमें एक साँप न जाने कैसे गिर गया था। मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली उस कुएँ में इसलिए ढेले फेंकती थी ताकि साँप क्रुद्ध होकर फुफकारे और बच्चे उस फुफकार को सुन सकें।

प्रश्न 3. ‘साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’–यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?

उत्तर- यह कथन लेखक की बदहवास मनोदशा को स्पष्ट करता है। जैसे ही लेखक ने टोपी उतारकर कुएँ में ढेला फेंका, उसकी ज़रूरी चिट्ठियाँ कुएँ में जा गिरी। उन्हें कुएँ में गिरता देखकर वह भौंचक्का रह गया। उसका ध्यान चिट्ठियों को बचाने में लग गया। वह यह देखना भूल गया कि साँप को ढेला लगा या नहीं और वह फुसकारा या नहीं।

प्रश्न 4. किन कारणों से लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया?

उत्तर- लेखक द्वारा चिट्ठियों को कुएँ से निकालने के निम्नलिखित कारण हैं-

  • लेखक को झूठ बोलना नहीं आता था।
  • चिट्ठियों को डाकखाने में डालना लेखक अपनी जिम्मेदारी समझता था।
  • लेखक को अपने भाई से रुई की तरह पिटाई होने का भय था।
  • वह साँप को मारना बाएँ हाथ का काम समझता था, जिससे चिट्ठियाँ उठाना उसे आसान लग रहा था।

प्रश्न 5. साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाईं?

उत्तर- साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने निम्नलिखित युक्तियाँ अपनाईं-

  • उसने मुट्ठीभर मिट्टी फेंककर साँप का ध्यान उधर लगा दिया।
  • उसने अपने हाथ का प्रहार करने की बजाय उसकी तरफ डंडा बढ़ा दिया, जिससे साँप ने सारा विष डंडे पर उगल दिया।

प्रश्न 6. कुएँ में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- कुएँ में चिट्ठियाँ गिर जाने पर लेखक ने रोना-धोना छोड़कर भयानक निर्णय लिया। उसने अपनी और अपने छोटे भाई की पाँचों धोतियों को एक-दूसरे से बाँधा। इसके एक छोर में डंडा बाँधकर उसे कुएँ में उतार दिया और दूसरे सिरे को कुएँ की डेंग में बाँधकर भाई को पकड़ा दिया। अब उन धोतियों के सहारे लेखक कुएँ में उतर गया और कुएँ के धरातल से चार पाँच गज ऊपर लटककर साँप को देखने लगा। साँप भी फन फैलाए लेखक की प्रतीक्षा कर रहा था। लेखक ने कुएँ की दीवार में पैर जमाकर कुछ मिट्टी गिराई। इससे साँप का ध्यान बँट गया। वह मिट्टी पर मुँह मार बैठा।

इस बीच लेखक ने डंडे से जब चिट्ठियाँ सरकाईं तो साँप ने जोरदार प्रहार किया और अपनी शक्ति के प्रमाण स्वरूप डंडे पर तीन-चार जगह विषवमन कर दिया। इससे लेखक का साहस बढ़ा। उसने चिट्ठियाँ उठाने का प्रयास किया तो साँप ने वार किया और डंडे से लिपट गया। इस क्रम में साँप की पूँछ का पिछला भाग लेखक को छू गया। यह देख लेखक ने डंडे को पटक दिया और चिट्ठियाँ उठाकर धोती में बाँध दिया, जिन्हें उसके भाई ने ऊपर खींच लिया। अब लेखक ने कुएँ की दीवार से कुछ मिट्टी साँप की दाहिनी ओर फेंकी। साँप उस पर झपटा। अब लेखक ने डंडा खींच लिया। लेखक ने मौका देखा और जैसे-तैसे हाथों के सहारे सरककर छत्तीस फुट गहरे कुएँ से ऊपर आ गया।

प्रश्न 7. इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?

