पाठ – 5
यात्रियों के नज़रिए
In this post we have mentioned all the important questions of class 12 History chapter 5 in Hindi
इस पोस्ट में क्लास 12 के इतिहास के पाठ 5 यात्रियों के नज़रिए के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं इतिहास विषय पढ़ रहे है।
Important Questions
1 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1:-इब्नबतूता का नारी दास के बारे में कोई एक विचार लिखिए?
उत्तर:- तत्कालीन समय में दास प्रथा का बहुत अधिक प्रचलन था। बाजारों में दासो की खरीद वस्तुओं की तरह होती थी इसके अतिरिक्त लोग दासों को भेंट स्वरूप भी देते थे। इब्न बतूता स्वयं का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि उसने भी सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक को भेंट स्वरूप दास दिए थे उसने भी सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक को भेंट स्वरूप दास दिए थे
प्रश्न 2 :-अल बिरूनी को संस्कृत वादी परंपरा को समझने में भाषा अवरोध क्यों लगी?
उत्तर:- इन का पहला अवरोध भाषा थी। उसके अनुसार संस्कृत अरबी और फारसी से इतनी भिन्न थी कि विचारों और सिद्धांतों को एक भाषा से दूसरी में अनुवादित करना आसान नहीं था
प्रश्न 3 :- अल बिरूनी का जन्म कब और कहां हुआ था?
उत्तर:- अल बिरूनी का जन्म 973 ईसवी में उज्बेकिस्तान के क्षेत्र ख्वारिज्म के खीवा प्रदेश में हुआ
प्रश्न 4 इब्नबतूता द्वारा वर्णित दो प्रकार के डाक व्यवस्था के नाम बताइए?
उत्तर:- अश्व डाक व्यवस्था (उलूक)
पैदल डाक व्यवस्था (दावा)
प्रश्न 5 मार्कोपोलो कौन थे?
उत्तर मार्को पोलो एक इतालवी व्यापारी, खोजकर्ता और राजदूत था। उसका जन्म वेनिस गणराज्य में मध्य युग के अंत में हुआ था। और यह इटली(मोरक्को) का निवासी था’
प्रश्न 6 बर्नियर का शिविर नगर से क्या अभिप्राय था?
उत्तर बर्नियर द्वारा मुगलकालीन शहरों को ‘शिविर नगर‘ कहा जाता था, जिससे उसका आशय उन नगरों से था जो अपने अस्तित्व और बने रहने के लिए राजकीय शिविर पर निर्भर थे
प्रश्न 7 इब्नबतूता ने भारत आने से पूर्व किन-किन देशों की यात्रा की थी?
उत्तर:- अपनी इसी रूचि के कारण इब्नबतूता ने अनेकों जगहों जैसे कि इराक, मक्का, सीरिया, यमन, ओमान आदि की यात्रा की1332 में वह भारत की यात्रा के लिए निकले एवं 1333 में वह सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) पहुंचे इसके बाद वह दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक से मिलने के लिए दिल्ली आए
प्रश्न 8 17वीं शताब्दी में कौन सा यात्री भारतीय उपमहाद्वीप में आया था?
उत्तर:- बर्नियर
प्रश्न 9 रिहला के अनुसार उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा शहर कौन सा था?
उत्तर भारत
प्रश्न 10 उन यात्रियों का नाम बताओ जिन्होंने मध्यकाल (11वीं से 17 वी शताब्दी) में भारत की यात्रा की थी
उत्तर:- इब्नबतूता
बर्नियर
अल बिरूनी
प्रश्न 11 अल बिरूनी के भारत आने का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:- वह सुप्रसिद्ध इतिहासकार होने के साथ-साथ गणित, दर्शन आदि का भी ज्ञान रखता था. वह कई भाषाओं को अच्छी प्रकार से जानता था जैसे यूनानी, अरबी, फारसी और संस्कृत. वह महमूद गजनवी के साथ भारत आया था’
प्रश्न 12 क्या आपको लगता है कि अल बिरूनी भारतीय समाज के विषय में अपनी जानकारी और समाज के लिए केवल संस्कृत के ग्रंथों पर आश्रित रहा?
