प्राथमिक क्रियाएँ Important Questions || Class 12 Geography Book 1 Chapter 5 in Hindi ||

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पाठ – 5

प्राथमिक क्रियाएँ

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Geography chapter 5 Primary Activities in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल  के पाठ 5 प्राथमिक क्रियाएँ के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

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BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 5
Chapter Nameप्राथमिक क्रियाएँ (Primary Activities)
CategoryClass 12 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 5 प्राथमिक क्रियाएँ Important Questions in Hindi

Chapter – 5, प्राथमिक क्रियाएँ

एक अंक वाले प्रश्न (अति लघु उत्तरीय प्रश्न) 

प्रश्न 1. कुत्तों एवं रेडियरों का उपयोग, बोझा ढोने वाले पशुओं के रूप में किस देश में किया जाता है ।

उत्तरः आर्कटिक और उप-उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्रों में। 

प्रश्न 2. विश्व के कौन-से क्षेत्र है जहाँ भोजन संग्रह प्रमुख आर्थिक क्रिया है। 

उत्तर:

  • उच्च अंक्षांशीय क्षेत्र, जिसमें उत्तरी कनाड़ा, उत्तरी यूरेशिया तथा दक्षिणी चिली है। 
  • निम्न अक्षांशीय क्षेत्र, जिसमें दक्षिण अमेरिका का अमेजन बेसिन, मध्य अफ्रिका का जायरे बेसिन। 

प्रश्न 3. आर्थिक क्रिया किसे कहते हैं। 

उत्तरः मानव के वो क्रियाकलापों जिनसे आय प्राप्त होती है, आर्थिक क्रिया कहा जाता है। 

प्रश्न 4. आर्थिक क्रियाओं की मुख्यतः कितने वर्गों में विभाजित किया जाता है? 

उत्तरः आर्थिक क्रियाओं को मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित किया जाता है-प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुर्थ क्रियाएँ । 

प्रश्न 5. प्राचीनतम ज्ञात आर्थिक क्रियाएँ कौन-सी है?

उत्तरः भोजन संग्रह एवं आखेट ।

प्रश्न 6. चलवासी पशुचारण किसे कहते हैं? 

उत्तरः चलवासी पशुचारण में समुदाय अपने पालतू पशओं के साथ पानी एवं चारगाह की उपलब्धता एवं गुणवत्ता के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थांतरित होते रहते हैं। 

प्रश्न 7. निर्वाह कृषि किसे कहते हैं? 

उत्तर: इस प्रकार की कृषि में कृषि क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय उत्पादों का संपूर्ण अथवा लगभग का उपयोग करते हैं। 

प्रश्न 8. निर्वाह कृषि को कितने प्रकरों में बाँटा गया है। 

उत्तरः इसको दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • आदिकालीन निर्वाह कृषि
  • गहन निर्वाह कृषि 

प्रश्न 9. स्थानांतरी कृषि क्या है?

अथवा

कर्तन एवं दहन कृषि क्या हैं?

अथवा 

झुम खेती किसे कहते हैं? 

उत्तर: इस प्रकार की कृषि में क्षेत्रों की वनस्पति को काटा व जला दिया जाता है। एवं जली हुई राख की परत उर्वरक का कार्य करती है। इसमें बोए गए खेत बहुत छोटे-छोटे होते हैं। एंव खेती भी पुराने औजारों से की जाती है। जब टी का उपजाऊपन समाप्त हो जाता है, तब कृषक नए क्षेत्र में वन जलाकर कृषि भूमि तैयार करता है। भारत के त्तरपूर्वी राज्यों में इसे झुम कृषि कहते हैं। 

प्रश्न 10. रोपण कृषि की शुरूआत किन लोगों ने की? 

उत्तरः यूरोपीय लोगों ने। 

प्रश्न 11. विकसित अर्थव्यवस्था वोल देश उत्पादन की खनन, प्रसंस्करण एवं शोधन कार्य से पीछे क्यों हट रहे हैं?

उत्तरः श्रमिक लागत अधिक आने के कारण। 

प्रश्न 12. विकासशील देश खनन कार्य को महत्व क्यों दे रहे हैं? 

उत्तरः विकासशील देश अपने विशाल श्रमिक शक्ति के बल पर अपने देशवासियों के ऊँचे रहन-सहन को रखने के लिए खनन कार्य को महत्व दे रहे हैं।

प्रश्न 13. “विश्व स्तर पर भोजन संग्रहण का अधिक महत्व नहीं है” | स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर: 

  • इन क्रियाओं के द्वारा प्राप्त उत्पाद विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते । 
  • कृत्रिम उत्पादों ने ऊष्ण कटिबंधीय वन के भोजन संग्रह करने वाले समूहों के उत्पाद का स्थान ले लिया है। 

प्रश्न 14. ‘लाल कॉलर श्रमिक’ का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए। 

उत्तरः प्राथमिक क्रियाकलाप करने वोल लोग, जिनका कार्यक्षेत्र घर से बाहर होता है। लाल श्रमिक कहलाते हैं। 

प्रश्न 15. ब्राजील के कॉफी के बागानों को क्या कहा जाता है। 

उत्तरः फेजेंडा। 

प्रश्न 16. ब्रिटेन वासियों ने कहाँ-कहाँ रोपण कृषि की शुरूआत की? 