उत्तर- बालक प्रायः शरारती होते हैं। उन्हें छेड़छाड़ करने में आनंद मिलता है। यदि उनकी छेड़छाड़ से कोई हलचल होती हो तो वे उसमें बहुत मज़ा लेते हैं। साँप को व्यर्थ में ही फॅफकारते देखकर वे बड़े खुश होते हैं।

बालकों को प्रकृति के स्वच्छंद वातावरण में विहार करने में भी असीम आनंद मिलता है। वे झरबेरी के बेर तोड़-तोड़कर खाते हैं तथा मन में आनंदित होते हैं। वे आम के पेड़ पर चढ़कर डंडे से आम तोड़कर खाने में खूब आनंद लेते हैं।

प्रश्न 8. मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’–का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- मनुष्य किसी कठिन काम को करने के लिए अपनी बुद्धि से योजनाएँ तो बनाता है, किंतु समस्याओं का वास्तविक सामना होते ही ये योजनाएँ धरी की धरी रह जाती हैं। तब उसे यथार्थ स्थिति को देखकर काम करना पड़ता है। इस पाठ में लेखक ने सोचा था कि कुएँ में उतरकर वह डंडे से साँप को मार देगा और चिट्ठियाँ उठा लेगा, परंतु कुएँ का कम व्यास देखकर उसे लगा कि यहाँ तो डंडा चलाया ही नहीं जा सकता है। उसने जब साँप को फन फैलाए अपनी प्रतीक्षा करते पाया तो साँप को मारने की योजना उसे एकदम मिथ्या और उलटी लगने लगी।

प्रश्न 9. ‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’-पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- लेखक ने कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने के लिए कुएँ में उतरने का दृढ़ निश्चय कर लिया। इस दृढ़ निश्चय के सामने फल की चिंता समाप्त हो गई। उसे लगा कि कुएँ में उतरने तथा साँप से लड़ने का फल क्या होगा, यह सोचना उसका काम नहीं है। परिणाम तो प्रभु-इच्छा पर निर्भर है। इसलिए वह फल की चिंता छोड़कर कुएँ में घुस गया।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.बड़े भाई द्वारा बुलाए जाने की बात सुनकर लेखक की क्या दशा हुई और क्यों ?

उत्तर- बड़े भाई द्वारा बुलाई जाने की बात सुनकर लेखक घबरा गया। उसे बड़े भाई द्वारा पिटाई किए जाने का भय सता रहा था। वह कडी सरदी और ठंडी हवा के प्रकोप के बीच अपने छोटे भाई के साथ झरबेरी के बेर तोड़-तोड़कर खा रहा था। कहीं बेर खाने के अपराध में ही तो उसे नहीं बुलाया जा रहा था।

प्रश्न 2. लेखक को अपने पिटने का भय कब दूर हुआ?

उत्तर- लेखक अपने बड़े भाई के बुलाने पर सहमा-सा घर आया तो देखा कि उसके बड़े भाई पत्र लिख रहे हैं। भाई को पत्र लिखते देखकर वह समझ गया कि उसे इन पत्रों को डाकखाने में डालने के लिए ही बुलवाया होगा। यह सोचकर उसे अपने पिटने का भय जाता रहा।

प्रश्न 3. डाकखाने में पत्र डालने जाते समय लेखक ने क्या-क्या तैयारियाँ कीं और क्यों?

उत्तर- डाकखाने में पत्र डालने जाते समय लेखक ने निम्नलिखित तैयारियाँ कीं-

  • उसने और उसके छोटे भाई ने अपने-अपने कानों को धोती से बाँधा।
  • उसने अपना मजबूत बबूल का डंडा साथ लिया।
  • उनकी माँ ने उन्हें भुनाने के लिए चने दिए।
  • उन्होंने सिर पर टोपियाँ लगाईं।
  • उन्होंने ये तैयारियाँ इसलिए की क्योंकि सरदी के मौसम में तेज़ हवा हड्डियों को भी कँपा रही थी।

प्रश्न 4. लेखक को अपने डंडे से इतना मोह क्यों था?

उत्तर- लेखक को अपने डंडे से इतना मोह इसलिए था, क्योंकि-

  • उसने इस डंडे से अब तक कई साँप मारे थे।
  • वह इस डंडे से आम के पेड़ों से प्रतिवर्ष आम तोड़ता था।
  • उसे अपना मूक डंडा सजीव-सा लगता था।

प्रश्न 5. कुएँ में साँप होने का पता लेखक एवं अन्य बच्चों को कैसे चला?

उत्तर- लेखक और उसके साथ अन्य बच्चे मक्खनपुर पढ़ने जाते थे। उसी रास्ते में छत्तीस फुट गहरा सूखा कच्चा कुआँ था। लेखक ने एक स्कूल से लौटते हुए उसमें झाँक कर देखा और एक ढेला इसलिए फेंका ताकि वह ढेले की आवाज़ सुन सके, पर ढेला गिरते ही उसे एक फुसकार सुनाई दी। इस तरह वे जान गए कि कुएँ में साँप है।

प्रश्न 6. लेखक पर बिजली-सी कब गिर पड़ी?