उत्तर अल बिरूनी लगभग ब्रह्मणो द्वारा लिखित कृतिओं पर आश्रित रहा
प्रश्न 13 भारत में पाए जाने वाले उन वृक्षों का नाम बताए जिन्हें देखकर इब्नबतूता को आश्चर्य हुआ
उत्तर नारियल और पान
प्रश्न 14 बर्नियर ने मुगल साम्राज्य में कौन सी अधिक जटिल सच्चाई की ओर इशारा किया?
उत्तर फ्रांस्वा बर्नियर ने भारत में प्रचलित सती प्रथा की आलोचना की इस प्रथा के अंतर्गत एक महिला को विधवा होने के पश्चात उसके पति की चिता के साथ जिंदा जला दिया जाता था
4 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1 मध्यकालीन इतिहास लेखन में यात्रा वृतांत का क्या महत्व है?
उत्तर: मध्ययुग में अनेक ऐतिहासिक ग्रंथ लिखे गये, जिनसे हमें इस युग की राजनीतिक घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है। मुसलमानों के सम्पर्क में आने के बाद भारतीय भी इस लोक की तरफ आकर्षित हुए। इस काल के ग्रंथों में सभ्यता एवं संस्कृति का उल्लेख बहुत कम हुआ है। विजयों के प्रति धार्मिक उत्साह के कारण सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं की ओर ध्यान नहीं देते थे।
प्रश्न 2 भारत संबंधी विवरण को समझने में अल बिरूनी के समक्ष कौन-कौन सी बाधाएं थी?
उत्तर: भारत संबंधी विवरण को समझने में अल-बिरूनी के समक्ष तीन प्रकार की बाधाएं थी
पहली बाधा – भाषा
दूसरी बाधा – धार्मिक अवस्था और प्रथा में भिन्नता
तीसरी बाधा – अभिमान
प्रश्न 3 इब्नबतूता के विवरण से गांव की कृषि अर्थव्यवस्था तथा उप महाद्वीपीय व्यापार एवं वाणिज्य के बारे में क्या झलक मिलती है?
उत्तर:
- इब्नबतूता के अनुसार भारतीय शहर घनी आबादी वाले थे
- यह क्षेत्र अवसरों से भरे हुए थे
- शहरों में रहने वाले अधिकांश लोग समृद्ध थे
- इन शहरों में बड़े बड़े भीड़भाड़ वाले बाजार हुआ करते थे यह बाजार चमक-दमक और वस्तुओं से भरे हुए होते थे
- इन बाजारों में मंदिर तथा मस्जिद सभी प्रकार के धर्म स्थल हुआ करते थे
- भारतीय कृषि के बारे में इब्नबतूता ने लिखा कि भारत में उपजाऊ मिट्टी होने के कारण वर्ष में दो बार कृषि की जा सकती थी
- पश्चिमी क्षेत्रों के मुकाबले भारत में कृषि की उपज ज्यादा थी
- भारत में रेशम, जरी आदि कपड़ों की अत्याधिक मांग थी
- भारत में मलमल के कपड़े महंगे थे इसी वजह से केवल धनी व्यक्ति ही मलमल के कपड़े पहना करते थे
- सामान्य लोगों द्वारा सस्ते रेशों से बने कपड़ों का प्रयोग किया जाता था
- यह क्षेत्र अवसरों से भरे हुए थे
- शहरों में रहने वाले अधिकांश लोग समृद्ध थे
- इन शहरों में बड़े बड़े भीड़भाड़ वाले बाजार हुआ करते थे यह बाजार चमक-दमक और वस्तुओं से भरे हुए होते थे
- इन बाजारों में मंदिर तथा मस्जिद सभी प्रकार के धर्म स्थल हुआ करते थे
- भारतीय कृषि के बारे में इब्नबतूता ने लिखा कि भारत में उपजाऊ मिट्टी होने के कारण वर्ष में दो बार कृषि की जा सकती थी
