दो ध्रुवीयता का अंत Important Questions || Class 12 Political Science Book 1 Chapter 2 in Hindi ||

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पाठ – 2

दो ध्रुवीयता का अंत

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Political Science Chapter 2 The End of Bipolarity in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के राजनीति विज्ञान के पाठ 2 दो ध्रुवीयता का अंत के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं राजनीति विज्ञान विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectPolitical Science
Chapter no.Chapter 2
Chapter Nameदो ध्रुवीयता का अंत (The End of Bipolarity)
CategoryClass 12 Political Science Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 12 Political Science Chapter 2 दो ध्रुवीयता का अंत Important Questions in Hindi

Ch 2 दो ध्रुवीयता का अंत

एक अंक वाले प्रश्न :

प्रश्न 1. द्विध्रुवीयता का अर्थ बताएँ।

उत्तर: 1. विश्व में सत्ता के दो केन्द्रों (ध्रुवों) का होना। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत संध। 

प्रश्न 2. बर्लिन की दीवार ………….. का प्रतीक थी। 

उत्तर: शीतयुद्ध 

प्रश्न 3. समाजवादी सोवियत गणराज्य कब अस्तित्व में आया ? 

उत्तर: 1917 

प्रश्न 4. दूसरी दुनिया किसे कहा जाता है ? 

उत्तर: पूर्वी यूरोप के समाजवादी खेमे के देशों को।

प्रश्न 5. CIS का पूरा नाम लिखे। 

उत्तर: स्वतन्त्र राज्यों का राष्ट्रकुल-कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेनडेंट स्टेट्स 

प्रश्न 6. बर्लिन की दीवार कब गिराई गई ? 

उत्तर: 9 नवम्बर 1989

प्रश्न 7. USSR का उत्तराधिकारी किसे बनाया गया। 

उत्तर: रूस 

प्रश्न 8. सोवियत संघ में सुधारों की किस नेता ने शुरूआत की। 

उत्तर: मिखाइल गोर्बाचेव

प्रश्न 9. चेकोस्लोवाकिया किन दो भागों में टूटा था ? 

उत्तर: चेक तथा स्लोवाकिया

प्रश्न 10. सोवियत संघ द्वारा नाटो के विरोध में कब व कौन सा सैन्य गठबंधन बनाया था ?

उत्तर: वारसा पैक्ट, 1955

प्रश्न 11. सर्वप्रथम सोवियत संघ से अलग होने वाले गणराज्यों के नाम लिखे। 

उत्तर: रूस, यूक्रेन

प्रश्न 12. रूस के किन दो गणराज्यों में अलगाववादी आन्दोलन चले। 

उत्तर: चेचन्या, दागिस्तान

प्रश्न 13. सोवियत राजनीतिक प्रणाली …………… की विचारधारा पर आधारित थी। 

उत्तर: समाजवाद

प्रश्न 14. सोवियत संघ कितने गणराज्यों को मिलकर बना था ?

उत्तर: पन्द्रह

दो अंकीय प्रश्न :

प्रश्न 1. शॉक थेरेपी से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर: आघात पहुँचाकर उपचार करना। साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर संक्रमण का विशेष मॉडल।

प्रश्न 2. सोवियत संघ से अलग हुए किन्हीं दो मध्य एशियाई देशों के नाम बताएँ।

उत्तर: ताजिकिस्तान, यूक्रेन, जार्जिया।

प्रश्न 3. ताजिकिस्तान में हुआ गृहयुद्ध कितने वर्षों तक चलता रहा और यह गृह युद्ध कब समाप्त हुआ। 

उत्तर: 10 वर्षों तक, 2001 में।

प्रश्न 4. कालक्रमानुसार लिखे – अफगान संकट, रूसी क्रांति, बर्लिन की दीवार का गिरना, सोवियत संघ का विघटन।

उत्तर: रूसी क्रांति, अफगान संकट, बर्लिन की दीवार का गिरना, सोवियत संघ का विघटन।

प्रश्न 5. सुमेलित करें 

शॉक थेरेपी                    सोवियत संघ का उत्तराधिकारी। 

रूस                               सैन्य समझौता 

बोरिस येल्तसिन              आर्थिक मॉडल 

वारसा                            रूस के राष्ट्रपति 

उत्तर:

शॉक थेरेपी – आर्थिक मॉडल

रूस – सोवियत संघ का उत्तराधिकारी 

बोरिस येल्तसिन – रूस के राष्ट्रपति 

वारसा – सैन्य समझौता 

प्रश्न 6. इतिहास की सबसे बड़ी गराज़ सेल किसे और क्यों कहा जाता है ? 

