निर्माण उद्योग Important Questions || Class 12 Geography Book 2 Chapter 8 in Hindi ||

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पाठ – 8

निर्माण उद्योग

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Geography Chapter 8 Manufacturing Industries in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल  के पाठ 8 निर्माण उद्योग के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 8
Chapter Nameनिर्माण उद्योग (Manufacturing Industries)
CategoryClass 12 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 8 निर्माण उद्योग Important Questions in Hindi

Chapter – 8, निर्माण उद्योग

अति लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. पैट्रोकेमिकल उद्योग किसे कहते हैं? 

उत्तर : भूगर्भ से निकले खनिज तेल के परिशोधन के फलस्वरूप कई प्रकार के उत्पादन प्राप्त होते हैं। उसी को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करके कई प्रकार की वस्तुएँ बनती हैं । इसे ही पेट्रोकेमिकल उद्योग कहते हैं। प्लास्टिक उद्योग, सिन्थेटिक वस्त्र उद्योग, उर्वरक आदि पेट्रोकेमिकल उद्योग के उदाहरण है। 

प्रश्न 2. ज्ञान आधारित उद्योग से क्या तात्पर्य है?

उत्तर : अति उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति, वैज्ञानिक, इंजीनियर आदि उत्पादन कार्य में विशिष्ट ज्ञान का उपयोग करते हैं। तो इसे ज्ञान आधारित उद्योग कहते हैं। 

प्रश्न 3. टाटा लोहा और इस्पात कम्पनी को जल प्रदान करने वाली दोनों नदियों के नाम बताइए।

उत्तर : स्वर्ण रेखा और खारकोई। 

प्रश्न 4. विजयनगर इस्पात संयन्त्र कहाँ स्थित है? 

उत्तर : हॉस्पेट (कर्नाटक) में। 

प्रश्न 5. वैश्वीकरण से क्या तात्पर्य है? 

उत्तर : देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना वैश्वीकरण है। इस प्रक्रिया में वस्तुएं, सेवायें, श्रम पूँजी एवं संसाधन एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में स्वतन्त्र रूप से गमन करते हैं। 

प्रश्न 6. औद्योगिक प्रदेश किन्हें कहते हैं? 

उत्तर : किसी निर्धारित क्षेत्र में उद्योगों का संकेन्द्रण होना, श्रमिकों का अधिक होना, औद्योगिक कार्यों में ऊर्जा की खपत अधिक होना और उत्पाद का मूल्य अधिक होना, किसी प्रदेश को औद्योगिक प्रदेश का दर्जा देते हैं। 

प्रश्न 7. रूस के सहयोग से बने भारतीय लौह इस्पात उद्योगों के नाम लिखिये। 

उत्तर : भिलाई इस्पात संयन्त्र एंव बोकारो इस्पात संयन्त्र। 

प्रश्न 8. उत्तर प्रदेश में स्थित सूती वस्त उद्योग का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र कौन सा है? 

उत्तर : कानपुर। 

प्रश्न 9. गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश में किस तरह के उद्योगों का विकास हुआ है? 

उत्तर : यह क्षेत्र खनिज क्षेत्रों एवं ऊर्जा संसाधन क्षेत्र से दूर है अतः यहाँ हल्के एवं बाजार आधार उद्योग विकसित हुये है। जैसे – विद्युत के सामान, वस्त्र, होजरी, मशीन, चमड़ा, साफ्टवेयर उद्योग आदि ।

प्रश्न 10. राउरकेला तथा दुर्गापुर इस्पात संयंत्र की स्थापना किन देशों के ___ सहयोग से हुई? 

उत्तरः राउरकेला-जर्मनी दुर्गापुर-यूनाइटेड किंगडम 

प्रश्न 11. पेट्रो रसायन सेक्टर के अन्तर्गत कार्य करने वाली किन्हीं दो सस्थाओं के नाम बताइये । 

उत्तर : 

1) भारतीय पेट्रो रासायनिक कार्पोरेशन लिमिटेड (IPCL) 

2) पेट्रोफिल्स कोआपरेटिव लिमिटेड

3 अंक वाले प्रश्न

प्रश्न 12. नई औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई? इस नीति के चार मुख्य उद्देश्यों का वर्णन कीजिए? 