उत्तरः

  • चाय के बाग – भारत व श्रीलंका
  • रबड़ के बाग मलेशिया
  • गन्ना व केले के बाग पश्चिमी द्वीप समूह 

प्रश्न 17. पुष्प उत्पादन में विशिष्टीकरण रखने वाले यूरोपीय देश का नाम बताइए। 

उत्तरः नीदरलैंण्ड (विशेष रूप से ‘टयूलिप’ की कृषि के लिए मशहूर)। 

प्रश्न 18. भूमध्यसागरीय कृषि की प्रमुख विशेषताए क्या है? 

उत्तर: खट्टे फलों की कृषि : अंगूर, अंजीर व जैतून । 

प्रश्न 19. उन दो क्रियाओं के नाम बताइए, जिन पर आदिमकालीन मानव अपने जीवन निर्वाह के लिए निर्भर थे।

उत्तरः (क) आखेट (ख) भोजन संग्रह 

प्रश्न 20. पशुपालन को कितने वर्गों में रखा जा सकता हैं? 

उत्तर: पशुपालन को दो वर्गों में रखा जा सकता है

  • चलवासी पशुपालन
  • वाणिज्य पशुधन पालन । 

प्रश्न 21. चलवासी पशुधारकों की संख्या में कमी आने के प्रमुख कारण बताइए। 

उत्तर: 

  • राजनीतिक सीमाओं का बनाना एवं उन पर कड़ा नियंत्रण।
  • राज्यों द्वारा चलवासी पशुचारकों के लिए बस्तियों का निर्माण ।

प्रश्न 22. भूमध्यसागरीय कृषि से संबंधित किन्हीं दो देशों के नाम बताइए। 

उत्तर: फ्रांस, स्टिजरलैंड, चिली। 

प्रश्न 23. ऋतु प्रवास किसे कहते हैं? 

उत्तरः नए चारागाहों की खोज में चलवासी पशुचारक समतल भागों एवं पर्वतीय क्षत्रों में लंबी दूरियाँ तय करते हैं। गर्मियों में मैदानी भाग से पर्वतीय चरागाह की ओर एवं शीत ऋतु में पर्वतीय भाग से मैदानी चरागाहों की ओर प्रवास करते हैं । इस गतिविधि को ऋतुप्रवास कहते हैं। 

प्रश्न 24. किस प्रकार के जलवायविक क्षेत्रों में गन्ने की फसल उगाई जाती हैं।

उत्तर: उष्ण गटिबंधीय क्षेत्रों में गन्ने की फसल उगाई जाती है। 

प्रश्न 25. धरालीय खनन, खनन का सबसे सस्ता तरीका क्यों हैं? 

उत्तरः धरातलीय खनन सस्ता तरीका है, क्योंकि इस विधि में सुरक्षात्मक पूर्वोपायों एवं उपकरणों पर अतिरिक्त खर्च कम होता है। 

प्रश्न 26. उस देश का नाम बताइए जहाँ व्यावहारिक रूप से प्रत्येक किसान सहकारी समिति का सदस्य है। 

उत्तरः डेनमार्क 

प्रश्न 27. फलों एवं पुष्पों की खेती मुख्य रूप से विश्व में कहा-कहाँ होती है। 

उत्तर: उत्तरी पं. यूरोप, पू. संयूक्त राज्य अमेरिका एवं भूमध्य सागरीय प्रदेश । 

प्रश्न 28. ट्रक कृषि किसे कहते हैं?

उत्तरः जहाँ केवल सब्जियों की खेती है वहाँ ट्रक, बाजार के मध्य दूरी रात भर में तय करते हैं। इन्हें ट्रक कृषि कहते हैं।

पांच अंक वाले प्रश्न 

प्रश्न 29. डेयरी कृषि की सफलता किन बातों पर निर्भर करती है?

