नमक Important Questions || Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 16 in Hindi ||

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पाठ – 16

नमक 

In this post we have mentioned all the important questions of class 12 Hindi (Aroh) chapter 16 नमक in Hindi

इस पोस्ट में कक्षा 12 के हिंदी (आरोह) के पाठ 16 नमक के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं हिंदी विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
Subjectहिंदी (आरोह)
Chapter no.Chapter 16
Chapter Nameनमक
CategoryClass 12 Hindi (Aroh) Important Questions
MediumHindi
Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 16 नमक Important Questions

Chapter 16 नमक

पाठ के साथ

प्रश्न 1. सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?

उत्तर: नमक की पुड़िया को लेकर सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए या चोरी से छिपाकर। सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से मना कर दिया क्योंकि पाकिस्तान से भारत को नमक का निर्यात प्रतिबंधित था। यह गैर-कानूनी था। दूसरे, कस्टम अधिकारी नमक की पुड़िया निकल आने पर बाकी सामान की भी चिंदी-चिंदी बिखेर देंगे। इससे बदनामी भी होगी। तीसरे, भारत में पर्याप्त मात्रा में नमक है।

प्रश्न 2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था?

उत्तर: जब भावना के बदले बुद्धि हावी होने लगी तो सफ़िया का मन द्वंद्व ग्रस्त हो गया। वह सोचने लगी कि कस्टम वाले पुड़िया ले जाने देंगे या नहीं। यदि उन्होंने उसे न जाने दिया तो उसके वायदे का क्या होगा। वही वायदा जो उसने सिख बीबी से किया। सफ़िया जोकि सैयद थी, इसलिए उसने सोचा कि यदि वह नमक न ले गई तो क्या होगा, क्योंकि सैयद लोग कभी भी वायदा नहीं तोड़ते। जान देकर भी यह वायदा पूरा करना होगा।

प्रश्न 3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफ़िसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

उत्तर: सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो इधर कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप खड़े थे। सिख बीवी का प्रसंग छिड़ने पर उन्हें अपने वतन की याद आ रही थी। वे सिख बीवी व सफ़िया की भावना से भी प्रभावित थे। उन्हें दूसरी जगह आकर भी अपने वतन की चीजें बहुत याद आ रही थीं। राजनीतिक उद्देश्यों ने सबको एक-दूसरे से अलग कर दिया।

प्रश्न 4. लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार. किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं?

उत्तर: इन उद्गारों से यही स्पष्ट होता है कि चाहे राजनीति या भूगोल देश की सीमाओं को बाँट दे अथवा देश को टुकड़ों में बाँट दे लेकिन लोगों के मन को नहीं अलग किया जा सकता। लोगों का मन किसी भी तरह से इस बँटवारे को नहीं स्वीकारता । एक पाकिस्तानी को दिल्ली प्यारी है तो एक हिंदुस्तानी को लाहौर प्यारा है।

प्रश्न 5. नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: नमक ले जाते समय सफ़िया के मन में अनेक द्वंद्व उठे। इससे उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ उभरकर आती हैं-

  • भावुक-सफ़िया भावुक है। वह सिख बीवी की भावनाओं को मानती है तथा उसी के आधार पर लाहौरी नमक भारत ले जाना चाहती है। यह गैर-कानूनी है, यह जानते हुए भी वह भावनाओं को बड़ा मानती है।
  • वायदे की पक्की-सफ़िया सैयद है। सैयद होने के नाते वह अपने वायदे को किसी भी कीमत पर पूरा करना चाहती है। वह नमक ले जाने के लिए हर गलत-सही तरीके पर विचार करती है।
  • व्यावहारिक-सफ़िया व्यावहारिक है। वह प्रेम के तोहफे को चोरी से नहीं ले जाना चाहती। वह दोनों देशों के कस्टम अधिकारियों के सामने अपनी बात रखती है तथा अपने तकों से उन्हें अपने पक्ष में करने में सफल हो जाती है। इस तरीके से वह नमक की पुड़िया लाने में सफल होती है।