उत्तर: शॉक थैरेपी मॉडल को अपनाने पर रूस के 90 प्रतिशत उद्योगों को निजी हाथों या कंपनियों को औने-पौने दामों पर बेचा गया। यही इतिहास की बड़ी गराज सेल। 

प्रश्न 7. शॉक थेरेपी के दो परिणाम बताओ। 

उत्तर:

  • रूसी मुद्रा रूबल के मूल्य में गिरावट। 
  • पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चरमरा गई।

प्रश्न 8. ग्लासनोस्त को स्पष्ट करें। 

उत्तर: ग्लासनोस्त का अर्थ उदारवाद, खुलापन। 

प्रश्न 9. पेरेस्त्रोइका को स्पष्ट करें।

उत्तर: पेरेस्त्रोइका का अर्थ है पुर्नरचना, गार्बाचोव सोवियत व्यवस्था को आधुनिक सामाजिक लोकतंत्र रूप देना चाहते थे।

चार अंकीय प्रश्न :

प्रश्न 1. सोवियत संघ के विघटन के चार कारण बताएँ। 

उत्तर: 

  • सोवियत राजनीतिक प्रणाली की धुरी कम्युनिस्ट पार्टी थी।
  • इसमें किसी अन्य राजनीतिक दल या विपक्ष के लिए जगह नहीं थी ।
  • अर्थव्यवस्था योजनाबद्ध और राज्य के नियंत्रण में थी । 
  • दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पूर्वी यूरोप के देश सोवियत संघ के अंकुश में आ गये।

प्रश्न 2. साम्यवादी सोवियत अर्थव्यवस्था तथा पूँजीवादी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में चार अंतर बताएँ। 

उत्तर:

सोवियत अर्थव्यवस्था

  • राज्य द्वारा पूर्ण रूपेण नियंत्रित
  • योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था
  • व्यक्तिगत पूंजी का अस्तित्व नहीं
  • समाजवादी आदर्शो से प्रेरित
  • उत्पादन के साधनों पर राज्य

अमेरिका की अर्थव्यवस्था

  • राज्य का न्यूनतम हस्तक्षेप
  • स्वतंत्र आर्थिक प्रतियोगिता पर आधारित
  • व्यक्तिगत पूंजी की महत्ता।
  • अधिकतम लाभ के पूंजीवादी सिद्धांत।
  • उत्पादन के साधनों पर बाजार का का स्वामित्व नियंत्रण।

प्रश्न 3. गोर्बाचेव तो रोग का निदान ठीक कर रहे थे व सुधारों का प्रयास भी ठीक था, फिर भी सोवियत संघ का विघटन क्यों हुआ?

उत्तर: गोर्बाचेव ने लोगों के आक्रोश को कम करने व अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशासनिक ढांचे में ढील देने का निश्चय किया। परंतु व्यवस्था में ढील देते ही नागरिकों की अपेक्षाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। जिस पर काबू पाना कठिन हो गया। कुछ आलोचकों के अनुसार गोर्बाचेव की कार्य पद्धति तीव्र नहीं थी। एक बार स्वतंत्रता का स्वाद चखने के बाद जनता ने साम्यवाद की ओर लौटने से इंकार कर दिया।

प्रश्न 4. भारत जैसे देश के लिए सोवियत संघ के विघटन का परिणाम क्या हुआ ? 

उत्तर: भारत जैसे विकासशील देशों में सावियत संघ के विघटन के परिणाम

  • विकासशील देशों की घरेलू राजनीति में अमेरिका को हस्तक्षेप का अधिक अवसर मिल गया। 
  • कम्यूनिस्ट विचारधारा को धक्का। 
  • विश्व के महत्वपूर्ण संगठनों पर अमेरिकी प्रभुत्व (I.M.E., World Bank) 
  • बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत व अन्य विकासशील देशों में अनियंत्रित प्रवेश की सुविधा। 

प्रश्न 5. सोवियत संघ का अंत समाजवाद का अंत नहीं है ? स्पष्ट करें।

उत्तर: सोवियत संघ का अंत समाजवाद का अंत नहीं है। एक विचारधारा रूप में समाजवाद अभी भी कायम बदलते समय व परिस्थितियों के अनुसार अपने को ढालकर अभी भी विश्व के कई देशों में व्यवस्था कायम है।

प्रश्न 6. क्या शॉक थेरेपी साम्यवाद से पूंजीवाद की ओर संक्रमण का सबसे बेहतर तरीका थी। तर्क दे। 

उत्तर: नहीं, परिवर्तन तुरंत किए जाने की अपेक्षा धीरे-धीरे होने चाहिए थे। वहाँ की परिस्थितियाँ अचानक आघात सहन करने की नहीं थी।

प्रश्न 7. गोर्बाचोव सोवियत व्यवस्था में सुधार क्यों चाहते थे ?

उत्तर: गोर्बाचोव 1985 में कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव चुने गए जो बाद में सोवियत संघ के राष्ट्रपति बने जो कि निम्न कारणों से सोवियत व्यवस्था में सुधार चाहते थेः

  • सोवियत संघ में सूचना एवं तकनीकी विस्तार के लिए।
  • सोवियत अर्थव्यवस्था को अधिक प्रगतिशील बनाने के लिए।
  • प्रशासनिक व्यवस्था को अत्याधिक जवाबदेह बनाने के लिए।
  • सोवियत व्यवस्था को अत्याधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए।
  • पश्चिम के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए।

पाँच अंक वाले प्रश्न :

प्रश्न 1. रूसी मुद्रा के मूल्य में नाटकीय ढंग से गिरावट आयी। मुद्रास्फीति इतनी ज्यादा बढ़ी कि लोगों की जमापूंजी जाती रही। सामूहिक खेती की प्रणाली समाप्त हो चुकी थी तथा लोगों को खाद्यान्न की सुरक्षा मौजूद नहीं थी। 1999 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 1989 की तुलना में कहीं नीचे था। निजीकरण ने नई विषमताओं को जन्म दिया। आर्थिक विषमता और बढ़ गयी।

(i) रूसी मुद्रा का नाम क्या है ? 