उत्तर- लेखक अपने छोटे भाई के साथ मक्खनपुर डाक में चिट्ठियाँ डालने जा रहा था। उसके साथ उसका छोटा भाई भी था। उस रास्ते में एक कुआँ पड़ता था जिसमें साँप गिर पड़ा था। लेखक के मन में उसकी फुसकार सुनने की इच्छा जाग्रत हुई। उसने एक हाथ से टोपी उतारी और उसी समय दूसरे हाथ से ढेला कुएँ में फेंका। टोपी उतारते ही उसमें रखी चिट्ठियाँ कुएँ में चक्कर काटते हुए गिर रही थी। चिट्ठियों की ऐसी स्थिति देखकर लेखक पर बिजली-सी गिर पड़ी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लेखक को माँ की याद कब और क्यों आई?

उत्तर- लेखक अपने भाई द्वारा लिखी चिट्ठियाँ डाक में डालने जा रहा था कि उसके मन में कुएँ में गिरे साँप की फुफकार सुनने की इच्छा जाग उठी। उसने ढेला फेंकने के लिए ज्यों ही अपने सिर से टोपी उतारी उसमें रखी टोपियाँ चक्कर काटती हुई कुएँ में गिर पड़ीं। लेखक निराशा, पिटने के भय, और उद्वेग से रोने का उफ़ान नहीं सँभाल पा रहा था। इस समय उसे माँ की गोद की याद आ रही थी। वह चाहता था कि माँ आकर उसे छाती से लगा ले और लाड-प्यार करके कह दे कि कोई बात नहीं, चिट्ठियाँ फिर लिख ली जाएँगी। उसे विश्वास था कि माँ ही उसे इस विपदा में सच्ची सांत्वना दे सकती है।

प्रश्न 2. ‘लेखक चिट्ठियों के बारे में घर जाकर झूठ भी बोल सकता था, पर उसने ऐसा नहीं किया’ इसके आलोक में लेखक की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताइए कि आप लेखक के चरित्र से किन-किन विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे?

उत्तर लेखक जानता था कि जिस कुएँ में उससे चिट्ठियाँ गिर गई हैं, उसमें जहरीला साँप रहता था। उसके पास से चिट्ठियाँ उठाना अत्यंत जोखिम भरा था। वह चिट्ठियों के बारे में घर आकर झूठ-भी बोल सकता था, पर उसने झूठ बोलने के बजाय कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने का जोखिम भरा कार्य किया। लेखक के चरित्र में सत्यनिष्ठा थी, जो उसके झूठ बोलने की सोच पर भारी पड़ रही थी। वह साहसी और बुद्धिमान था, जिसके बल पर वह पहले भी कई साँप मार चुका था। उसका संकल्प और आत्मबल मज़बूत था जिसके सहारे वह असंभव को भी सरल काम समझ रहा था। इसी के बल पर उसने योजनानुसार अपना काम किया। मैं लेखक के चरित्र से सत्यनिष्ठ, प्रत्युत्पन्नमति, साहसी, बुद्धि से काम करने की कला तथा दृढ़ संकल्प जैसे गुण अपनाना चाहता हूँ।

प्रश्न 3. कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने में उसके भाई का कितना योगदान था? इससे लेखक के चरित्र में किन-किन जीवन मूल्यों की झलक मिलती है?

उत्तर- लेखक कुएँ से चिट्ठियाँ निकालने का काम संभवतः करने की सोच भी न पाता, यदि उसे अपने भाई का सहयोग न मिलता। लेखक ने दृढ़ संकल्प से अपनी दुविधा पर विजयी पाई। उसने चिट्ठियाँ निकालने के लिए अपनी दो धोतियाँ तथा अपने छोटे भाई की दोनों धोतियों के अलावा वह धोती भी बाँधी जिसमें भुनवाने के लिए चने बँधे थे, को परस्पर बाँधा। अब उसके छोर पर एक डंडा बाँधकर उसने कुएँ में लटका दिया और दूसरे हिस्से को कुएँ की डेंग में बाँधकर इसे अपने भाई को पकड़ा दिया। इसके बाद वह चिट्ठियाँ उठाने के लिए कुएँ में उतर गया। अदम्य साहस और बुद्धि कौशल का परिचय देते हुए चिट्ठियाँ निकालने में वह सफल हो गया। इस कार्य से लेखक के साहसी होने, बुद्धिमान होने, योजनानुसार कार्य करने तथा भाई से असीम लगाव रखने जैसे उच्च जीवन मूल्यों की झलक मिलती है।

प्रश्न 4. लेखक ने किस तरह अत्यंत सूझ-बूझ से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया? ‘स्मृति’ पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए। इससे आपको क्या सीख मिलती है?