प्रश्न 6. मानचित्र पर एक लकीर खींच देने से ज़मीन और जनता बँट नहीं जाती है-उचित तर्को व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि कीजिए।

उत्तर: राजनीति और कूटनीति के चलते देश के टुकड़े हो जाते हैं। देश कई टुकड़ों में बँट जाता है। भारत भी कूटनीति का शिकार रहा है। भारत आज पाकिस्तान और बांग्लादेश के कारण तीन टुकड़ों में बँटा हुआ है लेकिन सौभाग्य इस बात का है कि लोगों के दिलों में किसी भी प्रकार की दरार (लकीर) नहीं खिंची है। लोग आज भी एक-दूसरे से मिलते हैं। उनमें वही भाईचारा और प्यार कायम है। हिंदुस्तान में इन दोनों देशों के नागरिक आते-जाते हैं। यहाँ से नागरिक इन देशों में जाते हैं। वे एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करते हैं।

प्रश्न 7. ‘नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला है, कैसे?

उत्तर: नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है। उनमें प्रेम और स्नेह का स्वाद है। इस स्वाद में अपनापन है। लेखिका का अपने भाइयों, परिचितों से स्नेह, सिख बीवी का लाहौर से लगाव, कस्टम अधिकारियों का दिल्ली व ढाका से जुड़ाव-ये सब दोनों देशों की जनता के बीच स्नेह को दर्शाते हैं।

क्यों कहा गया?

प्रश्न 1. क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

उत्तर: सफ़िया ने यह बात इसलिए कही है कि सब कानूनों से ऊपर है इंसानियत। इंसानियत से ही सारी बातें जन्म लेती हैं। कानून हुकूमत के हो सकते हैं लेकिन इंसानियत तो प्रेम और भाईचारे का कानून सिखाता है। जिस आदमी में इंसानियत नहीं है वह पशु है, जानवर है।

प्रश्न 2. भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।

उत्तर: सफ़िया के भाई ने कानूनी पक्ष बताकर नमक की पुड़िया को ले जाने के लिए मना कर दिया था। उस समय वह भाई पर बिगड़ी और इंसानियत, प्रेम आदि की दुहाई दी। पर जब गुस्सा उतर गया तो उसने पुड़िया ले जाने के तरीके के बारे में सोचना शुरू किया। उसने अनेक विकल्प सोचे, परंतु हर बार कानून का डर सामने आया। अंत में उसने इसे टोकरी में कीनुओं के नीचे छिपाकर ले जाने का निर्णय किया।

प्रश्न 3. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।

उत्तर: ये शब्द कस्टम अधिकारी ने कहे। उसने सफ़िया से कहा कि कानून अपनी जगह है लेकिन मुहब्बत के आगे कानून की भी नहीं चलती। जब मुहब्बत आगे आड़े आ जाए तो कानून धरे रह जाते हैं। वास्तव में इस दुनिया में इंसानियत सब कानूनों से परे हैं।

प्रश्न 4. हमारी जमीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है!

उत्तर: भारतीय कस्टम अधिकारी सुनील दास गुप्ता ढाका को अपना वतन मानते हैं। लेखिका की पूरी बात सुनकर उन्हें अपनी जमीन, डाभ आदि की याद आती है। वे भावुक हो उठते हैं और यह बात कहने लगते हैं।

समझाइए तो जरा

प्रश्न 1. फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं।

उत्तर: लेखिका के कहने का अभिप्राय यही है कि जब कोई अपने वतन को याद करता है अथवा उसे अपना वतन याद आ जाता। है तो उसकी आँखों से आँसू की बूंदे टपकने लगती हैं। वह उसके सफ़ेद आँचल में सितारे की तरह टूटकर समा जाते हैं। यादों की बौछारों से उनकी पलकें भींग जाते हैं।

