महासागरीय जल संचलन Important Questions || Class 11 Geography Book 1 Chapter 14 in Hindi ||

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पाठ – 14

महासागरीय जल संचलन

In this post, we have mentioned all the important questions of class 11 Geography chapter 14 Movements of Ocean Water in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 11 के भूगोल  के पाठ 14 महासागरीय जल संचलन के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 14
Chapter Nameमहासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)
CategoryClass 11 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 11 Geography Chapter 14 महासागरीय जल संचलन Important Questions in Hindi

Chapter – 14, महासागरीय जल संचलन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. समुद्री तरंगे क्या है ? 

उत्तर : समुद्री तरंगे वास्तव में जल की वह स्थिति है जिसमें जल एक ही स्थान परऊपर-नीचे होता रहता है, परन्तु अपने स्थान को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर नहीं जाता, केवल ऊर्जा का प्रवाह एक स्थान से दूसरे स्थान पर होता है।

प्रश्न 2. ज्वार-भाटा उत्पन्न होने के क्या कारण हैं ? 

उत्तर : ज्वार-भाटा की उत्पत्ति का कारण चन्द्रमा, सूर्य तथा पृथ्वी की पारस्पारिक गुरूत्वाकर्षण शक्ति है। 

प्रश्न 3. किस महासागर की धाराएं ऋतु परिवर्तन के साथ अपनी दिशा बदल लेती है? 

उत्तर: हिन्द महासागर। 

प्रश्न 4. अगुलहास गर्म जल धारा क्या है ? 

उत्तर : मेडागास्कर द्वीप के दक्षिण में मोजाम्बिक धारा व मेडागास्कर धारा मिलकर एक हो जाती हैं यह संयुक्त धारा अगुलहास गर्म धारा के नाम से जानी जाती है। 

प्रश्न 5. विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार भाटा कहाँ आता है। 

उत्तर : विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार भाटा कनाडा के नवास्कोशिया में स्थित फंडी की खाड़ी में आता है। 

प्रश्न 6. सर्फ क्या है? 

उत्तर : तटीय क्षेत्रों में टूटती हुई तरंगों को सर्फ (फेनिल) लहर कहते हैं। 

प्रश्न 7. तरंग की गति कैसे मापी जाती है। 

उत्तर : तरंग की गति = तरंग दैध्य : तरंग का आवर्त काल

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. तरंगों एवं धाराओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए? 

उत्तर : 

तरंगें :

(1) तरंगों का जल ऊपर-नीचे तथा आगे-पीछे हिलता रहता है। वह अपना स्थान छोड़कर आगे नहीं बढ़ता।

(2) तरंगें केवल जल-तल तक सीमित रहती हैं। 

(3) तरंगों का वेग वायु के प्रचलन पर निर्भर करता है। 

(4) तरंगों का आकार जल की गहराई पर निर्भर करता है। 

(5) तरंगें स्थायी होती हैं और सदा बनती बिगड़ती रहती हैं। 

धाराएं :

(1) धाराओं में जल अपना स्थान छोड़कर आगे बढ़ता। 

(2) धाराएं पर्याप्त गहराई तक प्रभावकारी होती हैं । धाराएं स्थायी पवनों के प्रभाव से चलती हैं ठंडे तटों को गर्म कर देती है। 

(3) धाराएं सदैव विशाल आकार की होती हैं। इनके मिलने वाले क्षेत्र मछलियों से भरे रहते हैं। 

(4) धाराएं सदा स्थायी होती हैं तथा निरन्तर निश्चित दिशा में बहती हैं।

प्रश्न 2.ज्वारीय धारा से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर : जब कोई खाड़ी पतले मुख द्वारा खुले सागर से जुड़ी होती है तो ज्वार के समय समुद्र का जल खाड़ी में प्रवेश करता है और भाटे के समय खाड़ी से बाहर निकलता है। खाड़ी के अन्दर तथा बाहर की ओर जल के इस प्रवाह को ज्वारीय धारा कहा जाता है। 

प्रश्न 3. सारगैसो सागर से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर : उत्तरी अटलांटिक में गल्फ स्ट्रीम, कनारी तथा उत्तरी विषुवतीय धाराओं के बीच स्थित शान्त जल के क्षेत्र को सारगैसो सागर कहते हैं। इसके तट पर मोटी समद्री घास तैरती है। घास को पुर्तगाली भाषा में सारगैसम कहते हैं, जिसके नाम पर इसका नाम सारगैसों सागर रखा गया है। इसका क्षेत्रफल लगभग 11,000 वर्ग कि. मी. है। 

प्रश्न 4. ज्वार-भाटा नौसंचालन को किस प्रकार प्रभावित करता है ?

या 

ज्वार भाटा नौसंचालन से कैसे संबंधित है ? 