उत्तर : नई औद्योगिक नीति की घोषणा 1991 में की गई। इस नीति के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं

1) अब तक प्राप्त किए गए लाभ को बढ़ाना। 

2) पुरानी औद्योगिक नीति की कमियों को दूर करना। 

3) उत्पादकता और लाभकारी रोजगार में स्वपोषित वृद्धि को बनाए रखना है।

4) अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता प्राप्त करना है। 

प्रश्न 13. लोहा इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है। ऐसा क्यों? 

उत्तर : लोहा इस्पात उद्योग आधुनिक औद्योगीकरण की नींव हैं, क्योंकि :

  • यह उद्योग कई उद्योगों को आधारभूत सामान प्रदान करता है। 
  • यह आधुनिक मशीनों, परिवहन तथा यन्त्रों का आधार है इसलिए इसे उद्योगों की कुंजी भी कहा जाता है। 

प्रश्न 14. सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताओ? 

उत्तर : दो सेक्टर हैं – हथकरघा सेक्टर और विद्युत-करघा सेक्टर । उत्पादन भी सीमित है। 

हथकरघा सैक्टर : सैक्टर स्थानिक श्रम तथा कच्चे माल पर निर्भर करता है तथा इसका उत्पादन भी सीमित है। विद्युत करघा सेक्टर में कपड़ा मशीनों द्वारा उत्पादित किया जाता है यह सेक्टर देश के कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत भाग उत्पादित करता है।

प्रश्न 15. वे कौन से कारक है जिनके कारण उद्योगों का केन्द्रीकरण होता है औद्योगिक प्रदेशों को निर्धारित किये जाने के लिये किन सूचकांकों का प्रयोग किया जाता है? 

उत्तर : 

  • औद्योगिक इकाइयों की संख्या
  • औद्योगिक कर्मियों की संख्या
  • उद्योगों में प्रयोग की जाने वाली शक्ति की मात्रा
  • कुल औद्योगिक उत्पाद
  • उत्पादन प्रक्रिया में लगी हुई पूँजी का मूल्य । 

प्रश्न 16. सूती वस्त्र उद्योग का वितरण स्पष्ट करते हुये बताइये कि इस उद्योग के पूरे देश में वितरित होने के प्रमुख कारण क्या है? 

उत्तर : वितरण – सर्वप्रथम मुंबई एवं अहमदाबाद में सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ। तत्पश्चात द० भारत में कोयम्बटूर, मदुरै और बैंगलोर में यह उद्योग फैला। इसके अतिरिक्त नागपुर, इंदौर, शोलापुर, कानपुर, वड़ोदरा आदि केन्द्र बने । आज तमिलनाडु में सबसे अधिक मिले हैं। कारण- समस्त देश में इस उद्योग के विस्तार के प्रमुख कारण हैं  

  • सस्ते स्थानिक श्रम
  • विद्युत शक्ति की उपलब्धता
  • कच्चा माल एवं उत्पादित माल हल्का होने के कारण यह बाज़ार केन्द्रित उद्योग है अर्थात् कच्चे माल (कपास) के स्रोत के पास नहीं वरन् बाज़ार के पास उद्योगों का होना।
  • परिवहन सुविधा का विकास । 

प्रश्न 17. “भारत का साफ्टवेयर उद्योग ज्ञान आधारित उद्योगों में अग्रणी है।” इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिये। 

उत्तर : 

  • आई.टी. साफ्टवेयर एवं सेवा उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग दो प्रतिशत के लिये उत्तरदायी है।
  • भारतीय साफ्टवेयर कम्पनियाँ अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता युक्त है।
  • इस क्षेत्र में रोजगार अवसरों का बड़ी मात्रा में सृजन हुआ है। 