प्रश्न 2. किसका वतन कहाँ है-वह जो कस्टम के इस तरफ़ है या उस तरफ़।

उत्तर: भारत लौटने के समय सफ़िया अमृतसर के स्टेशन पुल पर चढ़ती हुई यह सोच रही है। सिख बीवी लाहौर को अपना वतन बताती है, पाक कस्टम अफ़सर दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अफ़सर ढाका को अपना वतन बताता है जबकि ये तीनों ही अलग देशों में रहते हैं। इनका मन अपनी जन्मभूमि में है तथा इनका कार्यक्षेत्र व निवास अलग क्षेत्र में है।

पाठ के आस-पास

प्रश्न 1. नमक’ कहानी में हिंदुस्तान, पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान संदर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘नमक’ कहानी में हिंदुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। आज के संदर्भ में स्थिति बदल गई है। वस्तुत: विभाजन के समय की पीढ़ी आज लगभग समाप्त हो गई है। अब उनका स्थान उस पीढ़ी ने ले लिया है जो इसी देश में जन्मी, पली व बड़ी हुई है। उनका अपने पिता या दादा के जन्म-स्थान से लगाव नहीं के बराबर हैं। उनके जेहन में विभाजन की कड़वी यादें भी नहीं हैं। अत: अब दोनों देशों के लोगों के बीच भावनात्मक लगाव पहले की तुलना में काफी घट गया है। इसके बावजूद सांस्कृतिक स्तर पर दोनों देशों की एकता को बनाने के लिए प्रयास किए जाते हैं।

प्रश्न 2. सफ़िया की मन:स्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफ़िया की जगह होते/होतीं तो क्या आपकी मन:स्थिति भी वैसी ही होती ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: सफ़िया की मनः स्थिति बिलकुल समयानुरूप थी। जिस द्वंद्व में वह घिरी थी वह उसकी परिस्थितियों की देन है। सफ़िया का मन भावनाओं की कद्र करता है। उसे किसी कानून या नियम की परवाह नहीं है। जब उसकी भावना परे बुधि हावी होने लगी तो उसने बुधि से काम लिया। यदि मैं उसकी जगह होता/होती तो हमारी मनः स्थिति भी वैसी ही होती क्योंकि भावना और बुद्धि दोनों में बहुत अंतर होता है। जब ये दोनों टकराने लगे तो मन का विचलित होना स्वाभाविक है।

प्रश्न 3. भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए दोनों सरकारें प्रयासरत हैं। व्यक्तिगत तौर पर आप इसमें क्या योगदान दे सकते/सकती हैं?

उत्तर: भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर निम्नलिखित योगदान दे सकता हूँ

  • मैं व्यक्तिगत तौर पर अपने मन से शत्रुता का भाव बाहर निकाल दूँगा।
  • मैं अन्य नागरिकों के मन से भी पाक के प्रति भरे जहर को बाहर निकालने की कोशिश करूंगा।
  • सांस्कृतिक व खेल-कूद के स्तर पर वहाँ से आई टीमों का दिल से स्वागत करूंगा।
  • सूचना क्रांति के युग में इंटरनेट के माध्यम से वहाँ के नागरिकों को अपनी भावनाएँ प्रेषित करूंगा।

प्रश्न 4. लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सफ़िया व सिख बीबी के माध्यम से यह भी परोक्ष रूप से संकेत किया है कि इसमें भी विवाह की रीति के कारण स्त्री सबसे अधिक विस्थापित है। क्या आप इससे सहमत हैं?

उत्तर: हम लेखिका के दृष्टिकोण से बिलकुल सहमत हैं। विवाह के बाद स्त्री को विस्थापित होना पड़ता है। यदि वह एक शहर को छोड़कर दूसरे शहर जाए तो भी विस्थापित हो जाती है जबकि सिख बीबी और सफ़िया तो दूसरे मुल्क में ही रह गई जो कि विवाह के बाद स्वाभाविक था। स्त्री अपने जीवन में सर्वाधिक विस्थापित होती है। उसके साथ यह समस्या रहती है। विवाह की रीति ही ऐसी है कि स्त्री को परदेस जाना ही पड़ता है। ऐसे में वह इस विस्थापन का दंश सबसे अधिक भोगती है।

प्रश्न 5. विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमिकाएँ हो सकती हैं-रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला। इनमें से कौन सबसे ताकतवर है और क्यों ?

