भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ Important Questions || Class 12 Geography Book 2 Chapter 12 in Hindi ||

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पाठ – 12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Geography Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल  के पाठ 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 12
Chapter Nameभौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ (Geographical Perspective on Selected Issues and Problems)
CategoryClass 12 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ Important Questions in Hindi

Chapter – 12, भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

 

एक अंक वाले प्रश्न 

प्रश्न 1. जल की गुणवत्ता में हास के लिये जिम्मेदार दो प्रमुख कारण बताइए। 

उत्तर : 

(1) बढ़ती हुई जन संख्या 

(2) औद्योगिक निस्तारण

(3) जल का अविवेक पूर्ण उपयोग 

प्रश्न 2. नदियों के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार प्रमुख उद्योग कौन-कौन से हैं। 

उत्तर : चमड़ा उद्योग, कागज एवं लुग्दी उद्योग वस्त्र उद्योग, रसायन उद्योग । 

प्रश्न 3. जल प्रदूषण से होने वाली प्रमुख बीमारियों के नाम लिखो। 

उत्तर : डायरिया, हेपेटाइटिस, आंतों के कृमि । 

प्रश्न 4. ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों के नाम लिखिए। 

उत्तर : विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण, तोड़ फोड़ कार्य मोटर वाहन तथा वायुयान ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण है। 

प्रश्न 5. झबुआ जिले में भील जाति के लोगों की गरीबी का सबसे बड़ा कारण क्या है? 

उत्तर : भूमि निम्नीकरण। 

प्रश्न 6. भारत में गांवों से आए प्रवासियों की दो सामाजिक समस्याएँ बताइए।

उत्तर :

  • सामाजिक अकेलापन
  • शोषण
  • नशे की लत 

प्रश्न 7. प्रदूषण के वर्गीकरण की कसौटी क्या है? 

उत्तर : प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण को ___ वर्गीकृत किया जाता है।

प्रश्न 8. वायु प्रदूषण के लिये मुख्य रूप से कौन से कारक जिम्मेदार है? 

उत्तर : जीवाश्म ईधनों के जलने से निकला धुआं । 

प्रश्न 9. वायु को प्रदूषित करने वाले प्रमुख प्रदूषक तत्व कौन से हैं? 

उत्तर : सल्फर आक्साइड, कार्बनडाईआक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, शीशा, एस्बेस्टस, धूलकण आदि। 

प्रश्न 10. वायु प्रदूषण जनित प्रमुख बीमारियां कौन सी है? 

उत्तर :

  • श्वास सम्बन्धी बीमारी जैसे दमा, अस्थमा
  • तंत्रिका तन्त्र सम्बन्धी बीमारी 

प्रश्न 11. अम्लीय वर्षा से क्या तात्पर्य है? इसका मुख्य कारण क्या है? 

उत्तर : वायु प्रदूषण के कारण वातावरण में मौजूद अवांछित तत्व वर्षा के जल में मिलकर नीचे आते हैं। इससे अम्लीय पदार्थ अधिक होते हैं, इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। 

प्रश्न 12. धूम्र कोहरा से क्या तात्पर्य है? 

उत्तर : वातावरण में मौजूद धुआँ एवं धूल के कण जब सामान्य रूप में बनने वाले कोहरे में मिल जाते हैं तो इसे धूम्र कोहरा कहते हैं यह स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसान देह होता है। 

तीन अंक वाले

प्रश्न 13. नगरों में अवशिष्ट निपटान सम्बन्धी समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। इस समस्या से सम्बन्धित प्रमुख तीन तथ्यों का वर्णन कीजिए? 

उत्तर : नगरों में अवशिष्ट निपटान संबंधी प्रमुख समस्याएँ निम्न प्रकार से हैं :

1) अपशिष्ट के पृथककरण की समस्याः – नगरों में अभी भी सभी प्रकार के ठोस अपशिष्ट एक साथ इकट्ठे किये जाते हैं जैसे कि धातु-शीशा सब्जियों के छिलके कागज आदि। जिससे इनको उचित तरीके से निपटाने में बाधा आती है। 

2) भराव स्थल की समस्याः- महानगरों में कूड़ा डालने के लिये स्थान की कमी महसूस की जाने लगी है। पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। सड़कों पर कूड़ा डाला जाता है। 

3) पुनर्चक्रण की समस्या:- पृथक्करण न होने एवं पर्याप्त जागरूकता के अभाव में अपशिष्ट का पुनर्चक्रण नहीं हो पाता। 

4) कूड़े से उत्पन्न लीच, बदबू एवं बीमारी की समस्या विकराल होती जा रही है।

प्रश्न 14. विकासशील देशो में शहरों की प्रमुख समस्याएँ क्या है? स्पष्ट कीजिये? 