प्रश्न 18. छोटा नागपुर औद्योगिक प्रदेश किन भौगोलिक परिस्थितियों में विकसित हुआ है। तीन बिन्दुओं में वर्णन करें। 

उत्तर : 

  • छोटा नागपुर औद्योगिक प्रदेश झारखंड, उड़ीसा और पश्चिमी बंगाल में फैला हुआ है। इस प्रदेश में कोयला, लौह अयस्क तथा अन्य खनिजों की पर्याप्त मात्रा पास-पास पाये जाने के कारण ही भारी उद्योगों को लगाने में सुविधा हुई है।
  • जल एवं जल विद्युत शक्ति की प्राप्ति दामोदर घाटी परियोजना से होती है। सस्ते श्रमिक आस-पास के क्षेत्रों से सुलभ हो जाते हैं।
  • भारी इंजीनियरिंग, लोहा इस्पात संयंत्र, उर्वरक सीमेंट, कागज़, रेल इंजन और भारी विद्युत उद्योग, मशीन औजार आदि इस प्रदेश के महत्वपूर्ण उद्योग है राँची, धनबाद, सिंदरी, हजारीबाग, जमशेदपुर, दुर्गापुर, राऊरकेला, आसनसोल, बोकारो और डालमिया नगर महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर है। 

प्रश्न 19. चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है? 

उत्तर : चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है क्योंकि :

  • गन्ना अगर खेत से काटने के 24 घंटे के अंदर ही पेरा जाए (रस निकालना) तो अधिक चीनी की मात्रा प्राप्त होती है।
  • शुष्क ऋतु में गन्ने को खेत में नहीं रखा जा सकता। सूखने पर चीनी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए इसे काट कर फौरन मिलों तक भेजा जाना ज़रूरी है। मिले केवल उस मौसम में कार्य करती है जब उसे काटा जाता है।
  • गन्ने की पिराई का काम वर्ष भर नहीं होता केवल 4 से 6 महीने तक ही मिल चल पाती हैं। 

प्रश्न 20. विनिर्माण उद्योग का अर्थ स्पष्ट कीजिए?

उत्तर : कच्चे माल को मशीनों की सहायता से, रूप बदल कर अधिक उपयोगी तैयार माल प्राप्त करने की क्रिया को निर्माण उद्योग कहते हैं। इसमें वस्तु का रूप तो बदल ही जाता है, साथ ही वह अधिक उपयोगी भी हो जाती है और निर्माण द्वारा उस पदार्थ की मूल्य वृद्धि भी हो जाती है। कपास से धागा व कपड़ा बनने से कपास के मूल्य में वृद्धि हो जाती है। 

प्रश्न 21. भारी उद्योग किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिये? 

उत्तर : खनिज पदार्थों का उपयोग करने वाले आधारभूत उद्योगों को भारी उद्योग कहते हैं। इन उद्योगों में लगने वाला कच्चा माल भी भारी होता है तथा उत्पाद भी । ये उद्योग किसी भी देश के औद्योगिकरण की आधारशिला है। जैसे-लोहा-इस्पात उद्योग, मशीनरी उद्योग, इंजीनियरिंग समान बनाने के उद्योग भारी उद्योगों में गिने जाते हैं।

प्रश्न 22. भारत की नई औद्योगिक नीति (1991) में किए गए छ: उपायों का वर्णन करें? 