उत्तर: विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमियाँ हो सकती हैं-रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला। इनमें से सबसे ज्यादा ताकतवर साहित्य व कला माध्यम हो सकता है। यह माध्यम भावनाओं पर आधारित है तथा यह पारस्परिक सौहाद्र को बढ़ाता है। रक्त-संबंधों का दायरा भी सीमित होता है। कलाकार व साहित्यकार पूरे समूह की पीड़ा, दुख-सुख आदि भावनाओं को व्यक्त करता है। इससे दूरियाँ समाप्त हो जाती हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों के हिंदी रूप लिखिए। –

मुरौवत, आदमियत, अदीब, साडा, मायने, सरहद, अक्स, लबोलहजा, नफीस

उत्तर:

  • मुरौवत – भलमनसी, संकोच, लिहाज
  • आदमियत – इंसानियत
  • अदीब – साहित्यकार, लेखक
  • साडी – मेरा, हमारा
  • मायने – अर्थ
  • सरहद – सीमा (देश की)
  • अक्स – प्रतिबिंब
  • लबोलहज़ा – कहने का ढंग, बोलने का तरीका
  • नफीस – उत्तम, सुंदर, बढ़िया।

सृजन के क्षण

प्रश्न 1. नमक’ कहानी को लेखिका ने अपने नजरिये से अन्य पुरुष शैली में लिखा है। आप सफ़िया की नजर से/उत्तम पुरुष शैली में इस कहानी को अपने शब्दों में कहें।

उत्तर: उस सिख बीबी को देखकर मैं हैरान रह गई थी। उसका चेहरा-मोहरा, चाल-ढाल बिलकुल मेरी अम्मा जैसा था। वह दुपट्टा भी मेरी माँ की तरह ओढ़ती थी। जब मैंने उसे कई बार मोहब्बत भरी नज़रों से देखा तो उसने भी मेरे घर-बार के बारे में जानने की इच्छा जाहिर कर दी। हम दोनों में यूँ ही बातें होती रही। कब हम एक-दूसरे के गहरे परिचित बन गए, यह न मुझे पता चला न उसे। जब मैंने उससे कहा कि मैं अगले सप्ताह लाहौर जा रही हूँ तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने कहा कि आते वक्त मेरे लिए लाहौरी नमक ले आना। मैं उसकी इस बात को मान गई। जब पंद्रह दिन लाहौर में रहकर मैं वापिस अपने वतन आने लगी तो मैंने नमक की पुड़िया बना ली।

इस पर मेरे भाईजान ने मुझसे कहा कि नमक (लाहौरी) ले जाना गैरकानूनी है। इस बात पर हम दोनों में तीखी नोंक-झोंक हुई। काफ़ी मशक्कत के बाद मैंने ठान लिया कि मैं अपनी अम्मी जान से किया वादा ज़रूर निभाऊँगी। मैंने कस्टम वालों (पाकिस्तानी) को सारी बात बता दी, इस बात पर वे राजी हो गए कि मैं नमक ले जा सकती हैं। यह तो प्रेम का तोहफा है। जब मैं हिंदुस्तान की सरहद को पार करके अमृतसर स्टेशन पर पहुँची तो वहाँ भी मैंने वही बात दुहराई। एक बाँग्ला अधिकारी मुझे वेटिंग रूम (प्रतीक्षालय) में ले गया। जब उसने एक पुलिस वाले को बुलाया तो मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने पुलिसवाले से दो चाये मँगवाई। हमने चाय पी और बातें की।

चलते वक्त उसने मेरा बैग उठा रखा था। इस तरह मैं तनाव से मुक्त हो गई। उसने चलते वक्त भी मुझसे बातें की। उसकी बातों से मैं जान गई कि वह ईस्ट बंगाल का है और यहाँ आकर नौकरी कर रहा है। उसने यह भी बताया कि ईस्ट बंगाल की जमीन और पानी बहुत उपजाऊ और निर्मल (साफ़) है। जब मैं अमृतसर के पुल पर चढ़ रही थी तो सोचने लगी कि आखिर वतन है कौन-सा? किसका वतन है कहाँ? वतन वह है जो कस्टम से इधर है या फिर वह है जो उस तरफ। इस तरह सोचती-सोचती मैं अपने घर वापिस लौट आई। मेरा मन इस प्रश्न का उत्तर हूँढ़ता रहा।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. भारत-पाकिस्तान के बीच वर्तमान संबंध कैसे हैं?

