पाठ – 1
राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ
In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Political Science Chapter 1 Challenges of Nation Building in Hindi.
इस पोस्ट में क्लास 12 के राजनीति विज्ञान के पाठ 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं राजनीति विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Political Science |
Chapter no. | Chapter 1 |
Chapter Name | राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ (Challenges of Nation Building) |
Category | Class 12 Political Science Important Questions in Hindi |
Medium | Hindi |
Ch 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ
एक अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. जवाहर लाल नेहरू के किस भाषण को भाग्यवधू से ‘चिर प्रतीक्षित भेंट’ के नाम से जाना जाता है ?
उत्तर: 1947 के 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को हिन्दुस्तान के आजाद होने पर नेहरू जी ने संविधान सभा के जिस विशेष सत्र को सम्बोधित किया था उसे ही इस नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 2. आजादी के बाद भारत के सामने पहली चुनौती क्या थी?
उत्तर: देश को एकता के सूत्र में बाँधना।
प्रश्न 3. जिन्ना ने द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त का प्रतिपादन क्यों किया था ?
उत्तर: जिन्ना ने हिन्दुओं के लिए हिन्दुस्तान तथा मुसलमानों के लिए पाकिस्तान के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए द्वि-राष्ट्र सिद्धात का प्रतिपादन किया।
प्रश्न 4. रजवाड़ो के शासकों और भारतीय संघ के मध्य जिस सहमतिमत्र पर हस्ताक्षर हुए, उसे क्या कहा जाता है ?
उत्तर: ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’
प्रश्न 5. किस राज्य में पहली बार सार्वभौम वयस्क मताधिकार के सिद्धांत को अपनाकर चुनाव हुए।
उत्तर: मणिपुर
प्रश्न 6. किस अधिवेशन के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मान लिया कि राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर होगा ?
उत्तर: नागपुर अधिवेशन (1920)
प्रश्न 7. ‘स्ट्रगल फॉर सरवाइवल’ (जुलाई 1953) नामक कार्टून किस माहौल को दर्शाता है ?
उत्तर: जब भाषायी आधार पर राज्य गठित करने की माँग जोर पकड़ रही थी।
प्रश्न 8. भारत में आजादी के समय रजवाड़ो की संख्या कितनी थी?
उत्तर: आजादी के समय भारत में रजवाड़ों की संख्या 565 थी।
प्रश्न 9. आंध्र-आंदोलन के दौरान किस नेता की मृत्यु भूख-हड़ताल से हुई थी?
उत्तर: पोट्टी श्रीरामुलू।
प्रश्न 10. भारत में 1956 में भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन क्यों किया गया ?
उत्तर:
- आंदोलनों का दबाव
- विविधता बचाये रखने के लिए।
प्रश्न 11. प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
उत्तर: सुकुमार सेन
प्रश्न 12. सीमान्त गाँधी ने नाम से किसे जाना जाता है ?
उत्तर: खान अब्दुल गफ्फार खान
प्रश्न 13. भारत के किन दो प्रान्तों का बँटवारा 1947 के विभाजन की सबसे बड़ी त्रासदी को कारण बना ?
उत्तर: पंजाब व बंगाल
द्वि अंकीय प्रश्न
प्रश्न 1. आजादी की लड़ाई के समय किन दो बातों पर सभी सहमत थे ?
उत्तर:
- शासन लोकतांत्रिक पद्धति से चलाया जायेगा।
- सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य करेगी।
प्रश्न 2. भारत की आजादी के समय राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी दो बाधा कौन सी थी?
उत्तर:
- पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की पुनर्वास संबंधी चुनौती।
- साम्प्रदायिक एकता की चुनौती।
प्रश्न 3. महात्मा गांधी के अनुसार 15 अगस्त 1947 (कल) खुशी एवं गमीं दोनों का दिन क्यों होगा?
उत्तर: महात्मा गाँधी के अनुसार 15 अगस्त 1947 खुशी का दिन इसलिए होना था क्योंकि भारत को आजादी मिलनी थी और गम का दिन इसलिए क्योंकि भारत के विभाजन के साथ-साथ हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच दंगे भी हो रहे थे।
प्रश्न 4. आजादी के समय देश के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में राष्ट्र-निर्माण की चुनौती के लिहाज से दो मुख्य अंतर क्या थे?
उत्तर:
- पूर्वी क्षेत्र में सांस्कृतिक एवं आर्थिक संतुलन की समस्या थी। परन्तु पश्चिमी क्षेत्र में विकास की चुनौती थी।
- पूर्वी क्षेत्र भाषायी समस्या से जूझ रहा था जबकि पश्चिमी क्षेत्र में धार्मिक एवं जातिवादी समस्याएँ अधिक थी।
प्रश्न 5. स्वतंत्र भारत के नेता राजनीति को समस्या के रूप में नहीं देखते थे, वे राजनीति को समस्या के समाधन के रूप में मानते थे। आप इस कथन से कहाँ तक सहमत है ?
