जनसंख्या संघटन Important Questions || Class 12 Geography Book 1 Chapter 3 in Hindi ||

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पाठ – 3

जनसंख्या संघटन

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Geography chapter 3 Population Composition in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल  के पाठ 3 जनसंख्या संघटन के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 3
Chapter Nameजनसंख्या संघटन (Population Composition)
CategoryClass 12 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 3 जनसंख्या संघटन Important Questions in Hindi

Chapter -3, जनसंख्या संघटन

एक अंक वाले/अति लघु प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1 विश्व में निम्नतम लिंग अनुपात किस देश का है ? इसका एक प्रमुख कारण बताइए? 

उत्तर : संयुक्त अरब अमीरात (468-1000)। कारण-पुरूष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास। 

प्रश्न 2. विश्व के अधिकांश विकसित देशों में जनसंख्या में बच्चों का __अनुपात लगातार घट रहा है। एक कारण दीजिए। 

उत्तर : जन्मदर में लगातार हास का होना। 

प्रश्न 3. विश्व में सबसे अधिक लिंगानुपात किस देश का है ? 

उत्तर : लैटिविया (1187/1000)।

प्रश्न 4. आयु संरचना को जनसंख्या संघटन का एक महत्वपूर्ण सूचक क्यों माना जाता है ? एक कारण दीजिए। (सी.बी.एस.ई. 2016) 

उत्तर : जनसंख्या अनुमान के लिए, विभिन्न आयु वर्ग के लोगों की संख्या जानने के लिए तथा भविष्य में योजना प्रक्रिया में मदद के लिए। 

प्रश्न 5. हासमान जनसंख्या पिरामिड़ की प्रमुख विशेषता क्या है ? 

उत्तर : जन्म दर व मृत्युदर दोनो ही निम्न है जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि ऋणात्मक होती है | जैसे : जापान। 

प्रश्न 6. विस्तारित होती जनसंख्या के पिरामिड की एक प्रमुख विशेषता बताइए। 

उत्तर : उच्च जन्म दर, जिसके कारण निम्न आयुवर्गों में विशाल जनसंख्या पाई जाती है। जैसे : नाइजीरिया, बांग्लादेश व मैक्सिको । 

प्रश्न 7. ‘वृद्ध होती जनसंख्या’ से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर : जनसंख्या का वृद्ध होना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे बुजुर्ग जनसंख्या का हिस्सा अनुपात की दृष्टि से बडा हो जाता है। विश्व के अधिकांश देशों में उच्च जीवन प्रत्याशा एवं निम्न जन्मदर के कारण उच्च आयु वर्गों की जनसंख्या बढी है। 

प्रश्न 8. ‘आयु-लिंग’ पिरामिड / संरचना का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : जनसंख्या की आयु–लिंग संरचना का अभिप्राय विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों व पुरूषों की संख्या से है। पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयुलिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है। 

प्रश्न 9. लिंगानुपात क्या है ? इसका सूत्र लिखो। 

उत्तर : प्रति हजार पुरूषों पर स्त्रियों की संख्या लिंगानुपात कहलाता है।

प्रश्न 10. विश्व के कितने देशो में लिंगानुपात अनुकूल है व कितने देशों में प्रतिकूल है ? 

उत्तर : अनुकूल – 139 देशों में प्रतिकूल – 72 देशों में 

प्रश्न 11. यूरोप के कुछ देशों में लिंगानुपात स्त्रियों के पक्ष में क्यों पाया जाता है ? 

उत्तर : 

1) यूरोप के कुछ देशों में महिलाओं का सामाजिक आर्थिक स्तर बेहतर है।

2) पुरूष जनसंख्या के उत्प्रवास के कारण प्रश्न 

प्रश्न 12 विश्व का औसत लिगांनुपात कितना है? 

उत्तरः प्रति 100 स्त्रियों पर 102 पुरूष । तीन अंक वाले प्रश्न प्रश्न 

प्रश्न 13 जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तरः जनसंख्या संघटन जनसंख्या की उन विशेषताओं को प्रदर्शित करता है जिसमें आयु व लिंग का विशलेषण, निवास का स्थान, जनजातियाँ, भाषा, धर्म, साक्षरता, व्यवसायिक विशेषताएँ आदि का अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण नगरीय संघटन व उनकी विशेषताओं का भी अध्ययन किया जाता है। किसी देश के भावी विकास की योजनाओं को बनाने तथा निश्चित करने में जनसंख्या संघटन का महत्वपूर्ण योगदान है। 

प्रश्न 14. विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असन्तुलन के लिए उत्तरदायी कारकों का वर्णन कीजिए। 

उत्तर : आयुलिंग असन्तुलन के लिए उत्तरदायी कारक :

  • जन्मदर व मृत्युदर-विकासशील देशों में मृत्यु दर अधिक होने के कारण लिंग अनुपात में असन्तुलन उत्पन्न हो जाता है। पुरुष जन्म स्त्री जन्म से अधिक होता है और समाज में स्त्रियों को गौण समझा जाता है। 
  • प्रवास-प्रवास के कारण भी उद्भव व गन्तव्य दोनों में लिंगानुपात प्रभावित होता है। रोजगार व शिक्षा के कारण पुरुष प्रवास अत्याधिक होता है। 
  • ग्रामीण व नगरीय जीवन-गाँव के लोग रोजगार व सुविधाओं के कारण नगरों में जाकर बस जाते हैं जिससे नगरीय जीवन में लिंगानुपात अन्तर आ जाता है। 
  • सामाजिक आर्थिक स्थिति-जिन देशों में स्त्रियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति दयनीय है वहाँ भी स्त्रियों की संख्या प्रत्येक आयुवर्ग में पुरुषों की तुलना में कम है। 

प्रश्न 15. ‘किसी देश में साक्षर जनसंख्या का अनुपात उसके सामाजिक – आर्थिक विकास का सूचक होता है ‘कैसे ? उचित कारकों द्वारा स्पष्ट कीजिए।

या 

संसार के विभिन्न देशों के बीच साक्षरता दर में बडी असमानता क्यों है ? कारण बताइए। 

उत्तर : साक्षरता दर किसी भी देश की जनसंख्या का गुणात्मक पहलू है और किसी भी देश में साक्षर जनसंख्या का अनुपात उसके सामाजिक व आर्थिक विकास का सूचक होता है क्योंकि साक्षरता दर को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं। 

  • आर्थिक विकास का स्तर :- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में साक्षरता की निम्न दर तथा उन्नत नगरीय अर्थव्यवरूथा वाले देशों में उच्च साक्षरता दर पाई जाती है। 
  • नगरीकरण :- जिन प्रदेशों में जनसंख्या का अधिकांश भाग नगरों में निवास करता है वहाँ साक्षरता दर ऊँची है जैसे यूरोप के देश । लेकिन जिन देशों में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है वहां साक्षरता दर निम्न है। 
  • महिलाओं की सामाजिक स्थिति :- कृषि आधारित अर्थव्यवस्थाओं में महिलाओं की स्थिति गौण होती है इसलिए महिला साक्षरता दर निम्न पाई जाती है जबकि औद्योगिक अर्थव्यवस्था वाले देशों में महिलाओं में साक्षरता दर उच्च होती है। 

प्रश्न 16. प्रतिकूल लिंग अनुपात तथा अनुकूल लिंग अनुपात में अंतर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : 

  • प्रतिकूल लिंग अनुपात-जिन देशों में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या कम होती है वहाँ स्त्रियों के लिए निश्चित रूप से प्रतिकूल परिस्थितियाँ होती है। स्त्री भ्रूणहत्या, स्त्री शिशु हत्या व स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा के कारण ऐसा होता है। विश्व के 72 देश इसी श्रेणी में आते हैं। 
  • अनुकूल लिंग अनुपात-जिन देशों में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक होती है, वहाँ स्त्रियाँ निश्चित रूप से अनुकूल स्थिति में है। स्त्री शिक्षा, रोजगार तथा इनके जीवन के विकास की अनुकूल दशाएँ तथा सरकारी नीतियाँ, स्त्रियों के लिए अनुकूल स्थिति पैदा करती है। विश्व के 139 देश इसी श्रेणी में आते हैं। 

प्रश्न 17. ‘व्यवासायिक संरचना के विभिन्न खण्डों में कार्यरत जनसंख्या का अनुपात किसी राष्ट्र के आर्थिक स्तरों का एक अच्छा सूचक है-कथन के समर्थन में उचित तर्क दीजिए। 

उत्तरः यह कथन सत्य है क्योंकि :

  • केवल उद्योगों तथा अवसंरचना से युक्त विकसित अर्थव्यवस्था में ही द्वितीयक, तृतीयक व चतुर्थक सेक्टरों में अधिक कर्मी समायोजित हो सकते हैं। 
  • यदि अर्थव्यवस्था अविकसित या आदिम अवस्था में है तो प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न लोगों का अनुपात अधिक होगा। 
  • ऐसी अवस्था में मात्र प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है।

प्रश्न 18. उपर्युक्त चित्र के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

उत्तरः

  • इस पिरामिड को किस प्रकार का पिरामिड कहते हैं? कृ विस्तृत आकार वाला त्रिभुजाकार पिरामिड़।
  • इस पिरामिड़ में किस आयु वर्ग की जनसंख्या सर्वाधिक है और क्यों? कृ 0-4 वर्ष वायु आयु वर्ग या निम्न आयु वर्ग। उच्च जन्म दर के कारण।
  • यह पिरामिड किस प्रकार के देशों की जनसंख्या का प्रतिरूप है ? उदाहरण दीजिए।
  • उ. यह अल्प विकसित देशों का प्रतिरूप है।
    • उदाहरण :- बांग्लादेश, मैक्सिको व नाइजीरिया आदि ।

प्रश्न 19. उपर्युक्त चित्र के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

उत्तरः

  • इस पिरामिड़ का नाम लिखिए उ. घंटी के आकार का पिरामिड़ या स्थिर जनसंख्या।
  • इस पिरामिड़ की दो विशेषताएँ लिखो। उ क) यह शीर्ष की ओर शुंडाकार होता जाता है। ख) इसमें जन्म दर व मृत्यु दर लगभग एक समान हैं।
  • इस प्रकार के जनसंख्या पिरामिड़ वाले देशों के नाम लिखो।
  • उ आस्ट्रेलिया, स्वीडन व संयुक्त राज्य अमेरिका आदि ।



प्रश्न 20. उपर्युक्त चित्र के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

1. इस पिरामिड़ का नाम लिखिए । 

उ. ह्रासमान जनसंख्या पिरामिड़ । 

2. इस पिरामिड़ की विशेषताएँ लिखिए। 

उ.  इसका आधार संकीर्ण व शीर्ष शुंडाकार होता है।

  • यह निम्न जन्मदर व निम्न मृत्युदर को दर्शाता है।
  • इसमें वृद्धि दर शून्य या ऋणात्मक होती है। 

3. इस प्रकार के जनसंख्या पिरामिड़ वाले कुछ देशों के नाम लिखिए।

उ. जापान, लेटविया व एस्टोनिया आदि।

प्रश्न 21. जनसंख्या की व्यवसायिक संरचना का क्या अर्थ है ? विश्व में पाये जाने वाले व्यवसायिक संरचना के चार प्रमुख वर्गों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए ? 

उत्तर : व्यवसायिक संरचना :- किसी निश्चित आर्थिक कार्य के अन्तर्गत लगी सक्रिय जनसंख्या के अनुपातिक वितरण को व्यवसायिक संरचना करते है। प्रमुख वर्ग हैं।

  • प्राथमिक व्यवसाय के अन्तर्गत आखेट,कृषि-वानिकी, मत्स्य पालन तथा खनन। 
  • द्वितीयक व्यवसाय के अन्तर्गत विनिर्माण उद्योग एंव शक्ति उत्पादन । 
  • तृतीयक व्यवसाय के अन्तर्गत परिवहन, संचार, बैकिंग तथा अन्य सेवाएं। 
  • चतुर्थक व्यवसाय के अन्तर्गत अधिक बौद्धिकता व्यवसाय सम्मिलित किए जाते है जिनका कार्य चिंतन-शोध तथा विचारों का विकास करना है। 

प्रश्न 22. ‘शिक्षा व रोजगार के बढ़ते अवसरों ने किस प्रकार आयु व लिंगानुपात को प्रभावित किया है? स्पष्ट किजिए।

उत्तर : शिक्षा व रोजगार के बढ़ते अवसर जहाँ एक और विकास को दर्शाते हैं वही दूसरी ओर यह प्रवास के महत्वपूर्ण कारक है :

  • शिक्षा व रोजगार के बढ़ते अवसरों के कारण पुरूष जनसंख्या अत्याधिक प्रवास करती है जिसके कारण आयु व लिंग संरचना में गम्भीर असन्तुलन पैदा हो जाते हैं। 
  • गन्तव्य स्थानों पर पुरूष जनसंख्या तथा 20-60 वर्ष की आयु के लोग अधिक हो जाते हैं अर्थात् उत्पादक जनसंख्या जबकि उद्गम क्षेत्रों में आश्रित जनसंख्या व स्त्री जनसंख्या बढ़ जाती है। 
  • पुरूषों में प्रवास की अधिकता शिक्षा व रोजगार के बढ़ते अवसरों का ही परिणाम है। जैसे संयुक्त अरब अमीरात में लिंगानुपात 468/1000 प्रवासी पुरूषों के ही कारण प्रतिकूल है और इसी प्रकार की प्रतिकूलता दिल्ली व मुंबई जैसे शहरों में भी देखी जा सकती है। 

प्रश्न 23. ‘किसी क्षेत्र का लिंगानुपात उस क्षेत्र की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का सूचक है। इस कथन को उचित तर्को द्वारा स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः जनसंख्या में स्त्रियों व पुरूषों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंगानुपात कहते हैं। किसी भी क्षेत्र का लिंगानुपात उस क्षेत्र की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का सूचक है क्योंकि – 

  • जिन क्षेत्रों में लिंग भेदभाव अनियन्त्रित होता है वहाँ लिंगअनुपात निश्चित रूप से स्त्रियों के प्रतिकूल होता है।
  • जिन देशों/क्षेत्रों में स्त्री भ्रूण हत्या, स्त्री शिशु हत्या व स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा की प्रथा प्रचलित है वहाँ लिंगानुपात निश्चित ही स्त्रियों के प्रतिकूल होगा।
  • इसका मुख्य कारण वहाँ की स्त्रियों या समाज का गिरता आर्थिक स्तर है जिसके कारण समाज साक्षर नही हो पाता और स्त्रियों के प्रति जागरूक नहीं हो पाता। 

प्रश्न 24. ‘नगरों में आवास की कमी, रहन-सहन की उच्च लागत रोजगार के अवसरों की कमी और सुरक्षा की कमी महिलाओं के गाँव से नगरीय क्षेत्रों में प्रवास को रोकते हैं। इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं । उचित तर्कों के साथ स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर :

  • यह कथन बिल्कुल सत्य है। ग्रामीण व नगरीय लिंग संघटन को प्रभावित करने में ये सभी कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत जैसे देशों में नगरीय क्षेत्रों में पुरूष प्रधान प्रवास के कारण लिंग अनुपात पुरूषों के अनुकूल है ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्यों में महिलाओं की सहभागिता काफी ऊँची है इसलिए स्त्री प्रधान प्रवास कम हैं। 
  • विकासशील देशों में नगरों में आवास की कमी व सुरक्षा के कारण महिलाओं का प्रवास कम है। और रहन-सहन की उच्च लागत भी इसे कम कर देती है। 

प्रश्न 25. आयु संरचना जनसंख्या की किन विशेषताओं को दर्शाती है। 

उत्तर :

  • आयु संरचना विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। इसी के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि विभिन्न आयु वर्गों में लोगों का कितना प्रतिशत है।
  • यदि जनसंख्या में 0-14 आयु वर्ग की जनसंख्या अधिक है तो आश्रित जनसंख्या का अनुपात अधिक होगा। जिसके कारण आर्थिक विकास धीमा होगा। 
  • 15-59 वर्ष की आयु में अधिक जनसंख्या होने पर कार्यशील अथवा अर्जक जनसंख्या अधिक होने की संभावना होती है जो देश के संसाधनों के दोहन करने में सहायक होती है। 
  • 60 वर्ष के ऊपर की आयु संरचना वर्ग में बढ़ती हुई जनसंख्या से वृद्धों की देखभाल पर अधिक व्यय होने का संकेत मिलता है। उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि जनसंख्या के जनांकिकीय निर्धारक के रूप में आयु संरचना का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है।

दीर्ध उत्तरीय प्रश्न (पाँच अंक वाले प्रश्न) 

प्रश्न 26. संसार के ग्रामीण और नगरीय जनसंख्या संघटन का उदाहरणों सहित वर्णन कीजिए। 

उत्तर : संसार के ग्रामीण व नगरीय जनसंख्या संघटन के महत्वपूर्ण बिन्दु निम्न है। 

  • जनसंख्या का ग्रामीण और नगरीय विभाजन निवास के आधार पर होता है। 
  • ग्रामीण व नगरीय जीवन आजीविका और सामाजिक दशाओं में एक दूसरे से भिन्न होता है। 
  • विश्व की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। 
  • ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में आयु व लिंग संघटन, व्यवसायिक संरचना, जनसंख्या का घनत्व तथा विकास का स्तर अलग-अलग होता है। 
  • नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की अधिक संभावनाओं के कारण, ग्रामीण क्षेत्रों से स्त्रियों के प्रवास के परिणामस्वरूप पश्चिमी यूरोप व कनाडा में नगरीय क्षेत्रों में पुरूष प्रधान प्रवास के कारण पुरूषों की अधिकता है। 
  • नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की अधिक संभावनाओं के कारण, ग्रामीण क्षेत्रों से स्त्रियों के प्रवास के परिणामस्वरूप पश्चिमी यूरोप व कनाडा में नगरीय क्षेत्रों में पुरूष प्रधान प्रवास के कारण पुरूषों की अधिकता है। 
  • ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में प्रवास से नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। 

प्रश्न 27. विश्व की जनसंख्या का औसत लिंग अनुपात कितना है? विश्व में लिंग अनुपात स्त्रियों के प्रतिकूल होने के तीन कारण बताइए। स्त्रियों के प्रतिकूल एंव अनुकूल लिंग अनुपात वाले अधिकतर देश क्रमशः किस महाद्वीप में है ? 

उत्तर : विश्व की जनसंख्या का औसत लिंग अनुपात प्रति हजार पुरूषों पर 990 स्त्रियां हैं। 

  • लिंग अनुपात स्त्रियों के प्रतिकूल होने के प्रमुख कारण निम्न हैं :
    • स्त्री-भ्रूण हत्या।
    • स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा।
    • स्त्रियों के सामाजिक आर्थिक स्तर का निम्न होना। 
  • प्रतिकूल लिंगानुपात वाला महाद्वीप-एशिया
  • अनुकूल लिंगानुपात वाला महाद्वीप-यूरोप 

प्रश्न 28. कनाडा व फिनलैंड जैसे विकसित देशों में ग्रामीण नगरीय लिंग संघटन जिम्बाब्वे और नेपाल के ग्रामीण नगरीय लिंग अनुपात से किस प्रकार भिन्न है। इस भिन्नता के उत्तरदायी कारणों को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : 

1) कनाडा व फिनलैंड जैसे देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों की अपेक्षा पुरूषों की संख्या अधिक है। जबकि नेपाल व जिम्बाब्वे जैसे देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। 

2) कनाडा व फिनलैंड जैसे विकसित देशों में नगरों में पुरूषों की अपेक्षा स्त्रियों की संख्या अधिक है जबकि नेपाल व जिम्बावें जैसे विकासशील देशों में स्थिति विपरीत है। वहाँ नगरों में पुरूषों की संख्या अधिक पायी जाती है।

3) विकसित देशों में रोजगार की अधिक संभावनाओं के चलते नगरीय ___ क्षेत्रों में स्त्रियां गावों से प्रवास कर आ बसती हैं। इसलिए महिलाओं की संख्या नगरों में अधिक है। 

4) विकसित देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य मशीनीकृत, भारी व पुरूष प्रधान है इसलिए पुरूषों की शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएँ अधिक होती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में पुरूषों की संख्या इन देशों में अधिक पायी जाती है। 

5) विकासशील देशों में शहरों में स्त्रियों के लिए असुरक्षा की भावना अधिक होती है और रोजगार के लिए पुरूष गावों से नगरों की और प्रवास करते है इसलिए नेपाल व जिम्बावे जैसे देशों में नगरों में पुरूष व ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियाँ अधिक निवास करती है। 

प्रश्न 29. जनसंख्या का वृद्ध होना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे बुजुर्ग जनसंख्या का हिस्सा बड़ा हो जाता है । वृद्ध होती जनसंख्या 20 वीं शताब्दी की एक नई परिघटना है। यह विश्व के किन भागों की घटना है। इस घटना के दो कारण  वं दो परिणाम बताइए।  

उत्तर : जनसंख्या का वृद्ध होना एक ऐसी घटना है जिसमें बुजुर्ग जनसंख्या का हिस्सा अनुपात की दृष्टि से बड़ा हो जाता हैं यह 20वीं शताब्दी की विश्व के विकसित देशों की परिघटना है। 

कारण :

1) अधिकांश विकसित देशों में स्वास्थ्य का स्तर ऊँचा होता है।

2) इन देशों में सामाजिक संरचनाओं और आर्थिक स्तर अत्यन्त उच्च अवस्था में होते हैं जिसके कारण जीवन प्रत्याशा उच्च हो गई और जनसंख्या में बुजुर्ग या वृद्ध होती जनसंख्या का अनुपात बढ़ गया है।

परिणाम :

1) इन देशों में जनसंख्या में बच्चों व युवाओं का अनुपात घट रहा है। ___ जो भविष्य के लिए शुभ नही है। 

2) इन देशों में वृद्ध जनसंख्या के स्वास्थ्य की देखभाल पर काफी खर्चा बढ़ रहा है।

प्रश्न 30. जनसंख्या संघटन के अन्तर्गत आने वाले पाँच घटकों की व्याख्या कीजिए। 

उत्तर : जनसंख्या संघटन के पाँच घटक निम्नलिखित है :

1. आयु संरचना :- विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को जनसंख्या की आयु संरचना कहते हैं। जिसके अन्तर्गत तीन आयु वर्ग आते हैं :

  • बाल वर्ग (0-14 वर्ष)
  • प्रौढ़ वर्ग (15-59 वर्ष)
  • वृद्ध वर्ग (60 वर्ष से अधिक)

बाल वर्ग व वृद्ध वर्ग की गणना आश्रित जनसंख्या व प्रौढ़ की गणना अर्जक जनसंख्या के रूप में की जाती है।

2. लिंग संघटन :- जनसंख्या में लिंग अनुपात पुरूष और स्त्रियों के बीच संतुलन का सूचक होता है। यह प्रति हजार पुरूषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में मापा जाता है। एशिया में लिंगानुपात निम्न है जबकि रूस सहित यूरोप के देशों में पुरूष अल्प संख्या में है। 

3. साक्षरता :- यह जनसंख्या की गुणात्मक विशेषता है जो किसी क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक विकास का सूचक है। आर्थिक विकास का स्तर साक्षरता का कारण व परिणाम दोनों ही है। 

4. ग्रामीण व नगरीय संघटन :- इसका निर्धारण लोगों के निवास स्थान के आधार पर किया जाता है। यह आवश्यक भी है क्योंकि ग्रामीण व नगरीय जीवन आजीविका व सामाजिक दशाओं में एक दूसरे से भिन्न होते हैं। 

5. व्यवसायिक संरचना :- पारिश्रमिक युक्त व्यवसाय कार्यों में संलग्न तथा इन्हीं कार्यों से जीविकोपार्जन करने वाली जनसंख्या के स्वरूप को व्यवसायिक संरचना कहते हैं। जिन देशों में अधिकतर लोग प्राथमिक व्यवसाय में लगे होते हैं उनका आर्थिक स्तर निम्न होगा तथा वहाँ की व्यवस्था कृषि पर आधारित होगी। जहाँ अधिकांश लोग द्वितीयक, तृतीयक तथा चतुर्थक व्यवसाय में लगे होते हैं उनका आर्थिक स्तर ऊँचा होगा।

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