उत्तर: यद्यपि विभाजन के बाद दोनों देशों के संबंधों में कई वर्षों तक तनाव का माहौल रहा है? लेकिन पिछले 5-7 वर्षों से दोनों के बीच संबंधों में भाई-चारे और आपसी लेन-देन की भावना बढ़ी है। रेल, सड़क, यातायात बहाल हुआ है। आज दोनों के बीच संबंध काफ़ी सुधरे हैं। कला, साहित्य, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से दोनों देशों में सौहार्दपूर्ण माहौल बनता जा रहा है।

प्रश्न 2. लेखिका को भारतीयों के प्रति क्या दृष्टिकोण है?

उत्तर: लेखिका भारतीयों और पाकिस्तानियों को एक ही दृष्टि से देखती है। उसके मन में दोनों के प्रति भरपूर प्यार है। सिख बीबी और सफ़िया के द्वारा उसने इसी तथ्य की पुष्टि की है। लेखिका भारतीयों के सहिष्णु प्रेमी त्यागी मानती है। उसके मत में भारतीय कर्मठ और ईमानदार होते हैं, किया हुआ वायदा निभाते हैं।

प्रश्न 3. क्या सफ़िया परोक्ष रूप से लेखिका है?

उत्तर: बिलकुल, कई बातों से सफ़िया लेखिका का ही प्रतिरूप दिखाई पड़ती है। उसने इस काल्पनिक पात्र के माध्यम से अपनी व्यक्तिगत भावनाओं और अवधारणाओं को प्रस्तुत किया है। वह वास्तव में मुस्लिम औरत की प्रतिनिधि बनकर न केवल पाकिस्तानी बल्कि भारतीय स्त्री की परिधि का चित्रण करती है।

प्रश्न 4. क्या विभाजन से दिलों में दरार पड़ जाती है?

उत्तर: बिलकुल नहीं। विभाजन तो राजनीतिज्ञों अथवा भौगोलिक परिस्थितियों की देन है। विभाजन दो देशों, दो सरहदों के बीच होता है। लेकिन लोगों के दिलों में कभी दरार नहीं पड़ती उनकी संवेदनाएँ, भावनाएँ वही रहती हैं। वे कभी भी एक-दूसरे से जुदा नहीं होते। शरीर रूप से बेशक जुदा हो जाएँ लेकिन मन से कभी भी नहीं।

प्रश्न 5. पाठ की संवाद योजना कैसी है, बताइए।

उत्तर: पाठ की संवाद योजना चुस्त और प्रभावोत्पादक है। संवाद पात्रों की मनोस्थिति और उनकी चारित्रिक विशेषताओं को उजागर करने में सर्वथा सक्षम है। छोटे-छोटे संवादों के माध्यम से लेखिका ने गंभीर भावों का प्रस्तुतीकरण किया है, जैसे –

“तो तुम कल चली जाओगी?”

“हाँ”

“अब कब आओगी?”

मालूम नहीं, शायद अगले साल। शायद कभी नहीं।”

इस तरह लंबे संवादों में भी सरसता और भावात्मकता दिखाई देती है; जैसे –

“अगर एक भी चीज ऐसी-वैसी निकल आई तो आपके सामान की चिंदी-चिंदी बिखेर देंगे कस्टम वाले। कानून जो … वह बिगड़कर बोली, निकल आने का क्या मतलब, मैं क्या चोरी से ले जाऊँगी? छिपा के ले जाऊँगी “भई ये तो बहुतही गलत काम करेंगी आप … कानून।”

प्रश्न 6. सिख बीबी की शारीरिक बनावट के बारे में लेखिका ने क्या कहा है?