उत्तर :

  • अवशिष्ट निपटान की समस्या
  • जनसंख्या विस्फोट की समस्या
  • स्लम बस्तियों की समस्या। 

प्रश्न 15. कौन-सी धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियाँ प्रदूषण के लिये उत्तरदायी है? 

उत्तर :

  • तीर्थ यात्राएं व धार्मिक कर्मकाण्ड
  • धार्मिक मेलें
  • पर्यटन
  • पर्वतारोहन एवं खोज अभियान
  • मृत शरीर को जलाना / जल में बहाना
  • घर के धार्मिक अपशिष्टों को फेंकना / बहाना 

प्रश्न 16. भू-निम्नीकरण से क्या तात्पर्य है इसके लिए उत्तरदायी कारण क्या है? 

उत्तर : भू-निम्नीकरण से तात्पर्य भूमि की उत्पादकता में अल्प समय के लिये या स्थायी रूप से कमी आ जाना है।

कारण:

1) वृक्षोन्मूलन के कारण मृदा अपरदन होता है मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत हट जाती है। 

2) भूमि पर लगातार कृषि उपज लेते रहने से भी भूमि की उत्पादकता में कमी आ जाता है। इससे निपटने के लिये प्राकृतिक उर्वरक डालते रहना चाहिये। 

3) लगातार जल भराव एवं नहरी सिंचाई भी भू-निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है। 

प्रश्न 17. भू-निम्नीकरण की प्रक्रिया के आधार पर निम्नीकृत भूमि को कितने वर्गों में रखा जा सकता है? प्रत्येक के बारे में बताइये। 

उत्तर : भूनिम्नीकरण प्रक्रिया को दो वर्गों में रखा जा सकता है:

1) मानवीय क्रियाओं द्वारा भूमिम्नीकरण:- इसके अन्तर्गत कृषि के अन्तर्गत जमीन का अधिक दोहन, वनों को काटना, अत्यधिक चराई एवं अविवेकपूर्ण खनन कार्य व निर्माण कार्य शामिल है। 

2) प्राकृतिक कारण द्वारा निम्नीकृत भूमि:- अवनालिका अपरदन, जल भराव, खड़ी ढ़ाल पर अपरदन भूस्खलन आदि  

प्रश्न 18. आधुनिक समय में पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या वर्तमान ही नहीं भविष्य की पीढ़ी के लिए भी एक समस्या बन रही है। स्पष्ट करे। 

उत्तर: आधुनिक समय में पर्यावरण प्रदूषण मानव के लिए एक गम्भीर समस्या बन गई है। इससे पृथ्वी पर मानव जीवन खतरे में है। प्राकृतिक वातावरण पर हो रहे इस प्रदूषण का प्रभाव धीरे-धीरे इतना बढ़ता जा रहा है कि सभी मण्डल (जल, स्थल, वायु व जैव) इससे प्रभावित हो रहे हैं। जब से गाँवों, कस्बों व नगरो तथा औद्योगिकरण का विकास हुआ है तब से परिस्थिति धीरे-धीरे और भी अधिक बिगड़ने लगी है। हर प्रकार की अशुद्धियाँ वातावरण में बढ़ती जा रही है जो न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी गम्भीर समस्या बन रही है। 

प्रश्न 19. वायु प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख स्रोत क्या है? मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ता है?

अथवा

‘वायु प्रदुषण’ शब्द की परिभाषा लिखिए। वायु प्रदुषण के किन्ही दो हानिकारण प्रभावों की व्याख्य कीजिए 

उत्तर : धूल, धुंआ, जहरीली गैसें, दुर्गंध व वाष्प की वायु में वृद्धि जो जीव जन्तुओं व सम्पत्ति के लिए हानिकारक होती है, वायु प्रदूषण कहलाता है। 

वायु प्रदूषण के स्रोत :- जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन, औद्योगिक ठोस कचरा निपटान इसके प्रमुख स्त्रोत हैं ये स्त्रोत वायु में सल्फर, नाइट्रोजन आक्साइड, हाइड्रोजन कार्बन व र्काबन-डाइ-ऑक्साइड व कार्बन मोनोऑक्साइड, सीसा व एस्बेस्टस छोड़ते हैं। जिससे वायु प्रदूषण होता है। 

स्वास्थय पर प्रभाव : इसके कारण श्वसन तन्त्रीय, तंत्रिका तंत्रीय तथा रक्त संचार सम्बन्धी विभिन्न बिमारियाँ होती है। नगरों के ऊपर घूम्र कोहरा छाया रहता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके कारण अम्लीय वर्षा भी हो सकती है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 