उत्तर: उनके अनुसार राजनैतिक गतिविधि का उद्देश्य जनहित का फैसला लेना व उस पर अमल करना होता है इसीलिये वो राजनीति को समस्या समाधान के रूप में देखते हैं।
प्रश्न 6. राष्ट्र निर्माण से क्या समझते हो?
उत्तर: ऐसी प्रक्रिया जिसके द्वारा राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों व वर्गों के एकीकरण द्वारा राष्ट्रीय पहचान को सुनिश्चित कर, राष्ट्र को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जाता है।
चार अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. भारत के विभाजन की प्रक्रिया की किन्ही चार समस्याओ का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- प्रांतो का विभाजन।
- रियासतों का विलय।
- विस्थापितों की समस्या।
- खाद्यान्न संकट।
प्रश्न 2. फैज अहमद कौन थे? संक्षेप में बताएँ।
उत्तर: फैज अहमद वामपंथी रूझान से जुड़े हुए थे। आजादी के बाद उन्हें पाकिस्तान में रहना पड़ा। लेकिन पाक शासन-तंत्र के साथ टकराव के कारण उन्हें लम्बी अवधि तक कारावास में रहना पड़ा। ‘नक्से फरियादी’ ‘दस्त-ए-सबा’ तथा ‘जिंदगीनामा’ उनके प्रमुख कविता संग्रह है।
प्रश्न 3. रजवाड़ों के सन्दर्भ में ‘इंस्ट्रमेंट ऑफ एक्सेशन’ का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर: विलय का प्रारूप (Instrument of Accession-IOA) इसलिये बनाया गया था क्योंकि भारत के दो हिस्से किये जा रहे थे- एक का नाम भारत और दूसरे का नाम पाकिस्तान, अतः ऐसे में विलय पत्र का होना ज़रूरी था। विलय प्रारूप बनाकर 25 जुलाई, 1947 को गवर्नर जनरल माउंटबेटन की अध्यक्षता में सभी रियासतों को बुलाया गया।
प्रश्न 4. आजादी के बाद राष्ट्र-निर्माण की किन चुनौतियों को सफलता पूर्वक निपटाया गया ?
उत्तर: तक़रीबन सभी चुनौतियों को निपटाने की गंभीर कोशिश की गई इसीलिए ज्यादा तर चुनौतियों को सफलता पूर्वक निपटा दिया गया चाहे वो पाकिस्तान से आये शरणर्थियों की समस्या रही हो या विभाजन के पश्चात् विभिन्न प्रिंसली states को भारत के आधीन करना l
प्रश्न 5. हैदराबाद का विलय भारत में किस प्रकार हुआ ?
उत्तर: हैदराबाद का विलय :
हैदराबाद के शासक को ‘निजाम’ कहा जाता था। उन्होंने भारत सरकार के साथ नवंबर 1947 में एक साल के लिए यथास्थिति बहाल रहने का समझौता किया। कम्युनिस्ट पार्टी और हैदराबाद कांग्रेस के नेतृत्व में किसानों और महिलाओं ने निजाम के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन को कुचलने के लिए निजाम ने एक अर्द्ध-सैनिकबल (रजाकार) को लगाया। इसके जबाव में भारत सरकार ने सितंबर 1948 को सैनिक कार्यवाही के द्वारा निजाम को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। इस प्रकार हैदराबाद रियासत का भारतीय संघ में विलय हुआ।
प्रश्न 6. भारतीय चुनाव आयोग के समक्ष पहले आम चुनाव करवाने से पूर्व आयी किन्हीं चार समस्याओं की व्याख्या कीजिये।
उत्तर: लेखी भारतीय चुनाव आयोग के समक्ष पहले आम चुनाव कराने आशिक पूर्व जो समस्याएं आई थी वही आई थी कि आखिर जो पार्टी जो खड़ी हुई आंखें को कौन-कौन से लोग होंगे शादी के बाद जो है सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू के बीच तनातनी और जो है वह भी जाहिर हो चुकी थी और कांग्रेस में रसूख वाले ज्यादातर नेताओं को गांधी द्वारा नेहरू अपनी राजनीतिक विरासत 100 पर जाने से कुछ हद तक बेचैनी भी थी और 1950 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव में नेहरू समर्थित और कट्टर गांधीवादी जीव रखना जो जीता राम भगवान दास कृपलानी पार्टी हिंदूवादी धड़े द्वारा समर्थित नेता पुरुषोत्तम दास टंडन सेहार लेते आचार्य कृपलानी ने कांग्रेस छोटी किसान मजदूर पार्टी बना ली थी और नेहरू से विरोध और पार्टी के भीतर बढ़ते मतभेदों के चलते टंडन ने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया और जवाहरलाल नेहरू की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी और मजबूत हो गई
पाँच अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. दिए गए मानचित्र को ध्यान से देखें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
i) स्वतंत्र राज्य बनने से पहले निम्नलिखित राज्य किन मूल राज्यों के अंग थे
क) अरूणाचल प्रदेश
ख) हिमाचल प्रदेश
ग) मेघालय
घ) तेलंगाना
उत्तर:
मूल राज्य नये राज्य
- असम अरूणाचल प्रदेश
- पंजाब हिमाचल प्रदेश
- असम मेघालय
- आंध्रप्रदेश तेलंगाना
ii) देश के विभाजन से प्रभावित दो राज्यों के नाम बताएँ ?