उत्तर: सिख बीबी की शारीरिक बनावट के बारे में सफ़िया के माध्यम से कहा है-लेखिका कहती है कि उन सिख बीबी को देखकर सफ़िया हैरान रह गई थी। किस कदर वह उसकी माँ से मिलती थी। वही भारी भरकम शरीर जिसमें, छोटी-छोटी चमकदार आँखें, जिसमें नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगाया करती थी। चेहरा जैसे कोई खुली हुई किताब। वैसा ही सफ़ेद बारीब मलमल का दुपट्टा जैसा उसकी अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थी।

प्रश्न 7. इस पाठ के आधार पर किसी एक घटना के परिवेश का वर्णन लिखिए।

उत्तर: लेखिका ने कीर्तन के परिवेश का सुंदर और यथार्थ चित्रण किया है; जैसे – कीर्तन कोई ग्यारह बजे खत्म हुआ। जब वे प्रसाद हाथ में लिए उठने लगीं और सफ़िया के सलाम के जवाब में दुआएँ देती हुई रूखसत होने लगीं तब सफ़िया ने धीमें से पूछा-आप लाहौर की कोई सौगात माँगना चाहें तो मुझे हुक्म चाहिए। यह घटना परिवेश का यथार्थ अंकन है।

प्रश्न 8. ‘नमक’ कहानी की प्रासंगिकता पर विचार कीजिए। 

उत्तर: ‘नमक’ कहानी भारत-पाक विभाजन के बाद दोनों देशों के विस्थापित लोगों के दिलों को टटोलती मार्मिक कहानी है। लाहौर से आई सिख बीबी लाहौर को अपना वतन मानती है तथा लेखिका को वहाँ से नमक लाने को कहती है। पाकिस्तान में कस्टम अधिकारी दिल्ली को अपना वतन मानता है और उसे नमक ले जाने देता है। दिल्ली का कस्टम अधिकारी ढाका को अपना वतन मानता है। वस्तुतः ज़मीन पर खींची हुई रेखाएँ लोगों के दिलों को नहीं बाँटती।

प्रश्न 9. सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया। ऐसा क्यों?

उत्तर: सफ़िया को लाहौर और अमृतसर में कोई अंतर महसूस नहीं हुआ क्योंकि दोनों नगरों की जमीन, बोली, पहनावा आदि एक जैसा था। दोनों तरफ़ के लोग एक ही भाषा में बात कर रहे थे। उनके मिलने का तरीका एक था। इसलिए सफ़िया को समझ नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और अमृतसर शुरू हो गया।

प्रश्न 10. ‘नमक’ कहानी में ‘नमक’ किस बात का प्रतीक है। इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव किस प्रकार दोनों तरफ़ के लोगों को भावुक करता है?

उत्तर: ‘नमक’ कहानी में नमक प्रेम व सद्भावना के तोहफे का प्रतीक है। ‘वतन’ शब्द का भाव ही है कि देश का बँटवारा होने के बावजूद लोगों के अंदर अपनी जन्मभूमि से लगाव समाप्त नहीं होता। वतन की याद हरेक के मन में कहीं-न-कहीं दबी हुई है। देश की सीमाएँ बहने के बावजूद दोनों तरफ के लोगों को अपनी जन्मभूमि की याद आती है।

प्रश्न 11. ‘नमक’ कहानी तो वहीं समाप्त हो जाती है, जहाँ नमक की पुड़िया लौटाता हुआ कस्टम अधिकारी कहता है-‘लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली, मेरा…।’ अमृतसर वाला प्रसंग तो कहानी में पैबंद-सा लगता है। उपर्युक्त कथन पर तर्कसम्मत टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: यह कथन सही नहीं है। कहानी का मुख्य उद्देश्य मानव-मन की एकता बताता है। देशों की सीमाएँ बँट जाती हैं, परंतु दिल नहीं विभाजित होता। वह अपनी जन्मभूमि से कभी अलग नहीं होता। अमृतसर वाला प्रसंग कहानी के दूसरे पहलू को व्यक्त करता है। कहानी का पहला अंश भारत-पाक विभाजन पर आधारित है, परंतु दूसरा अंश पाक-बांग्लादेश विभाजन पर आधारित है। भारत में रहने के बावजूद उसे ढाका की याद आती है।

प्रश्न 12. ‘नमक’ कहानी में सफ़िया एक पुड़िया नमक लाने के लिए इतनी व्यग्रता और तत्परता क्यों दिखाती है? यह घटना किस मानवीय पहलू को रेखांकित करती है?

