पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Important Questions || Class 11 Geography Book 1 Chapter 2 in Hindi ||

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पाठ – 2

पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

In this post, we have mentioned all the important questions of class 11 Geography chapter 2 The Origin and Evolution of the Earth in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 11 के भूगोल  के पाठ 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास  के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 2
Chapter Nameपृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)
CategoryClass 11 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 11 Geography Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Important Questions in Hindi

Chapter – 2, पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

(अति लघुउत्तरीय प्रश्न) 

प्रश्न 1. द्वैतारक सिद्धांत किसने दिया? 

उत्तर: जेम्स जींस तथा सर हरोल्ड जॉफरी। 

प्रश्न 2. ब्रह्मांड की उत्पत्ति से सम्बन्धित बिगबैंग सिद्धान्त के पक्ष में एडविन हब्बल ने क्या प्रमाण दिया? 

उत्तर: एडविन हब्बल ने प्रमाण दिया कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। आकाश गंगाएँ एक दूसरे से दूर हो रही हैं । यह प्रक्रिया आज भी जारी है। 

प्रश्न 3. नीहारिका किसे कहते हैं ? 

उत्तर: नीहारिका या नेबुला से तात्पर्य गैस एवं धूल तथा अन्य पदार्थों के घूमते हुए बादल से है। 

प्रश्न 4. ब्रह्मांड की उत्पत्ति संबन्धी स्थिर अवस्था संकल्पना किसने प्रस्तुत की? 

उत्तर: हॉयल नामक विद्वान ने। 

प्रश्न 5. क्षुद्रग्रह किसे कहते हैं ? 

उत्तर: सौरमंडल मे बाह्यग्रहों एंव पार्थिव ग्रहों के बीच में लाखों छोटे पिंडो की एक पट्टी है उन्हें क्षुद्र ग्रह कहते हैं। 

प्रश्न 6. जोवियन ग्रहों पर हाइड्रोजन व हीलियम गैसों के बने रहने का प्रमुख कारण क्या है ? 

उत्तर: जोवियन ग्रह सौर वायु के प्रभाव से बहुत दूर थे अतः सौर वायु जोवियन ग्रहों से हाइड्रोजन व हीलियम गैसों को नहीं हटा पायी।

प्रश्न 7. पृथ्वी की निर्माण प्रक्रिया के प्रारम्भिक वर्षों में इस पर किन गैसों की प्रधानता थी? 

उत्तर: हाइड्रोजन व हीलियम गैसों की प्रधानता थी। 

प्रश्न 8. वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की आयु कितनी है ? 

उत्तर: 4.6 अरब वर्ष। 

प्रश्न 9. पृथ्वी पर जीवन के विकास का प्रारंभ आज से कितने वर्ष पहले हुआ ? 

उत्तर: लगभग 380 करोड़ वर्ष पूर्व । 

प्रश्न 10. सर जार्ज डार्विन ने चन्द्रमा की उत्पत्ति से संबन्धित किस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया? 

उत्तर: डम्बल सिद्धान्त (सन् 1838 ई०) । 

प्रश्न 11. निम्न में कौन सी अवधि सबसे लम्बी है ? 

उत्तर: (अ) इयान     (ब) महाकल्प 

          (स) कल्प      (ग) युग 

उत्तर : इयान । 

प्रश्न 12. प्रारम्भिक काल में पृथ्वी के धरातल का स्वरूप कैसा था? 

उत्तर : प्रारम्भिक काल में पृथ्वी चट्टानी, गर्म और वीरान ग्रह थी, जिसका वायुमंडल विरल था जो हाइड्रोजन व हीलियम से बना था। 

प्रश्न 13. चतुर्थक कल्प के दो युगों के नाम दीजिए ? 

उत्तर : 

1) अत्यन्त नूतन युग

2) अभिनव युग 

प्रश्न 14. पार्थिव ग्रहों के नाम लिखो। 

उत्तर : बुध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल । 

प्रश्न 15. हमारे सौर मंडल में सबसे अधिक घनत्व वाला ग्रह कौन सा है ? 

उत्तर : पृथ्वी ग्रह। 

प्रश्न 16. पृथ्वी के अलावा और किस ग्रह पर जीवन की संभावना व्यक्त की जा रही है? 

उत्तर : मंगलग्रह पर तथा वृहस्पति ग्रह के उपग्रह यूरोपा पर |

प्रश्न 17. सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक कितने समय में पहुँचता है ? 