उत्तर : नदमुखों (River Mouth) पर स्थित बन्दरगाहों तक साधारणतः जहाज नहीं पहुँच सकते हैं, किन्तु ज्वार से जल की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि जहाज बन्दरगाह तक सुगमता से पहुंच जाते हैं, और माल उतारने के बाद गहरे सागर में वापस आ जाते हैं इस प्रकार ज्वार-भाटे के कारण ही हुगली नदी तथा टेम्स नदी पर क्रमशः कोलकत्ता तथा लंदन जैसे बन्दरगाह बन पाये हैं। जिनका दोनों देशों के साथ-साथ विश्व में भी महत्वपूर्ण स्थान है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. ज्वार-भाटा क्या है ? इसके प्रमुख प्रकार बताइये तथा इसके महत्व का वर्णन कीजिए? 

उत्तर: समुद्र का जल-स्तर सदा एक सा नही रहता। यह नियमित रूप से दिन में दो बार ऊपर उठता है तथा नीचे उतरता है। समुद्री जल स्तर के ऊपर उठने को ज्वार तथा नीचे उतरने को भाटा कहते है (Tides are the rhythmic rise and fall of the water in the ocean)! पूर्ण मासी तथा अमावस्या के ज्वार की ऊँचाई अन्य दिनों की अपेक्षा 20% अधिक होती है। यह महीने में दो बार होती है। 

ज्वारभाटा के प्रकार (Type of tides) :- ज्वार भाटा को उसकी आवृत्ति तथा ऊँचाई के आधार पर वर्गीकरण किया जा सकता है।

1. आवृति के आधार पर (Tides Based on Frequency) :

A.अर्द्ध-दैनिक ज्वार (Semidiurnal tide) 

  • दैनिक ज्वार (Diurnal Tide) 
  • मिश्रित ज्वार (Mixed Tide) 

B. ऊँचाई के आधार पर (Tides Based on Heights):

  • उच्च अथवा वृहत ज्वार भाटा (Spring Tide)
  • निम्न अथवा लघु ज्वार-भाटा (Neap Tide) 

भाटा का महत्व (Importance of the tides) :

(1) नदमुखों पर समुद्री जहाज आसानी से प्रवेश कर पाते हैं। जैसे कोलकाता में हुगली नदी। 

(2) मछली पकड़ने वाले नाविक भाटे के साथ समुद्र में अन्दर जाते हैं और ज्वार के साथ बाहर आ जाते हैं। 

(3) ज्वार-भाटे से तटीय नगरों की गन्दगी व प्रदूषण साफ हो जाते हैं। 

(4) ज्वार-भाटे से बहुत ही बहुमूल्य वस्तुएं हमें समुद्री किनारे पर प्राप्त हो जाती है जैसे शंख, सीप, घोंघे इत्यादि। 

(5) ज्वार-भाटे के कारण समुद्री जल गतिमान रहता है जिससे शीत प्रदेशों में पानी जम नहीं पाता है। 

(6) ज्वार-भाटे से विद्युत निर्माण भी किया जाता है। बहुत से क्षेत्रों में इस प्रकार की ऊर्जा प्राप्त की जा रही है।

प्रश्न 2. तरंगों की विशेषताएं बताइये ।

उत्तर: तरंगों की निम्नलिखित विशेषताएं है। 

  • तरंग शिखर एवं गर्त (Wave Crest and Trough) :- एक तरंग के उच्चतम एवं निम्नतम बिन्दुओं को क्रमशः शिखर एवं गर्त कहते हैं। तरंग की ऊचाई (Wave Height) :- यह तरंग के गर्त एंव शिखर की ऊर्ध्वाधर (Vertical) दूरी है।
  • तरंग आयाम (Amplitude):- यह तरंग की ऊंचाई का आधा भाग होता है।
  • तरंग काल (Wave Period) :- तरंग काल एक निश्चित बिन्दु से गुजरने वाले दो लगातार तरंग शिखरों या गर्तों के बीच का समय अन्तराल है।
  • तरंग दैर्ध्य (Wave Length) :- यह लगातार दो शिखरों या गर्तो के बीच की क्षैतिज दूरी है।
  • तरंगगति (Wave Speed):- जल के माध्यम से तरंग के गति करने की दर को तरंग गति कहते है। इस नॉट में मापा जाता है।

प्रश्न 3. महासागरीय धाराएं किन्हें कहते हैं? इनकी उत्पत्ति के कारण बताइये? 