उत्तर : 

  • औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था का समापन
  • विदेशी तकनीकी का निःशुल्क प्रवेश
  • विदेशी निवेश नीति
  • पूंजी बाजार की सुलभता
  • खुला बाजार
  • औद्योगिक अवस्थिति कार्यक्रम का उदारीकरण-इस नीति में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण शामिल है।

प्रश्न 23. रासायनिक व पैट्रोरासायनिक विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य कर रही तीन संस्थाओं का वर्णन करें।

उत्तर : 

  • भारतीय पैट्रोरासायनिक कार्पोरेशन लिमिटेड (IPCL) सार्वजनिक सैक्टर में है। यह विभिन्न प्रकार के पैट्रोरसायन जैसे–पॉलीमर, रेशों और देशों से बने संक्रियक (Intermediate) का निर्माण और वितरण करता है।
  • पैट्रो फितस कोऑपरेटिव लिमिटेड- यह भारत सरकार एवं संस्थानों का संयुक्त प्रयास है। यह पॉलिस्टर तन्तु, सूत और नाइलोन चिप्स का उत्पादन गुजरात स्थित बड़ोदरा एवं नलधारी संयन्त्रों में करता है।
  • सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी (CIPET) है जो पैट्रोकेमिकल उद्योग में प्रशिक्षण प्रदान करता है।

5 अंक वाले

प्रश्न 24. भारत में चीनी मिले गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में क्यों संकेद्रित है? किन्हीं पाँच कारणों को स्पष्ट करें। 

उत्तर : 

  • चीनी मिलों के लिए कच्चा माल गन्ना भार हास वाली फसल है। अतः इसकी कटाई व पिराई लगभग साथ-साथ होनी चाहिए। अधिक देर होने पर गन्ने का रस सूख जाता है और खराब हो जाता हैं।
  • गन्ने को खेतों से अधिक दूर नहीं भेजा जा सकता क्योंकि इसमें परिवहन लागत अधिक लगती है।
  • गन्ने को अधिक समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता क्योंकि गन्ने का रस समय के साथ सूख जाता है।
  • भारत में अधिकार चीनी मिले सहकारी क्षेत्र में है जिसमें किसानों की भागीदारी है। अतः चीनी मिले किसानों को गन्ना उत्पादन के खेतों के निकट होती है।
  • गन्ना उत्पादन क्षेत्र सघन जनंसख्या वाले क्षेत्र है जहाँ प्रचुर मात्रा में सस्ता एवं कुशल श्रम चीनी मिलों को आसानी से प्राप्त हो जाता है। 

प्रश्न 25. भारत में किसी प्रदेश के उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक स्पष्ट करें? 

उत्तर : 

  • कच्चे माल की उपलब्धता : सामान्यता उद्योग वहीं स्थापित होते है जहाँ कच्चा माल उपलब्ध होता है। जिन उद्योगों में निर्मित वस्तुओं का भार कच्चे माल के समीप लगाए जाते हैं।
  • शक्ति के साधन : किसी भी उद्योग की स्थापना से पहले उसकी शक्ति की आपूर्ति सुनिशिचित कर ली जाती है। एल्युमिनियम उद्योग शक्ति के साधन के नजदीक लगाए जाते हैं क्योंकि इसमें बिजली का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है।
  • परिवहन : कच्चे माल को उद्योग केन्द्र तक लाने तथा निर्मित माल को बाजार तक ले जाने के लिए सस्ते तथा कुशल यातायात का प्रचुर मात्रा में होना आवश्यक हैं।
  • बाजार : उद्योगों का सारा विकास निर्मित माल की खपत के बाजर पर निर्भर करता है। बाजार की निकटता से उपभोक्ता को औद्योगिक उत्पाद सस्ते दाम पर मिल जाते हैं।
  • श्रम : सस्ते तथा कुशल श्रम की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता औद्योगिक विकास का मुख्य कारण है। कुछ उद्योग तो श्रम प्रधान ही होते हैं। इन्हें विशेष दक्षता वाले श्रमिकों की आवश्यकता होती हैं जैसे – फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग श्रम प्रधान उद्योग है।
  • ऐतिहासिक कारक : मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे केन्द्रों का औपनिवेशिक काल में ही विकास हो गया था मुर्शिदाबाद, भदोही, सूरत, बड़ौदा, प्राचीन समय से ही औद्योगिक केन्द्र के रूप में उभर आये थे। 

प्रश्न 26. इस चित्र को ध्यान से देखिये एवं नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिये –

i) इस इस्पात संयंत्र का क्या नाम है और यह किस राज्य में स्थित है?

ii) इस संयंत्र के लिये लौह अयस्क एवं कोयला कहाँ से प्राप्त होता है? 

iii) इस संयंत्र के लिये जल कहाँ से प्राप्त होता है?

iv) यह संयंत्र किस देश के सहयोग से स्थापित हुआ?

v) यह किस रेलमार्ग पर स्थित है? 