- पश्चिमी क्षेत्रों के मुकाबले भारत में कृषि की उपज ज्यादा थी
- भारत में रेशम, जरी आदि कपड़ों की अत्याधिक मांग थी
- भारत में मलमल के कपड़े महंगे थे इसी वजह से केवल धनी व्यक्ति ही मलमल के कपड़े पहना करते थे
- इब्नबतूता के अनुसार भारतीय शहर घनी आबादी वाले थे
- सामान्य लोगों द्वारा सस्ते रेशों से बने कपड़ों का प्रयोग किया जाता था
प्रश्न 4 सती प्रथा के संबंध में बर्नियर का क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
- फ्रांस्वा बर्नियर का जन्म 1920 ईस्वी में फ्रांस में हुआ
- यह एक दार्शनिक, इतिहासकार, राजनीतिज्ञ और चिकित्सक थे
- अवसरों की तलाश में यह भारत आये थे और यहाँ शाहजहां के बड़े बेटे शिकोह के चिकित्सक के रूप में कई सालों तक रहे
- फ्रांस्वा बर्नियर ने भारत में प्रचलित सती प्रथा की आलोचना की
- इस प्रथा के अंतर्गत एक महिला को विधवा होने के पश्चात उसके पति की चिता के साथ जिंदा जला दिया जाता था
- उन्होंने इस व्यवस्था को अमानवीय एवं अत्याचारपूर्ण बताया
- अपने एक अनुभव को बताते हुए उन्होंने 12 साल की एक लड़की के बारे में लिखा जिसने सफेद साड़ी पहनी हुई थी एवं चार ब्राह्मणों और एक बूढ़ी महिला द्वारा उसे खींचकर एक चिता की ओर ले जाया जा रहा था
- उस चिता पर उस लड़की के हाथ पैर बांध दिए गए ताकि वह भाग ना जाए और फिर उसे जला दिया गया
प्रश्न 5 इब्नबतूता के वृतांत के आधार पर तत्कालीन संचार प्रणाली की अनूठी व्यवस्था की व्याख्या कीजिए?
उत्तर:
- जन्म स्थान इब्नबतूता का जन्म 1304 में दक्षिण अफ्रीका के मोरक्को नामक क्षेत्र के तेंजियर नामक स्थान पर हुआ
- 1332 में वह भारत की यात्रा के लिए निकले एवं 1333 में वह सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) पहुंचे
- इसके बाद वह दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक से मिलने के लिए दिल्ली आए
भारत की डाक प्रणाली
- इब्नबतूता के अनुसार उस समय भारतीय डाक प्रणाली अत्यंत विकसित एवं अनूठी थी
- एक सामान्य व्यक्ति को सिंध से दिल्ली की यात्रा करने में लगभग 50 दिन लगते थे परंतु डाक व्यवस्था द्वारा खबर केवल 5 दिन में ही सिंध से दिल्ली पहुंचा दी जाती थी
- उस समय मुख्य रूप से दो प्रकार की डाक व्यवस्थाएँ प्रचलित थी
- अश्व डाक व्यवस्था (उलूक)
- पैदल डाक व्यवस्था (दावा)
प्रश्न 6 इब्नबतूता के अनुसार यात्रा करना अधिक असुरक्षित क्यों था?
उत्तर: जन्म स्थान इब्नबतूता का जन्म 1304 में दक्षिण अफ्रीका के मोरक्को नामक क्षेत्र के तेंजियर नामक स्थान पर हुआ यात्रा करना अधिक असुरक्षित भी था इन बतूता ने कई बार डाकुओं के समूहों द्वारा किए गए आक्रमण झेले थे। यहाँ तक कि वह अपने साथियों के साथ कारवाँ में चलना पसंद करता था, पर इससे भी राजमार्गों के लुटेरों को रोका नहीं जा सका।
प्रश्न 7 बर्नियर के विवरणों में यूरोपीय शासकों को क्या चेतावनी देता है?