उत्तर : ‘महासागरों के एक भाग से दूसरे भाग की ओर विशेष दिशा में जल के निरन्तर प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं। 

धाराओं के उत्पन्न होने के कारण (Causes ofOrigin of Currents) :

(क) पृथ्वी के परिभ्रमण संबंधी कारण, अंतः सागरीय तथा महासागरीय कारक जैसे- 

  • तापक्रम की विभिन्नता 2. समुद्र का खरापन 3. घनत्व में भिन्नता

(ख) बाह्य कारक :

  • वायुदाब तथा हवाओं की दिशा 
  • वाष्पीकरण तथा वर्षा 

(ग) धाराओं की दिशा व रूप में परिवर्तन लाने वाले कारक :

  • तट की दिशा तथा आकार 
  • महासागर तल की आकृति 
  • मौसमी परिवर्तन
  • प्रचलित स्थायी हवाएं/ पवनें 

प्रश्न 4. महासागरीय धाराओं का गहराई और तापमान के आधार पर वर्गीकरण करो। 

उत्तर : 

गहराई के आधार पर महासागरीय धाराओं का वर्गीकरण:

1. सतही धारा अथवा ऊपरी धारा Surface Currents : महासागरीय जल का 10 प्रतिशत भाग सतही जल धारा के रूप में है ये धाराएं महासागरों में 400 मी. की गहराई तक उपस्थित हैं।

2. गहरी धारा Deep Currents :- महासागरीय जल का 90 प्रतिशत भाग गहरी जलधारा के रूप में है। ये जलधाराएं महासागरों के घनत्व व गुरूत्व की भिन्नता के कारण बहती है। 

तापमान पर आधारित महासागरीय धाराएं 

1. गर्म धाराएं Warm Currents :- जो धाराएं गर्म क्षेत्रों से ठण्डे क्षेत्रों की और चलती है उन्हें गर्म धाराएं कहते हैं ये प्राय भूमध्य रेखा से ध्रुवों की और चलती है। इनके जल का तापमान मार्ग में आने वाले जल के तापमान से अधिक होता हैं । अतः ये धाराएं जिन क्षेत्रों में चलती हैं वहां का तापमान बढ़ा देती है | गल्क स्ट्रीम इसका एक उदाहरण है।

2. ठण्डी धाराएं Cold Currents :- जो धाराएं ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों की ओर चलती हैं उन्हें ठंडी धाराएं कहते हैं। ये प्राय ध्रुवों से भूमध्य रेखा की और चलती हैं इनके जल का तापमान रास्ते में आने वाले जल के तापमान से कम होता है अतः ये धाराएं जिन क्षेत्रों में चलती है वहां का तापमान घटा देती है। लेब्राडोर ठण्डी धारा इसका एक उदाहरण है। 

प्रश्न 5. महासागरीय धाराओं के कौन-कौन से प्रभाव होते है ? 

उत्तर : महासागरीय धाराओं के निम्नलिखित प्रभाव होते है :

  • ये धाराएँ अपने आसपास के स्थल क्षेत्रों के तापमान और तापान्तर को प्रभावित करती है। ठंडी धाराएँ स्थल क्षेत्रों के तापमान को कम कर देती है तथा गर्म धाराएँ स्थल क्षेत्रों के तापमान को बढ़ा देती हैं। 
  • महासागरीय धाराओं के कारण अन्य जलवायविक परिवर्तन भी हो सकते हैं जैसे कोहरे की उत्पत्ति, आर्द्रता में वृद्धि और मृदुलता। 
  • ठंडी और गर्म धाराओं के मिलने के स्थान पर प्लैंकटन की बढोतरी हो जाती है जिसके कारण इन क्षेत्रों में मछलियाँ बहुतायत में पाई जाती हैं । संसार के प्रमुख मतस्य क्षेत्र इन्हीं स्थानों पर पाए जाते हैं।

प्रश्न 6. दिए गए विश्व के रेखा मानचित्र में निम्न महासागरीय धाराओं को दर्शाईये? 

उत्तर: प्रशांत महासागर की समुद्री धाराएं :

क) उत्तरी प्रशान्त महासागर की ठंडी धारा (ओयोशिवो धारा) 

ख) दक्षिणी प्रशान्त की ठंडी धारा (हम्बोल्ट धारा (पेरू) 

ग) दक्षिणी प्रशान्त महासागर की गर्म जल धारा (पूर्वी आस्ट्रेलिया धारा) 

घ) उत्तरी प्रशान्त महासागर की गर्म जल धारा (क्यूरोशिवों धारा) 

ड़) कैलीफोर्निया धारा 

च) अलास्का धारा

प्रश्न 7. हिन्द महासागर की समुद्री धाराओं को विश्व के रेखा मानचित्र में दशाइये? 

क) दक्षिणी हिन्द महासागर की गर्म धारा (अगुलहास धारा) 

ख) दक्षिणी हिन्द महासागर की ठंडी धारा (प. आस्ट्रेलिया धारा) 

ग) दक्षिणी-पश्चिम मानसून की धारा (हिन्द महासागर) 

घ) दक्षिण विषुवतीय धारा (दक्षिणी हिन्द महासागर)

विश्व के इस खाली मानचित्र में प्रश्न सं. 6, 7 व 8 को दर्शाइए।

We hope that class 11 Geography Chapter 14 महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water Important Questions in Hindi helped you. If you have any queries about class 11 Geography Chapter 14 महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water Important Questions in Hindi or about any other Important Questions of class 11 Geography in Hindi, so you can comment below. We will reach you as soon as possible.

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