उत्तर :

i) भिलाई इस्पात संयन्त्र, छत्तीसगढ़

ii) डल्ली राजहरा हिल्स, तंदुला टैंक 

iii) महानदी नदी

iv) रूस

v) कलकत्ता – मुम्बई रेलमार्ग 

प्रश्न 27. मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश की प्रमुख पाँच विशेषताएं लिखें? 

उत्तर : 

  • यह प्रदेश मुम्बई:- थाणे से पुणा तथा नासिक और शोलापुर जिलों के समीपवर्ती क्षेत्रों तक विस्तृत है।
  • इस प्रदेश का विकास मुंबई में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना के साथ प्रारम्भ हुआ।
  • मुम्बई हाई पैट्रोलियम क्षेत्र और नाभिकीय ऊर्जा संयत्र की स्थापना से इस प्रदेश का औद्योगिक तीव्र गति से हुआ।
  • यहाँ अभियान्त्रिकी वस्तुएँ, पैट्रोलियम, परिशोधन पैट्रो-रसायन, चमड़ा, प्लास्टिक वस्तुएँ, दवाएँ, उर्वरक, विद्युत वस्तुएँ, जलयान, निर्माण, सॉफ्टवेयर इत्यादि उद्योगों का विकास हुआ है।
  • इस प्रदेश में मुम्बई, थाणे, ट्राम्बे, पूना, नासिक, मनमाड़, शोलापुर, कोल्हापुर, सतारा तथा सांगली महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्र है। 

प्रश्न 28. भारत में सूती वस्त्र उद्योग की क्या समस्याएं हैं? 

उत्तर: सूती वस्त्र उद्योग भारत का सबसे बड़ा संगठित उद्योग है परन्तु इस उद्योग की कई समस्याएं हैं :

  • देश में लम्बे रेशेवाली कपास का उत्पादन कम है अतः इसे विदेशों से आयात करना पड़ता है।
  • सूती कपड़ा मिलों की मशीनरी पुरानी है अतः इसे विदेशों से आयात करना पड़ता है।
  • मशीनरी के आधुनिकीकरण के लिए स्वचालित मशीनें लगाना आवश्यक है जिसके लिए पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता है।
  • देश में हथकरघा उद्योग में प्रतिस्पर्धा है।
  • विदेशों में भी चीन व जापान के तैयार वस्त्रों से अधिक स्पर्धा करनी पड़ रही है। 

प्रश्न 29. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? उन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार से सहायता की है? 

उत्तर : 

क) उदारीकरण:- उदारीकरण से अभिप्राय है निजी क्षेत्र से सभी प्रकार के प्रतिबंधों को हटाना ताकि वह क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धा के योग्य बन सके। उदारीकरण की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है। 

  • औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था को समाप्त करना ।
  • विदेशी टेक्नोलॉजी का भारत में प्रयोग में स्वतंत्रता ।
  • विदेशी निवेश का उदारीकरण ।
  • खुला व्यापार।

ख) निजीकरण:

  • निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक उद्योगों को सम्मिलित करना।
  • सरकार का प्रभुत्व समाप्त करना तथा नए क्षेत्र जैसे खनन, दूरसंचार, मार्ग निर्माण और व्यवस्था को व्यक्तिगत कंपनियों के लिए खोलना। 

ग) वैश्वीकरण:

  • इसके द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।
  • इस प्रक्रिया के अंतर्गत सामान पूँजी सहित सेवाएँ, श्रम और संसाधन एक देश से दूसरे देश को स्वतंत्रतापूर्वक पहुँचाए जा सकते हैं। 

उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण ने भारत के औद्योगिक विकास में निम्न प्रकार से सहायता की है:

1) विदेशी सहयोग में वृद्धि हुई है। विदेशी निवेश का बड़ा भाग घरेलू उपकरणों, वित्त सेवा, इलेक्ट्रानिक और विद्युत उपकरण तथा खाद्य व दुग्ध उत्पादकों में लगाया जा चुका है।

2) प्रतिस्पर्धा के परिणामस्वरूप कुछ भारतीय कंपनियों को भी लाभ हुआ है, उनको नई तकनीक में निवेश का अवसर प्राप्त हुआ। इसके फलस्वरूप यह कंपनियाँ अपने उत्पादन में वृद्धि करने में सफल रही।

3) टाटा मोटर, इन्फासिस जैसी कम्पनियों ने विश्वभर में अपनी शाखायें खोली है। 

4) छोटे उत्पादकों पर वैश्वीकरण का बुरा प्रभाव पड़ा । वे बड़ी कम्पनियों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकी। 

प्रश्न 30. स्वतंत्रता के पश्चात् पंचवर्षीय योजनाओं में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों के नाम बताइए तथा वे किन-किन देशों के सहयोग से स्थापित हुए थे? बोकारो इस्पात संयंत्र को कौन-सी तीन सुविधाएं प्राप्त है?

उत्तरः पंचवर्षीय योजनाओं में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्र:

(i) राऊरकेला इस्पात संयंत्र (उड़ीसा) जर्मनी के सहयोग से 

(ii) भिलाई इस्पात संयंत्र (छतीसगढ़) रूस के सहयोग से 

(iii) दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (पश्चिमी बंगाल) ग्रेट ब्रिटेन के सहयोग से।

(iv) बोकारो इस्पात संयंत्र (झारखण्ड) रूस के सहयोग से 

बोकारों इस्पात संयंत्र को प्राप्त सुविधाएं

  • इस संयंत्र की स्थापना परिवहन लागत न्यूनीकरण सिद्वांत के आधार पर की गई थी। बोकारों और राऊरकेला संयुक्त रूप से राऊरकेला प्रदेश से लौह अयस्क प्राप्त करते हैं। और वापसी में मालगाड़ी के डिब्बे राऊरकेला के लिए कोयला ले जाते है।
  • बोकारो इस्पात संयंत्र दामोदर घाटी निगम से बिजली प्राप्त करता है। दामोदर–बोकारों, नदियों से जल तथा कोलकाता से पतन सुविधाएं मिलती है।
  • यह संयंत्र क्योंझर से लौह अयस्क, झरिया से कोयला, पलामू से चूना पत्थर प्राप्त करता है।

प्रश्न 31. गुजरात औद्योगिक प्रदेश की प्रमुख पाँच विशेषताएं लिखे? 

उत्तर : 

  • यह प्रदेश अहमदाबाद एवं बड़ोदरा के बीच स्थित है। यह प्रदेश दक्षिण में बलसाद और सूरत तक या पश्चिम में जामनगर तक फैला हैं।
  • यह प्रदेश की सूती वस्त्र उद्योग का महत्वपूर्ण केन्द्र है। सूती वस्त्र उद्योग के अतिरिक्त पैट्रों, रसायनिक उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग, चीनी उद्योग एवं दवाई उद्योग यहाँ के प्रमुख उद्योग है।
  • इस प्रदेश को कपास उत्पादक क्षेत्र में स्थित होने के कारण कच्चे माल और बाजार दोनों का ही लाभ प्राप्त है।
  • इस प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्र अहमदाबाद, बड़ोदरा, भरूच कोयली, सूरत बलसाद तथा जामनगर आदि हैं।
  • काँधला बन्दरगाह ने इस औद्योगिक प्रदेश के विकास में तेजी लाने में योगदान किया।
  • कोयली तेल शोधनशाला के कारण पेट्रो-केमिकल उद्योग स्थापित हुये।

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