उत्तर : 8.311 मिनट में 

प्रश्न 18. आन्तरिक ग्रहों को पार्थिव ग्रह क्यों कहते हैं ? 

उत्तर : आन्तरिक ग्रह पृथ्वी की तरह चट्टानों से निर्मित हैं इसलिए इन्हें पार्थिव ग्रह कहते हैं। 

प्रश्न 19. बौने ग्रह कौन से हैं। 

उत्तर : प्लूटो तथा खगोलिय पिंड (2003 UB 313)/ बौने ग्रह हैं। 

प्रश्न 20. प्रकाश वर्ष की दूरी लिखो। 

उत्तर : 9.461×102 किलोमीटर

(लघुउत्तरीय प्रश्न) 

प्रश्न 1. बिग बैंग सिद्धान्त के अनुसार ब्रहमांड के विकास की तीन अवस्थाओं का वर्णन कीजिए?

उत्तर:

चित्र : बिग बैंग (एकाकी परमाणु)

1) आज ब्रह्मांड जिन पदार्थो से बना है वह समस्त पदार्थ एकाकी परमाणु के रूप में स्थित था जिसका आयतन अत्याधिक सूक्ष्म एंव घनत्व बहुत ही अधिक था। 

2) परमाणु में अत्याधिक ऊर्जा संचित हो जाने के कारण इसमें विस्फोट हुआ एंव विस्फोट के एक सेकंड के अन्दर ही ब्रह्मांड का विस्तार हुआ। 

3) बिग बैंग से 3 लाख वर्षों के दौरान, तापमान 4500° केल्विन तक कम हो गया एंव परमाणवीय पदार्थों का निर्माण हुआ। 

प्रश्न 2. ग्रहों के निर्माण की विभिन्न अवस्थायें कौन सी हैं | स्पष्ट कीजिये? 

उत्तर : 

(1) गैस के गुंथित झुंड तारों के रूप में थे इन गुंथित झुंडों में गुरूत्वाकर्षण बल से क्रोड का निर्माण हुआ। इस क्रोड के चारों तरफ गैस व धूलकण की घूमती हुई तश्तरी विकसित हुई।

(2) दूसरी अवस्था में क्रोड के चारों तरफ का पदार्थ छोटे गोलकों के रूप में विकसित हुआ। ये छोटे गोलक पारस्परिक आकर्षण के कारण ग्रहाणुओं ____ में बदल गए। 

(3) अनेक छोटे ग्रहाणु मिलकर बड़े होते गए एवं ग्रहों के रूप में बदल गए। 

प्रश्न 3. पार्थिव ग्रहों एवं बाह्य ग्रहों में अन्तर के प्रमुख कारण क्या हैं ? 

उत्तर : 

(1) पार्थिव ग्रह जनक तारे के समीप थे अतः अधिक तापमान के कारण वहाँ गैसें संघनित नहीं हो पायीं जबकि जोवियन ग्रह दूर होने के कारण वहाँ गैसें संघनित हो गयीं। 

(2) सौर वायु के प्रभाव से पार्थिव ग्रहों के गैस व धूलकण उड़ गये किन्तु जोवियन ग्रहों की गैसों को सौर पवन नहीं हटा पायी। 

(3) पार्थिव ग्रह छोटे थे एवं इनमें गुरूत्वाकर्षण शक्ति कम थी अतः इन पर सौर पवनों के प्रभाव से गैसे रूकी नहीं। जबकि जोवियन ग्रह भारी थे तथा दूर होने के कारण सौर पवनों के प्रभाव से बचे रहे। अतः उन पर गैसें रूकी रहीं। 

प्रश्न 4. चन्द्रमा की उत्पत्ति से सम्बन्धित द बिग स्प्लैट सिद्धान्त क्या है ? 

उत्तर : इस सिद्धान्त के अन्तर्गत यह माना जाता है कि पृथ्वी के बनने के कुछ समय बाद ही मंगल ग्रह से तीन गुणा बड़े आकार का एक पिंड पृथ्वी से टकराया। इस टकराव से पृथ्वी का एक हिस्सा टूटकर अंतरिक्ष में बिखर गया । यही पदार्थ चन्द्रमा के रूप में पृथ्वी का चक्कर लगाने लगा। यह घटना 4.44 अरब वर्ष पहले हुई थी। 

प्रश्न 5. स्थलमंडल के विकास में विभेदन प्रक्रिया का क्या योगदान है ? 