उत्तर: ‘नमक’ कहानी में सफ़िया एक पुड़िया नमक लाने के लिए अत्यधिक व्यग्रता व तत्परता दिखाती है। यह उसके भावनात्मक रूप को दर्शाता है। लेखिका सिख बीबी को दिया हुआ वचन पूरा करना चाहती है। उसकी इच्छा पूरी करने के लिए वह कानून तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है। यह घटना मानवता, भाई-चारे, उदारता व सहिष्णुता को रेखांकित करती है।

प्रश्न 13. ‘नमक’ कहानी में नमक की पुड़िया इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों हो गई है? कस्टम अधिकारी उसे लौटाते हुए भावुक क्यों हो उठा?

उत्तर: इस कहानी में नमक की पुड़िया के महत्त्वपूर्ण बनने का यह कारण है कि भारत-पाक के बीच नमक का व्यापार गैरकानूनी था। दूसरे, यह विभाजन की यादों से जुड़ी है। कस्टम अधिकारी नमक की पुड़िया लौटाते हुए भावुक हो उठा क्योंकि हर व्यक्ति को जन्मभूमि से लगाव होता है। उस प्रेम की अनुभूति से वह भावुक हो उठा।

प्रश्न 14. ‘नमक’ कहानी भारत-पाक के विभाजन के बावजूद मानवीय भावनाओं की समानता की कथा है। टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: ‘नमक’ कहानी में भारत व पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं व संवेदनाओं को उभारा गया है। आज भी कलाकार व व्यापारी दोनों देशों में जाने के लिए लालायित रहते हैं। आम जनता भी इस विभाजन से दुखी है। भारत से उन्हें वे तमाम सुविधाएँ आसानी से मिल सकती हैं जिसके लिए उन्हें विदेशों में जाना पड़ता है।

प्रश्न 15. सफ़िया के लिए नमक इतना महत्त्वपूर्ण क्यों था? नमक लाने में किन-किन का सहयोग मिला?

उत्तर: सफ़िया के लिए नमक लाना बहुत महत्त्वपूर्ण था क्योंकि यह नमक उसकी माँ जैसी महिला ने अपने जन्मस्थान से मँगवाया था। इस नमक को लाने में उसे लाहौर, दिल्ली के कस्टम अधिकारियों की मदद ली।

प्रश्न 16. ‘उनको यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा। तो बाकी सब रफ्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा।’ ‘नमक’ कहानी में लाहौर के कस्टम अधिकारी के इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तीन तर्क दीजिए।

उत्तर: ‘नमक’ कहानी में लाहौर के कस्टम अधिकारी के इस कथन से सहमत नहीं हुआ जा सकता क्योंकि –

  • राजनीतिक निर्णय भावनाओं पर आधारित नहीं होते।
  • पाकिस्तान व बांग्लादेश का निर्माण विरोध के आधार पर हुआ है।
  • समय बीतने के साथ-साथ नई पीढ़ी विभाजन की त्रासदी को भूल जाती है।

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हमें उम्मीद है कि कक्षा 12 हिंदी (आरोह) अध्याय 16 नमक हिंदी के महत्वपूर्ण प्रश्नों ने आपकी मदद की। यदि आपके पास कक्षा 12 हिंदी (आरोह) अध्याय 16 नमक के महत्वपूर्ण प्रश्नो या कक्षा 12 के किसी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न, नोट्स, वस्तुनिष्ठ प्रश्न, क्विज़, या पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के बारे में कोई सवाल है तो आप हमें [email protected] पर मेल कर सकते हैं या नीचे comment कर सकते हैं। 


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