प्रश्न 20. पेटलावाड विकास खण्ड के भील समुदाय ने अपना स्वयं का प्रयास करके विस्तृत भागों की सांझी संपदा को पुनर्जीवित किया है। तीन उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : 

1) प्रत्येक परिवार ने सांझा संपदा में एक पेड़ लगाकर उसकी देखभाल की है। 

2) प्रत्येक परिवार ने चारागाह भूमि पर चारा घास को बोया तथा दो वर्ष तक उसकी सामाजिक घेराबंदी की। 

3) पशुओं की खुली चराई पर रोक लगाकर पशुओं के आहार हेतु नाँदों की स्थापना की। 

प्रश्न 21. भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से जनसंख्या का प्रवाह शहरों की ओर बढ़ता जा रहा है। इसके लिए उदारदायी कारणों को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : 

1) भारत में नगरीय क्षेत्रों में मजदूरों की माँग अधिक रहती है। इसलिए नियमित व अच्छी मजदूरी की आस लिए गाँवों से शहरों की ओर पलायन करते हैं।

2) भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरो में शिक्षा स्वास्थ्य व रोजगार के अच्छे अवसर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। 

3) गांवों में गरीब व भूमिहीन लोगों के साथ सामाजिक भेदभाव व जातीय संघर्ष भी इन लोगों को शहरों की ओर पलायन के लिए मजबूर करता है। 

प्रश्न 22. भारत में नगरीय केन्द्र सामाजिक, आर्थिक,राजनैतिक-सांस्कृतिक एवं विकास के अन्य संकेतकों के किसी अन्य क्षेत्र की अपेक्षा कहीं अधिक विविधतापूर्ण है। स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : 

1) भारत के नगरीय केंद्रों में सबसे ऊपर फार्म हाउस तथा उच्च आय वर्ग की बस्तियाँ है। जिनमें चौड़ी सड़के, स्ट्रीट लाइट, जल व स्वच्छता की सुविधाएँ, पार्क उपवन तथा सुरक्षा के सभी उपाय मौजूद है। 

2) दूसरी ओर भारत के नगरों में झुग्गी बस्तियाँ, गंदी बस्तियाँ व पटरी के किनारों व नालों की कगारों पर बनी बस्तियाँ हैं जिनमें किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है। ये नरक समान है लेकिन लोगों से भरी पड़ी है। 

3) भारत के नगरों में कुछ गाँव भी अर्ध शहरी रूप में पाये जाते हैं जो ना तो पूर्णतः गाँव ही है और ना शहरीरूप ही प्राप्त कर सके है। इनमें उच्च आय वाले जमींदार व पुराने संपत्ति के स्वामी रहते है तक दूसरी ओर गरीब किराएदार भी एक कमरे में अपने परिवार को लेकर रहते हैं। 

प्रश्न 23. यद्यपि जल प्रदूषण प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त प्रदूषकों से भी प्रदूषित होता है । परन्तु मानव स्रोतों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषक चिंता का वास्ताविक कारण हैं। क्यों। 

उत्तर : 

1) मानव जल को औद्योगिक, कृषि एवं सांस्कृतिक गतिविधयों से प्रदूषित करता है। 

2) औद्योगिक कचरा जहरीली गैस, रासायनिक अवशेष व भारी धातुएँ बिना उपचार के जल स्रोतों में विसर्जित कर दी जाती है। 

3) आधुनिक कृषि की पद्धतियाँ, रासायनिक पदार्थ कीटनाशक आदि भी जल स्रोतों को प्रदूषित कर रहे हैं।

4) भारत में तीर्थ यात्राओं धार्मिक मेले, पर्यटन व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ जल स्रोतों को प्रदूषित कर रही है।

प्रश्न 24. भारत में ‘नगरीय अपशिष्ट निपटान एक गम्भीर समस्य क्यों हैं? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर:

(i) तेजी से बढ़ती जनसंख्या तथा उसके लिए अपर्यापत सुविधाएँ तथा विभिन्न स्त्रोतों द्वार अपशिष्ट की मात्रा में वृद्धि । 

(ii) कारखानों, विद्युत गृहों तथा भवन निर्माण तथा विध्वंस से भारी मात्रा में निकली राख या मलबा। 

(iii) अपशिष्ट/कचरे का पूर्णतः निपटान न होना। बिना एकत्र किये छोड़ना आदि। 

प्रश्न 25. प्रर्यावरण का प्रदूषण कैसे होता है? पर्यावरणीय निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी विभिन्न चार प्रकार के प्रदूषणों का उल्लेख कीजिए। 

उत्तरः पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं ऊर्जा का परिणाम है।

  • जलप्रदूषण
  • वायु प्रदूषण
  • भूप्रदूषण
  • ध्वनि प्रदूषण प्रश्न 

प्रश्न 26.भारत के जलाशयों को उद्योग किस प्रकार प्रदूषित करते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। 

उत्तरः 

(i) उद्योग अनेक अवांछित उत्पाद पैदा करते हैं। जिनमें औद्योगिक कचरा, प्रदूषित अपशिष्ट जल, जहरीली गैसें, रासायनिक अवशेषः अनेक भारी धातुएँ, धुल धुआँ आदि शामिल है। 

(ii) अधिकतर औद्योगिक कचरे को बहते जल में या झीलों आदि में विसर्जित कर दिया जाता है। परिणाम स्वरूप रासायनिक तत्व जलाशयों, नदियों आदि में पहुँच जाते हैं। 

(iii) सर्वाधिक जल प्रदूषण उद्योग चमड़ा लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन है।

पाँच अंक वाले प्रश्न 

प्रश्न 27. भूमि निम्नीकरण की समस्या के कारणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर : इन सभी समस्याओं के प्रमुख कारण हैं:

1) अति सिंचाई:- इसके कारण देश में उत्तरी मैदानों में लवणीय व क्षारीय क्षेत्रों में वृद्धि हुई है। सिंचाई मृदा की संरचना को बदल देती है। इनके अतिरिक्ति उर्वरक, कीटनाशी भी मृदा के प्राकृतिक, भौतिक रासायनिक व जैविक गुणों को नष्ट करके मृदा को बेकार कर देते हैं। 

2) औद्योगिक अपशिष्ट:- उद्योगों द्वारा निकला अपशिष्ट जल को दूषित कर देता है और फिर दूषित जल से की गई सिंचाई मृदा के गुणों को नष्ट कर देती है। 

3) नगरीय अपशिष्ट:- नगरों से निकला कूड़ा-करकट भूमि का निम्नीकरण करता है और नगरों से निकला जलमल व अपशिष्ट के विषैले रासायनिक पदार्थ आस-पास के क्षेत्रों की मृदा में मिलकर उसे प्रदूषित कर देते हैं। 

4) चिमनियों का धुआं:- कारखानों व अन्य स्रोतों की चिमनियों से निकलने वाली गैसीय व कणिकीय प्रदूषकों को हवा दूर तक उड़ा ले जाती है और ये प्रदूषक मृदा में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं। 

5) अम्ल वर्षाः- कारखानों से निकलने वाली गंधक अम्लीय वर्षा का कारण है। इससे मृदा में अम्लता बढ़ती है। कोयले की खानो, मोटर वाहनो, ताप बिजली घरों से भारी मात्रा में निकले प्रदूषण मृदा व वायु को प्रदूषित करते हैं। 

प्रश्न 28. भारत में गंदी बस्तियों की समस्याएँ क्या है? स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : 

  • इन बस्तियों में रहने वाले लोग ग्रामीण पिछड़े इलाकों से प्रवासित होकर रोजगार की तलाश में आते हैं।
  • यहाँ अच्छे मकानों का मिलना कठिन है।
  • ये बस्तियाँ रेलवे लाइन, सड़क के साथ, पार्क या अन्य खाली पड़ी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके बसायी जाती है।
  • खुली हवा, स्वच्छ पेयजल, शौच सुविधाओं, प्रकाश का सर्वथा अभाव होता है।
  • कम वेतन / मजदूरी प्राप्त करने के कारण जीवन स्तर अति निम्न होता है।
  • कुपोषण के कारण बीमारियों की संभावना बनी रहती है।
  • नशा व अपराध के कार्यों में लिप्त हो जाते हैं।
  • चिकित्सा सुविधाओं का अभाव । 

प्रश्न 29. न्यू निम्नीकरण को रोकने/कम करने के उपाय बताओ। 

उत्तर : 

  • किसान रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग उचित मात्रा में करें।
  • नगरीय/औद्योगिक गंदे पानी को उपचारित करके पुनः उपयोग में लाया जाये।
  • सड़ी-गली सब्जी व फल, पशु मलमूत्र को उचित प्रौद्योगिकी द्वारा बहुमूल्य खाद में परिवर्तित किया जाये।
  • बस्तियों के आस-पास खुले में शौच पर प्रतिबन्ध लगे।
  • प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर प्रतिबन्ध लगे।
  • कूड़ा-कचरा निश्चित स्थान पर ही डाला जाये ताकि उसका यथासम्भव निपटान हो सके।
  • वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाये। 

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