उत्तर- ‘स्मृति’ पाठ में लेखक को उसके भाई ने डाक में डालने की चिट्ठियाँ दी थीं। उसकी असावधानी के कारण ये चिट्ठियाँ उस कुएँ में गिर गईं, जिसमें विषधर बैठा था। उसके पास से चिट्ठियाँ उठाना शेर के जबड़े से माँस खींचने जैसा कठिन और जोखिम भरा था, जिसमें जरा-सी चूक जानलेवा साबित हो सकती थी। यद्यपि ऐसा करने के पीछे एक ओर उसमें जिम्मेदारी का भाव था, तो दूसरी ओर भाई से पिटने का भय परंतु उसने अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास, धैर्य, विपरीत परिस्थितियों में बुद्धिमानी से काम करने की कला के कारण वह मौत के मुँह से चिट्ठियाँ उठा लिया और मौत को ठेंगा दिखा दिया। इस घटना से हमें यह सीख भी मिलती है कि ऐसी घटनाओं को हमें प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए और ऐसा कार्य करने से पहले अपने से बड़ों की राय-सलाह अवश्य लेनी चाहिए, ताकि हम किसी अनहोनी का शिकार न बनें।

प्रश्न 5. ‘स्मृति’ कहानी हमें बच्चों की दुनिया से सच्चा परिचय कराती है तथा बाल मनोविज्ञान का सफल चित्रण करती है। इससे आप कितना सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- ‘स्मृति’ कहानी का समूचा कथानक बच्चों की दुनिया के आसपास ही घूमता है। इसमें एक ओर बाल मनोविज्ञान का सुंदर चित्रण है तो बाल सुलभ क्रीड़ाओं का संचार भी रचा-बसा है। इसके अलावा बालकों के साहस, बुद्धि, उत्साह के कारण खतरे को अनदेखा करने जैसे क्रियाकलापों का भी उल्लेख है। कहानी की शुरुआत में ही बच्चों को कड़ी ठंड में झरबेरी तोड़कर खाते हुए चित्रित किया गया है, जिसमें उन्हें असीम आनंद मिलता है परंतु भाई द्वारा बुलाए जाने की बात सुनकर यह आनंद तुरंत भय में बदल जाता है परंतु भाई का पत्र लिखता देख उसके मन से भय गायब हो जाता है।

बच्चे स्कूल जाते हुए उछल-कूद और हँसी मजाक ही नहीं वरन् तरह-तरह की शरारतें भी करते हैं। वे कुएँ में पड़े साँप की फुफकार सुनने के लिए उसमें मिट्टी का ढेला फेंककर हर्षित होते हैं। गलती हो जाने पर वे पिटाई से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने सोचते हैं तो समय पर जि मेदारी की अनुभूति करते हैं और जान जोखिम में डालने से भी पीछे नहीं हटते हैं। इस तरह यह कहानी बाल मनोविज्ञान का सफल चित्रण करती है। 

We hope that class 9 Hindi (Sanchayan) Chapter 2 स्मृति Important Questions in Hindi helped you. If you have any queries about class 9 Hindi (Sanchayan) Chapter 2 स्मृति Important Questions in Hindi or about any other Important Questions of class 9 Hindi (Sanchayan) in Hindi, so you can comment below. We will reach you as soon as possible.

हमें उम्मीद है कि कक्षा 9 हिंदी (संचयन) अध्याय 2 स्मृति हिंदी के महत्वपूर्ण प्रश्नों ने आपकी मदद की। यदि आपके पास कक्षा 9 हिंदी (संचयन) अध्याय 2 स्मृति के महत्वपूर्ण प्रश्नो या कक्षा 9 के किसी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न, नोट्स, वस्तुनिष्ठ प्रश्न, क्विज़, या पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के बारे में कोई सवाल है तो आप हमें [email protected] पर मेल कर सकते हैं या नीचे comment कर सकते हैं। 


Share Now on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *