पाठ – 3
अपवाह तंत्र
In this post, we have mentioned all the important questions of class 11 Geography chapter 3 Drainage System in Hindi.
इस पोस्ट में क्लास 11 के भूगोल के पाठ 3 अपवाह तंत्र के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 11 |
Subject | Geography |
Chapter no. | Chapter 3 |
Chapter Name | अपवाह तंत्र (Drainage System) |
Category | Class 11 Geography Important Questions in Hindi |
Medium | Hindi |
Chapter – 3, अपवाह तंत्र
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 कुल अपवाह क्षेत्र का लगभग कितना प्रतिशत हिस्सा बंगाल की खाड़ी में जल विसर्जित करता है।
उत्तर: 77 प्रतिशत
प्रश्न 2 किस नदी को बंगाल का शोक (Sorrowof Bengal) कहा जाता है?
उत्तर: दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता था।
प्रश्न 3 कौन-सी नदी बिहार का शोक (Sorrow of Bihar) के नाम से जानी जाती है।
उत्तर: कोसी नदी।
प्रश्न 4 सिंधु नदी का उद्गम स्थान कहाँ है?
उत्तर: तिब्बत क्षेत्र में कैलाश पर्वत श्रेणी में बोखर चू (Bokhar Chu) के निकट सिंगी खंबान (SingiKhamban) अथवा शेर मुख ग्लोशियर से।
प्रश्न 5 सिंधु नदी के दाहिने तट पर मिलने वाली कोई तीन सहायक नदियों के नाम बताइए?
उत्तर: खुर्रम, तोची, गोमल, विबोआ, काबुल और श्योक नदियाँ ।
प्रश्न 6 भारत में सिंधु नदी जम्मू और कश्मीर राज्य के किस जिले में बहती है?
उत्तर: सिंधु नदी केवल लेह जिले में बहती है।
प्रश्न 7 झेलम नदी का उद्गम स्थान कहाँ है?
उत्तर: झेलम नदी का उद्गम स्थान पीर पंजाल गिरिपद में स्थित वेरीनाग झरना है।
प्रश्न 8 सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?
उत्तर: चेनाब नदी।
प्रश्न 9 ब्यास नदी का उद्गम स्थान कहां स्थित है?
उत्तर: व्यास नदी का उद्गम स्थान रोहतांग दर्रे के निकट ब्यास कुंड है जो समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर है।
प्रश्न 10 सतलुज नदी किस स्थान से निकलती है ?
उत्तर: सतलुज नदी 4555 मीटर की ऊंचाई पर मानसरोवर झील के निकट राक्षस ताल से निकलती है।
प्रश्न 11 सतलुज नदी को तिब्बत में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: सतलुज नदी को तिब्बत में लांगचेन खंबाब नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 12 गंगा नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री (गोमुख) हिमनद गंगा नदी का उद्गम स्थान है।
प्रश्न 13 भागीरथी नदी किस स्थान के बाद गंगा के नाम से जानी जाती है?
उत्तर: देवप्रयाग में अलकनंदा भागीरथी नदी में मिल जाती है तब इसे गंगा के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 14 गंगा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी कौन सी है ?
उत्तर: यमुना नदी।
प्रश्न 15 घाघरा नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: मापचाचुंगो हिमनद ।
प्रश्न 16 शारदा या सरयू नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: नेपाल हिमालय में मिलान हिमनद ।
प्रश्न 17 ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: कैलाश पर्वत श्रेणी में मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगड्डंग (Chemayungdung) हिमनद ।
प्रश्न 18 ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी को साँग्पो (Tsangpo) के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 19 ब्रह्मपुत्र नदी बंगलादेश में किस नाम से जाना जाती है?
उत्तर: ब्रह्मपुत्र नदी बंगलादेश में जमुना कहलाती है।
प्रश्न 20 महानदी का उद्गम स्थान कहां स्थित है?
उत्तर: छततीसगढ़ के रायपुर जिले में सिहावा के निकट ।
प्रश्न 21 किस नदी तंत्र को दक्षिण गंगा के नाम से जाना जाता है।
उत्तर: गोदावरी नदी को।
प्रश्न 22 गोदावरी नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: गोदावरी नदी का उद्गम स्थान त्रिम्बकेश्वर पठार है जो महाराष्ट्र के नासिक जिले में है।
प्रश्न 23 कावेरी नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: कर्नाटक के कोगाड जिले में ब्रहमगिरी पहाड़ियों में है।
प्रश्न 24 दक्षिण भारत की एक मात्र सदानीरा नदी कौन-सी है? तथा क्यों?
उत्तर: कावेरी नदी दक्षिण भारत की एक मात्र सदानीरा नदी है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून से इसके ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा का जल प्राप्त होता है और निचले क्षेत्रों में उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा का जल प्राप्त होता है।
प्रश्न 25 नर्मदा नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: नर्मदा नदी का उद्गम स्थान मध्यप्रदेश में अमरकंटक पठार का पश्चिमी पार्श्व है जो 1057 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
प्रश्न 26 तापी नदी कहां से निकलती है ? इसकी लम्बाई कितनी है?
उत्तर: तापी नदी मध्य प्रदेश के बेतुल जिले में मुलताई से निकलती है। यह 724 किलोमीटर लंबी नदी है।
प्रश्न 27 गरसोप्पा (जोग) जलप्रपात किस नदी पर स्थित है?
उत्तर: शरावती नदी।
प्रश्न 28 केरल की सबसे बड़ी नदी कौन सी है? इसका उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर: केरल की सबसे बड़ी नदी भरतपूझा है और यह अन्नामलाई पहाड़ियों से निकलती है।
प्रश्न 29 हिमालय की नदियों का विकास किस विशाल नदी से हुआ था?
उत्तर: शिवालिक या इंडो ब्रह्म नदी से 2.4 करोड़ से 50 लाख वर्ष पहले हुआ था।
प्रश्न 30 अलकनंदा नदी का स्रोत कहाँ है?
उत्तर: अलकनंदा नदी का स्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपथ है।
प्रश्न 31 कृष्णा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर: कृष्णा नदी सहयाद्री में महाबलेश्वर के निकट से निकलती है।
प्रश्न 32 दो भारतीय नदियों के नाम बताइए जो भ्रंश घाटी में बहती है?
उत्तर: नर्मदा व तापी नदी।
प्रश्न 33 प्रायद्वीपीय नदियों और उत्तर भारत की नदियों के बीच जल विभाजक का नाम बताइए।
उत्तर: विध्य-सतपुड़ा श्रेणी।
प्रश्न 34. अपवाह का अर्थ स्पष्ट करो।
उत्तर: निश्चित वाहिकाओं के माध्यम से हो रहे जल प्रवाह को अपवाह कहते हैं।
प्रश्न 35.जल ग्रहण क्षेत्र की परिभाषा लिखो।
उत्तर: एक नदी किसी विशिष्ट क्षेत्र से अपना जल बहा कर लाती है जिसे उस नदी का जल ग्रहण क्षेत्र कहते हैं।
प्रश्न 36. अपवाह द्रोणी क्या है?
उत्तर: एक नदी एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को अपवाह द्रोणी कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 भारत की नदियों प्रदूषित क्यों है? कोई तीन कारण लिखे।
उत्तर:
1) औद्योगिक कूड़ा-कचरा तथा घरेलू क्रियाकलापों से निकलने वाले अपशिष्ट को गंदे नालों द्वारा बहाकर भारत की नदियों में लाया जाता है।
2) बहुत से शमशान घाट नदी किनारे हैं और कई बार मृत शरीरों या उनके अवशेषों को नदियों में बहा दिया जाता है। कुछ त्योहारों पर फूलों और मूर्तियों को नदियों में विसर्जित किया जाता है। बड़े पैमाने पर स्नान व कपड़े आदि की धुलाई से भी नदी प्रदूषित होती है।
प्रश्न 2 हिमालयी अपवाह तंत्र की कौन-सी नदी बाढ़, मार्ग परिवर्तन और तटीय अपरदन के लिए जानी जाती है और क्यों ?
उत्तर:
1) ब्रह्मपुत्र नदी बाढ़, मार्ग परिवर्तन एवं तटीय अपरदन के लिए जानी जाती है।
2) इसकी अधिकतर सहायक नदियां बड़ी हैं जो भारी मात्रा में जल प्रवाहित करती हैं जिससे यह वर्षा ऋतु में भारी बाढ़ से असम में तबाही मचाती है।
3) ब्रह्मपुत्र के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण इसमें अत्यधिक अवसाद बहकर आता है, जिससे इसकी तली में अवसाद जमा हो जाने से यह तटीय अपरदन करती है तथा प्रायः अपना मार्ग भी बदल लेती हैं।
प्रश्न 3 जल संभर क्षेत्र के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियों को कितने भागों में बाँटा गया है? वर्णन करें?
उत्तर: जल-संभर क्षेत्र के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियों को तीन भागों में बांटा गया है।
1) प्रमुख नदी द्रोणी :- इनका अपवाह क्षेत्र 20,000 वर्ग किलो मीटर से अधिक है। इसमें 14 नदी द्रोणियाँ शामिल हैं जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, तापी, नर्मदा इत्यादि।
2) मध्यम नदी द्रोणी :- जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 से 20,000 वर्ग किलो मीटर है। इसमें 44 नदी द्रोणियाँ हैं जैसे कालिंदी, पेरियार, मेघना आदि।
3) लघु नदी द्रोणी :- जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 वर्ग किलो मीटर से कम है। इसमें न्यून वर्षा के क्षेत्रों में बहने वाली बहुत सी नदियां शामिल हैं।
प्रश्न 4 नदी बहाव प्रवृत्ति क्या है? उदाहरण सहित टिप्पणी करें।
उत्तर: एक नदी के अपवाह क्षेत्र में वर्ष भर जल प्रवाह के प्रारूप में पर्याप्त भिन्नता देखने को मिलती है। इसे नदी बहाव (River Regime) कहा जाता है। उत्तर भारत की नदियां जो हिमालय से निकलती हैं। सदानीरा अथवा बारहमासी हैं। क्योंकि ये अपना जल बर्फ पिघलने तथा वर्षा से प्राप्त करती है। दक्षिण भारत की नदियां हिमनदों से जल नहीं प्राप्त करतीं। जिससे इनकी बहाव प्रवृत्ति में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। इनका बहाव मानसून ऋतु में काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इस प्रकार दक्षिण भारत की नदियों के बहाव की प्रवृत्ति वर्षा द्वारा नियंत्रित होती है, जो प्रायद्वीपीय पठार के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होती है। गंगा नदी में न्यूनतम जल प्रवाह जून की अवधि के दौरान होता है। अधिकतम प्रवाह अगस्त या सितम्बर में प्राप्त होता है। सितम्बर के बाद प्रवाह में लगातार कमी होती चली जाती है। इस प्रकार इस नदी की वर्षा ऋतु में जल प्रवाह की प्रवृत्ति मानसूनी होती है।
नर्मदा नदी में जल प्रवाह का स्तर जनवरी से जुलाई माह तक बहुत कम रहता है, लेकिन अगस्त से इस नदी का जल प्रवाह अधिकतम हो जाता है। तब यह अचानक उफान पर आ जाती है । अक्टूबर महीने में बहाव की गिरावट उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना अगस्त में उफान।
प्रश्न 5 नदियों की उपयोगिता पर संक्षेप में टिप्पणी करें ?
उत्तर:
1) सिंचाई :- भारतीय नदियों के जल का सबसे अधिक उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। भारतीय नदियों में प्रतिवर्ष 1,67,753 करोड़ घन मीटर जल बहता है, जिसमें से 55,517 करोड़ घन मीटर अर्थात वार्षिक प्रवाह का 33 प्रतिशत का सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है।
2) जल शक्ति :- उत्तर में हिमालय, पश्चिम में विन्ध्याचल, सतपुड़ा और अरावली, पूर्व में मैकाल और छोटा नागपुर, उत्तर पूर्व में मेघालय के पठार और पूर्वांचल तथा दक्कन के पठार के पश्चिमी और पूर्वी घाट पर बड़े पैमाने पर जल शक्ति के विकास की संभावनाएं हैं। देश में इन नदियों से 60 प्रतिशत कार्यक्षमता के आधार पर लगभग 4.1 करोड़ किलोवाट जल शक्ति का उत्पादन किया जा सकता है।
3) जलमार्ग :- देश के उत्तर तथा उत्तर पूर्व में क्रमशः गंगा व ब्रह्मपुत्र, उड़िसा में महानदी, आंध्रप्रदेश में गोदावरी और कृष्णा, गुजरात में नर्मदा और तापी तथा तटीय राज्यों में झीलों और ज्वारीय निवेशिकाओं में देश के प्रमुख और उपयोगी जलमार्ग है। देश में लगभग 10,600 कि.मी. लम्बे नौगम्य जलमार्ग हैं। इनमें से 2480 कि.मी. लम्बी नौगम्य में स्टीमर और बड़ी नावें, 3920 कि.मी. लम्बी नौगम्य नदियों में मध्यम आकार की देशी नावें और 4200 कि.मी. लंबी नौगम्य नहरें हैं। कृष्णा, नर्मदा और तापी केवल मुहानों के निकट ही नौगम्य हैं।
प्रश्न 6 नदी जल उपयोग से जुड़ी मुख्य समस्यायें कौन-सी हैं?
उत्तर: नदी जल उपयोग से जुड़ी मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं :
1) पर्याप्त मात्रा में जल का उपलब्ध न होना।
2) नदी जल प्रदूषण
3) नदी जल में भारी मात्रा में गाद-मिट्टी का विद्यमान होना ।
4) जल बहाव में ऋतुवत परिवर्तनशीलता ।
5) राज्यों के बीच नदी जल विवाद ।
6) मानव बसाव के कारण नदी वाहिकाओं का सिकुड़ना।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 गंगा नदी की पांच विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर:
1) गंगा नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री (गोमुख) हिमनद से 3900 मीटर की ऊंचाई से निकलती है।
2) देव प्रयाग में भागीरथी और अलकनन्दा दोनों आपस में मिलती है। इसके बाद यह गंगा कहलाती है। गंगा नदी हरिद्वार में मैदान में प्रवेश करती है।
3) हरिद्वार से दक्षिण की ओर, फिर दक्षिण से पूर्व की ओर बहती है। अन्त में यह दक्षिण मुखी होकर दो धाराओं भागीरथी और हुगली में विभाजित हो जाती है । बंगलादेश में प्रवेश करने पर इसका नाम पद्मा हो जाता है।
4) गंगा नदी की लम्बाई 2525 कि.मी. है। यह भारत का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है। इसके उत्तर में हिमालय से निकलने वाली बारहमासी नदियां और दक्षिण में प्रायद्वीप से निकलने वाली मौसमी नदियां आकर मिलती हैं।
5) यमुना, गंगा की सबसे पश्चिमी और सबसे लंबी सहायक नदी है। सोन इसके दाहिने किनारे पर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदी है। बायें तट पर मिलने वाली महत्वपूर्ण सहायक नदियां, रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी व महानन्दा हैं।
प्रश्न 2 हिमालयी अपवाह तंत्र एवं प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र में कोई पांच अन्तर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
हिमालयी अपवाह तंत्र :
1) ये नदियां हिमालय से निकलकर उत्तरी भारत के उपजाऊ मैदानों में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
2) हिमालयी अपवाह तंत्र नवीन है।
3) यहां नदियां विसर्प बनाती हैं और अपने मार्ग भी बदलती रहती है।
4) ये नदियां हिमालय के हिमाच्छादित क्षेत्रों से जल प्राप्त करती हैं और पूरा साल बहती रहती हैं। इसलिए बारहमासी अथवा सदानीरा हैं।
5) ये नदियां अपने विकास की युवावस्था में हैं और अपने मार्ग में अपरदन का कार्य करती हुई अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती हैं। गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा संसार का सबसे तेजी से बढ़ने वाला विश्व प्रसिद्ध डेल्टा है।
प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र :
1) ये नदियां पश्चिमी घाट एवं प्रायद्वीपीय पठार से निकलकर पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं।
2) प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र पुराना है।
3) प्रायद्वीपीय नदियां सुनिश्चित मार्ग में बहती हैं तथा ये विसर्प नहीं बनाती हैं।
4) ये नदियां वर्षा पर निर्भर करती हैं इसलिए ग्रीष्म ऋतु में सुख जाती हैं।
5) ये नदियां अपने विकास की प्रौढ़ावस्था में हैं। इनकी नदी घाटियां चौड़ी एवं उथली हैं।
मानचित्र कार्य : दिए गए भारत के जल प्रवाह मानचित्र को देखकर विद्यार्थी भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित का अभ्यास करें:सिन्धु नदी, सतलुज नदी, गंगा नदी, ब्रह्मपुत्र नदी, दामोदर नदी, महानदी, लूनी नदी, नर्मदा नदी, तापी नदी, गोदावरी नदी, कृष्णा नदी, कावेरी नदी।
र्थिक लाभ क्या है?
उत्तर नदियों को जोड़ने से निम्नलिखित सामाजिक आर्थिक लाभ होंगे –
1) बड़ी नदियों में जल शक्ति की भारी संभावनाएँ हैं। उत्तर में हिमालय, मध्य में सतपुड़ा, पूर्व में छोटा नागपुर, उत्तर-पूर्व में मेघालय तथा पूर्वी और पश्चिमी घाट पर जल शक्ति की भारी संभावनाएँ हैं।
2) यदि इन नदियों के अतिरिक्त जल को कम जल वाली नदियों में जोड़ दिया जाए तो कृषि में सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति संभव है।
3) नदियों को आपस में जोड़ने से अन्न उत्पादन की क्षमता बढ़ जाएगी तथा जल शक्ति का उत्पादन बढ़ जाएगा साथ ही बाढ़ व सूखे की स्थितियों से राहत मिलेगी।
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