उत्तर: रूबल

(ii) सामूहिक खेती प्रणाली क्या होती है ? 

उत्तर: भूमि पर राज्य का स्वामित्व व नियंत्रण। कृषि कार्य राज्य के लोगों द्वारा किया जाना – सामूहिक खेती प्रणाली। 

(iii) नई आर्थिक नीति का जनता पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: आर्थिक विषमता का बढ़ना, खाद्यान्न सुरक्षा समाप्त।

छः अंकीय प्रश्न :

प्रश्न 1. क्या आप मानते है कि सोवियत संघ के विघटन के बाद भारत को अपनी _ विदेश नीति बदल लेनी चाहिए तथा रूप जैसे परम्परागत मित्र की जगह अमेरिका से दोस्ती करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए? 

उत्तर: अन्तराष्ट्रीय जगत में न कोई स्थायी शत्रु होता है और न ही स्थायी मित्र।

वरन् राष्ट्रहित सर्वोपरि होते है। अतः अर्न्तराष्ट्रीय बदलाव के कारण प्रत्येक देश के लिए अनिवार्य है कि वह अपने आपको बदलाव के अनुसार ढाल ले। भारत ने भी विश्व व्यवस्था में स्वयं को ढाला है। रूस के साथ भारत के संबंध मित्रवत् एवं सहयोगपूर्ण है। पर अपने विकास के लिए परोक्ष रूप से अमरीकी नीतियों का समर्थन भी करना पड़ रहा है। भारत अपने संबंध अमरीका से मजबूत एवम् बेहतर बना रहा है। पर रूस के साथ भी पहले की भांति अच्छे संबंध बनाए रखे।

प्रश्न 2. सोवियत संघ के विघटन के परिणाम लिखिये। 

उत्तर:

1) शीत युद्ध का अंत :- 

 ऐसा माना जाता है कि जो शीत युद्ध दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चला वो शीत युद्ध 1991 में सोवियत संघ के विघटन का सबसे बड़ा परिणाम शीत युद्ध की समाप्ति मानी जाती है।

2)  नए स्वतंत्र गणराज्यों का उदय:- 

 जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था तो विश्व में 15 नए गणराज्यों का जन्म हुआ। 15 नए गणराज्य सोवियत संघ में से ही विश्व के सामने आए। जिसमें रूस , लातविया , बेलारूस , यूक्रेन आदि। 

3) अस्त्र – शस्त्रों की होड़ पर रोक:-         

 शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ ने अमेरिका को  समय – समय पर हथियारों की होड़ में पूरी तरह से टक्कर दी। सोवियत संघ ने समय- समय पर अस्त्र – शस्त्रों का बहुत निर्माण किया लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्त्र – शस्त्रों की होड़ पर रोक लग गई। 

4) विश्व में अमेरिका का वर्चस्व:-   

सोवियत संघ के विघटन के बाद से विश्व में अमेरिका का वर्चस्व माना जाता है। विश्व में अमेरिका का राजनैतिक , आर्थिक , सांस्कृतिक सभी रूपों में वर्चस्व कायम कर दिया तथा संसार एक ध्रुवीय बन गया। आज भी अमेरिका का वर्चस्व विश्व पर कायम है। 

5) पूंजीवाद की तरफ समाजवादी देशों का झुकाव:- 

सोवियत संघ के विघटन के बाद समाजवादी देशों का समाजवादी व्यवस्था से ही विश्वास कम हो गया तथा पूंजीवाद की तरफ उनका झुकाव बढ़ने लगा। देखते ही देखते पूंजीवादी व्यवस्था शक्तिशाली होती जा रही थी।  

प्रश्न 3. द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात सोवियत संघ के विश्व शक्ति बनने के किन्ही छः कारणों को स्पष्ट करें।

उत्तर: 

  • पूर्वी यूरोप एवं सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था को सामूहिक रूप से द्वितीय विश्व का नाम दिया गया जो कि इसकी शक्ति का परिचायक था।
  • वारसा पैक्ट सैनिक गठबंधन का नियन्त्रण सोवियत के पास।
  • सोवियत अर्थव्यवस्था विश्व के विकसित अर्थव्यवस्थाओं में काफी आगे थी।
  • उन्नत संचार व्यवस्था, उर्जा ससाधन, तेल, लोहा, स्टील आदि का उन्नत भंडार होना एवं राष्ट्र के दूरस्थ हिस्सों पर पहुँच होना।
  • उत्पादन में स्वनिर्भरता जिसमे पिन से लेकर कार का उत्पादन भी घरेलू बाजारों में किया जाता था।

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