उत्तर: पंजाब व बंगाल
iii) दो ऐसे राज्यों के नाम बताएँ जो पहले संघ-शासित राज्य थे।
उत्तर: गोवा, मणिपुर, मिजोरम आदि।
छः अंकीय प्रश्न :
प्रश्न 1. राज्य पुनर्गठन आयोग क्या था ? इसकी महत्वपूर्ण सिफारिशें क्या थी?
उत्तर:
राज्य पुनर्गठन आयोग (SRC):
- 1953 में केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश फजल अली की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया। आयोग की प्रमुख सिफारिशे :
- त्रिस्तरीय (भाग A/B/C) राज्य प्रणाली को समाप्त किया जाए।
- केवल 3 केन्द्रशासित क्षेत्रों (अंडमान और निकोबार, दिल्ली, मणिपुर) को छोड़कर बाकी के केन्द्रशासित क्षेत्रों को उनके नजदीकी राज्यों में मिला दिया जाए।
- राज्यों की सीमा का निर्धारण वहाँ पर बोली जाने वाली भाषा होनी चाहिए।
- इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 1955 में प्रस्तुत की तथा इसके आधार पर संसद में राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 पारित किया गया और देश को 14 राज्यों एवं 6 संघ शासित क्षेत्रों में बाँटा गया।
प्रश्न 2. रजवाड़ो को भारतीय संघ में शामित करने के मूल आधार क्या थे? इस कार्य में किसने भूमिका निभाई ?
उत्तर:
- रजवाड़ों के निवासी भारतीय संघ में शामिल होना चाहते थे।
- भारत सरकार का दृष्टिकाण लचीला था। वह कुछ क्षेत्रों को स्वायत्तता देने को भी राजी थी।
- राष्ट्र विभाजन की पृष्ठभूमि में, राष्ट्र की अखंडता तथा उसकी क्षेत्रीय सीमाओं के एकीकरण का सवाल सबसे अहम था।
सरदार पटेल जिन्हें ‘लौह पुरूष” कहा जाता है, ने इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रश्न 3. स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष आई किन्हीं तीन चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
- एकता एवं अखंडता की चुनौती: भारत भारत में आजादी और बंटवारे के बाद सबसे बड़ी चुनौती एकता और अखंडता की थी। क्योंकि क्योंकि भारत में बहुत सारे जाति, धर्म और भाषा के लोग हैं। इन इन सबके बीच एकता और अखंडता बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था। धर्म ,जाति ,भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश के बंटवारे की मांग भी होने लगी थी। इसीलिए इसीलिए यह चुनौती अभी भी बनी हुई थी।
- लोकतंत्र के स्थापना की चुनौती: दूसरीदूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी लोकतंत्र की स्थापना की चुनौती लोकतंत्र को कैसे स्थापित किया जाए, भारत के लोगों को लोकतंत्र का मतलब ही नहीं पता था कि लोकतंत्र आखिर किसे कहते हैं? घर घर-घर जाकर लोगों को लोकतंत्र का मतलब समझाना था। क्योंकि लोग तो राजा महाराजाओ को ही अपना सब कुछ मानते थे। ऐसे ऐसे में लोकतंत्र का मतलब समझना बहुत ही मुश्किल था। मतदाता मतदाता सूची बनानी थी। चुनाव चुनाव क्षेत्रों का सीमांकन भी करना था और इस तरीके से लंबी तैयारी के बाद पहले चुनाव 1992 में हुए। इसीलिए इसीलिए चुनाव करवाना और लोकतंत्र अपना ना किसी चुनौती से कम नहीं था।
- विकास विकास की चुनौती: तीसरी तीसरी चुनौती थी विकास करने की चुनौती अंग्रेजों के शासन से भारत बहुत पीछे पिछड़ चुका था। अब हमें तेजी से तरक्की कर के आगे बढ़ाना था। तरक्की तरक्की करने या विकास के सिर्फ दो रास्ते थे। एक एक तो अमेरिका का पूंजीवाद वाला रास्ता था। और दूसरा सोवियत संघ का समाजवादी वाला रास्ता था ।
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Hi mujhe kaise yad karni hai mujhe yad karva do mujhe hathon per rakhva do
Yah question nhi mujhe book ka note chahiye
Muja kuch samj to aa rha ha laki 5 question nhi aaya 🤔🤔
Yah question nhi mujhe book ka note chahiye