उत्तर : हल्के व भारी घनत्व वाले पदार्थों के पृथक होने की प्रक्रिया को विभेदन कहा जाता है। पृथ्वी की उत्त्पत्ति के दौरान अत्यधिक ताप के कारण पृथ्वी के पदार्थ द्रव अवस्था में हो गये जिसके फलस्परूप हल्के एंव भारी घनत्व का एक मिश्रण तैयार हो गया । घनत्व के अंतर के कारण भारी पदार्थ पृथ्वी के केन्द्र में चले गये एंव हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह या ऊपरी भाग की तरफ आ गये। समय के साथ ये पदार्थ ठंडे हुए और ठोस रूप में भूपर्पटी के रूप में विकसित हुए।

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न) 

प्रश्न 1. पृथ्वी पर वायुमण्डल का विकास कैसे हुआ ? 

उत्तर : पृथ्वी पर वायुमण्डल के विकास की तीन अवस्थाएं हैं।

(1) पहली अवस्था में सौर पवन के कारण हाइड्रोजन व हीलियम पृथ्वी से दूर हो गयी।

(2) दूसरी अवस्था में पृथ्वी के ठंडा होने व विभेदन के दौरान पृथ्वी के अंदर से बहुत सी गैसें व जलवाष्प बाहर निकले जिसमें जलवाष्प, नाइट्रोजन, कार्बन-डाई-आक्साइड, मीथेन व अमोनिया अधिक मात्रा में निकलीं, किंतु,स्वतन्त्र ऑक्सीजन बहुत कम थी। 

(3) तीसरी अवस्था में पृथ्वी पर लगातार ज्वालामुखी विस्फोट हो रहे थे जिसके कारण वाष्प एंव गैसें बढ़ रही थीं। यह जलवाष्प संघनित होकर वर्षा के रूप में परिवर्तित हुयी जिससे पृथ्वी पर महासागर बने एंव उनमें जीवन विकसित हुआ। जीवन विकसित होने के पश्चात संश्लेषण की प्रक्रिया तीव्र हुई एंव पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन की अधिकता हई। 

प्रश्न 2. पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बन्धित प्रारम्भिक संकल्पनाओं को स्पष्ट कीजिए? 

उत्तर : पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बधित प्रमुख प्राचीन संकल्पनायें निम्नलिखित थी :

(1) नीहारिका परिकल्पना :- इस परिकल्पना के जनक इमैनुअल कान्ट थे। इनके अनुसार गैस एंव अन्य पदार्थो के घूमते हुए बादल से ग्रहों की उत्पत्ति हुई। 

(2) लाप्लेस ने इस परिकल्पना में सुधार करते हुए कहा कि घूमती हुई नेबुला के कोणीय संवेग बढ़ जाने से नेबुल संकुचित हो गयी और उसका बाहरी भाग छल्लों के रूप में बाहर निकला जो बाद में ग्रहों में परिवर्तित हो गया। 

(3) चेम्बरलेन एवं मोल्टन के अनुसार सूर्य के पास से एक अन्य तारा तीव्र गति से गुजरा। जिसके गुरूत्वीय बल के कारण सूर्य की सतह से सिगार के आकार का एक टुकड़ा अलग हो गया, कालान्तर में उसी टूकड़े से ग्रहों का निर्माण हुआ। 

प्रश्न 3. ग्रहों के निर्माण की प्रमुख अवस्थाएँ क्या हैं ? 

उत्तर : वैज्ञानिकों द्वारा ग्रहों के निर्माण की तीन अवस्थाएं मानी गई हैं :

  • ग्रहों का निर्माण तारों से हुआ है। गुरूत्वाकर्षण बल के परिणामस्वरूप आरंभ में क्रोड का निर्माण हुआ, जिसके चारों ओर गैस और धूलकणों की चक्कर लगाती हुई एक तश्तरी विकसित हो गई। 
  • दूसरी अवस्था में गैसीय बादल के संघनन के कारण क्रोड के आस पास का पदार्थ छोटे गोलाकार पिंडों के रूप में विकसित हो गया। जिन्हें ग्रहाणु कहा गया। 
  • बाद में बढ़ते गुरूत्वाकर्षण के कारण ये ग्रहाणु आपस में जुड़ कर बड़े पिंडों का रूप धारण कर गए। यह ग्रह निर्माण की तीसरी और अन्तिम अवस्था मानी जाती है।