उत्तर:
- बर्नियर यूरोपीय शासकों को चेतावनी देता है कि यदि मुगल ढांचे का अनुसरण किया तो यूरोप को भी यही नुकसान उठाना पड़ेगा
- बर्नियर को ऐसा लगता था कि भारत का भू स्वामित्व व्यवस्था जिसमें शासक के पास भू स्वामित्व होता है
- यह जनता और शासक दोनों के खिलाफ है
- यूरोपीय शासकों को भी यह चेतावनी देता था कि इस प्रकार की व्यवस्था वहां पर किसी प्रकार से लागू नहीं होनी चाहिए
प्रश्न 8 मध्य काल में भारत आने वाले विदेशी यात्रियों के विवरण की विशेषताएं लिखिए?
उत्तर:
- मध्यकालीन इतिहास लेखन में यात्रा वृतांत का महत्वपूर्ण योगदान है
- क्योंकि मध्यकालीन भारत में कई विदेशी यात्री भारत आए उन्होंने भारतीय व्यवस्था को देखा , समझा और उस पर अपने वृतांत लिखें
- इन वृतांत के आधार पर ही भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण किया गया है
- उदाहरण – किताब उल हिंद, रिहला, ट्रेवल इन द मुग़ल एम्पायर जैसे यात्रा वृतांत से मध्यकालीन इतिहास लेखन में सहायता मिली है
प्रश्न 9 बर्नियर के अनुसार राजकीय भू स्वामित्व के क्या बुरे प्रभाव पड़े?
उत्तर:
- फ्रांस्वा बर्नियर का जन्म 1920 ईस्वी में फ्रांस में हुआ
ट्रैवल्स इन द मुगल एंपायर में वर्णित कुछ मुख्य बातें
- भूमि स्वामित्व
- फ्रांस्वा बर्नियर के अनुसार उस समय भारत में निजी भूस्वामीत्व का अभाव था यानी किसी भी व्यक्ति की कोई निजी भूमि नहीं होती थी संपूर्ण भूमि राजा के अधीन होती थी
- कृषको द्वारा उस भूमि पर खेती की जाती थी और राजा को कर दिया जाता था
- किसान उस भूमि पर कार्य कर सकते थे परंतु उसे अपनी आने वाली पीढ़ी को सौंप नहीं सकते थे
- इसी वजह से किसान गंभीरता से उत्पादन एवं भूमि की देखरेख नहीं किया करते थे
- इस व्यवस्था की वजह से कृषि का विनाश हुआ एवं किसानों को शोषण का सामना करना पड़ा
8 अंक वाले प्रश्न
- जाति व्यवस्था के संबंध में अल बिरूनी की व्याख्या पर चर्चा कीजिए?
- इब्नबतूता ने अपने विवरण में भारत का किस प्रकार वर्णन किया है?
- बर्नियर ने अपनी पुस्तक में पूर्व एवं पश्चिम की तुलना किस प्रकार की है?
- ट्रैवल्स इन द मुगल एंपायर फ्रांसीसी यात्री ने किन-किन विषयों का वर्णन किया है?
- इब्नबतूता द्वारा दास प्रथा के संबंध में दिए गए साक्ष्यों का विवेचन कीजिए?
- इब्नबतूता और बर्नियर ने जिन दृष्टिकोणों से भारत में अपनी यात्राओं के वृतांत लिखे थे, उनकी तुलना कीजिए तथा अंतर बताइए?
- किताब उल हिंद किसने लिखी? इसकी मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालिए?
- सती प्रथा के कौन से तत्वों ने बर्नियर का ध्यान अपनी ओर खींचा?
- जाति व्यवस्था के संबंध में अल बिरूनी की व्याख्या पर चर्चा कीजिए?