प्रश्न 4. पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित आरंभिक सिद्धान्त कौन से थे ? बतलाइये। 

उत्तर : पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित आरंभिक सिद्धान्त 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में सामने आने शुरू हुए। किन्तु सभी विचार परिकल्पना (Hypothesis) की श्रेणी में आते हैं, सिद्धान्त की श्रेणी में नहीं। ये इस प्रकार हैं 

वैज्ञानिक (Scientist)

संकल्पनाएं (Hypothesis) 

वर्ष  (Year) 

इमैनुअल कान्ट

लाप्लास की नीहारिका परिकल्पना

1796 ई.

चेम्बरलिन और मोल्टन

ग्रहाणु परिकल्पना (द्वितारक विचारधारा)

1900 ई. 

ऑटोशिमिड व कार्ल वाई जास्कर 

संशोधित निहारिका परिकल्पना

1950 ई.

प्रश्न 5. पृथ्वी के भू-वैज्ञानिक कालक्रम को किस प्रकार विभाजित किया गया है? समझाइए। 

उत्तर : पृथ्वी के भू-वैज्ञानिक काल क्रम को वृहत, मध्यम व लघुस्तरों में विभाजित किया गया है जोकि इस प्रकार है:

1) इयान (Eons) 

2) महाकल्प (Era) 

3) कल्प (Period) 

4) युग (Epoch) 

इयान सबसे बड़ी और युग सबसे छोटी अवधि है। पृथ्वी की उत्त्पत्ति से अब तक पृथ्वी के भू-वैज्ञानिक इतिहास को चार इयान में विभक्त किया गया है। वर्तमान इयान फेनेरोजॉईक (Phanerozoic) इयान कहलाता है। 

इस इयान को तीन महाकल्पों में बांटा गया है। 

1) पुराजीवी महाकल्प 

2) मध्य जीवी महाकल्प 

3) नवजीवी महाकल्प 

उक्त महाकल्पों को कल्पों में तथा कल्पों को और छोटी अवधि युगों मे विभक्त किया गया है। 

प्रश्न 6. तृतीयक कल्प एवं चतुर्थ कल्प का विभाजन युगों में कीजिए तथा उनकी अवधि बतलाइये? 

उत्तर : तृतीयक कल्प को पाँच युगों में विभाजित किया गया है। ये इस प्रकार हैं :

युग 

अवधि

1. पुरानूतन

5.7 करोड़ से 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व 

2. आदिनूतन

3.7 करोड़ से 5.7 करोड़ वर्ष पूर्व 

3. अधिनूतन

2.4 करोड़ से 3.7 करोड़ वर्ष पूर्व 

4. अल्पनूतन

50 लाख से 2.4 करोड़ वर्ष पूर्व

5. अतिनूतन

20 लाख से 50 लाख वर्ष पूर्व

प्रश्न 1. पृथ्वी से देखने पर चन्द्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई देता है। क्यों? 

उत्तर : जब हम चन्द्रमा को पृथ्वी से देखते हैं तब उसका एक ही भाग अथवा एक ही रूप दिखाई देता है क्योंकि चन्द्रमा की घूर्णन अवधि व परिक्रमण अवधि समान है। इसलिए हम चन्द्रमा का एक ही भाग देख पाते हैं। 

प्रश्न 2. चन्द्रमा की उत्पत्ति कब हुई ? 

उत्तर : चन्द्रमा की उत्पत्ति एक बड़े टकराव का परिणाम है जिसे ‘द बिग स्पलैट’ कहा जाता है । यह घटना लगभग 4.44 अरब वर्ष पहले हुई थी। 

प्रश्न 3. प्रकाशवर्ष (Lightyear) क्या है?

उत्तर : प्रकाशवर्ष समय का नहीं वरन् दूरी का माप है। प्रकाश की गति लगभग 3 लाख कि.मी. प्रति सेकेण्ड है। एक साल में प्रकाश जितनी दूरी तय करेगा, वह एक प्रकाशवर्ष होगा। यह 9.461 x 10 कि.मी. के बराबर है। पृथ्वी और सूर्य की औसत दूरी 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार किलोमीटर है। प्रकाशवर्ष के सन्दर्भ में यह दूरी केवल 8.311 मिनट है।

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