अथवा 

संसार में डेरी कृषि, कृषि दुधारू पशुपालन का सर्वाधिक उन्नत और दक्ष प्रकार है? उदाहरण सहित इस कथन की व्याख्या कीजिए।

अथवा 

डेरी कृषि का क्या महत्व है? विश्व में यह नगरीय और औद्योगिक केंद्रों के निकट मुख्य रूप से क्यों की जाती है।

अथवा

डेरी कृषि की विशेषतायें बताइये

उत्तरः

1) अर्थ – यह एक विशेष प्रकार की कृषि है, जिसके अन्तर्गत पशुओं को दूध के लिए पाला जाता है, और उनके स्वास्थ्य, प्रजनन एवं चिकित्सा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 

2) पूँजी – पशुओं के लिए छप्पर, घास संचित करने के भंडार एवं दुग्ध उत्पादन में अधिक यंत्रों के प्रयोग के लिए पूँजी भी अधिक चाहिए। 

3) श्रम – पशुओं को चराने, दूध निकालने आदि कार्यों के लिए वर्ष भर श्रम की आवश्यकता होती हैं। 

4) नगरीय और औद्योगिक क्षेत्रों में विकसित यातायात के साधन प्रशीतकों का उपयोग तथा पाश्चुरीकरण की सुविधा उपलब्ध होने के कारण इन केंद्रों के निकट स्थापित की जाती है। 

5) बाजार – डेरी कृषि का कार्य नगरीय एवं औद्योगिक केंद्रों के समीप किया जाता हैं, क्योंकि ये क्षेत्र ताजा दूध एवं अन्य डेरी उत्पाद के अच्छे बाजार होते हैं। 

6) मुख्य क्षेत्र –

  • उत्तरी पश्चिमी यूरोप
  • कनाडा
  • न्यूजीलैंड, दक्षिण पूर्वी, आस्ट्रेलिया एवं तस्मानिया। 

प्रश्न 30.भूमध्य सागरीय कृषि की विशेषताएँ बताइये। 

उत्तर : 

1) यह कृषि भूमध्यसागरीय जलवायु वाले प्रदेशों में की जाती है।

2) यह विशिष्ट प्रकार की कृषि है, जिसमें खट्टे फलों के उत्पादन पर विशेष बल दिया जाता है। 

3) यहाँ शुष्क कृषि भी की जाती है। गर्मी के महीनों में अंजीर और जैतून पैदा होते हैं। 

4) शीत ऋतु में जब यूरोप एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में फलों एवं सब्जियों की माँग होती है, तब इसी क्षेत्र से इसकी आपूर्ति की जाती है। 

5) इस क्षेत्र के कई देशों में अच्छे किस्म के अंगूरों से उच्च गुणवत्ता वाली मदिरा (शराब) का उत्पादन किया जाता है। 

प्रश्न 31.बाजार के लिए सब्जी खेती एवं उद्यान कृषि की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर : 

1) इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसलें, जैसे सब्जियाँ, फल एवं पुष्प लगाए जाते हैं जिनकी मांग नगरीय क्षेत्रों में होती है। 

2) इस कृषि में खेतों का आकार छोटा होता है।

3) खेत यातायात के अच्छे साधनों द्वारा 

प्रश्न 32.चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर बताइये।

उत्तर :

चलवासी पशुचारण

1) अर्थ – चलवासी पशुचारण में पशुपालक समुदाय चारे एवं जल की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हैं। 

2) पूँजी – यह पूँजी प्रधान नहीं है। पशुओं को प्राकृतिक परिवेश में पाला जाता है। 

3) पशुओं की देखभाल – पशु प्राकृतिक रूप से बड़े होते हैं और उनकी विशेष देखभाल नहीं की जाती। 

4) पशुओं के प्रकार – चलवासी पशुपालक एक ही समय में विभिन्न प्रकार के पशु रखते हैं। जैसे सहारा व एशिया के मरुस्थलों में भेड़, बकरी व ऊँट पाले जाते हैं। 

5) क्षेत्र – यह पुरानी दुनिया तक की सीमित है। इसके तीन प्रमुख क्षेत्र 

  • उत्तरी अफ्रीका के एटलांटिक तट से अरब प्रायद्वीप होते हुए मंगोलिया एवं मध्य चीन
  • यूरोप व एशिया के टुंड्रा प्रदेश
  • दक्षिण पश्चिम अफ्रीका एवं मेडागास्कर द्वीप। 

वाणिज्य पशुधन पालन 

1) अर्थ – वाणिज्य पशुधन पालन एक निश्चित स्थान पर विशाल क्षेत्र वाले फार्म पर किया जाता है और उनके चारे की व्यवस्था स्थानीय रूप से की जाती है। 

2) पूँजी – चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूँजी प्रधान है। 

3) पशुओं की देखभाल – पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से पाला जाता है और उनकी विशेष देखभाल की जाती है। 

4) पशुओं के प्रकार – इसमें उसी विशेष पशु को पाला जाता है जिसके लिए वह क्षेत्र अत्यधिक अनुकूल होता है। 

5) क्षेत्र – यह मुख्यतः नई दुनिया में प्रचलित हैं। विश्व में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, अर्जेंटाइना, युरुग्वे, संयुक्त राज्य अमेरीका में वाणिज्य पशुधन पालन किया जाता है। 

प्रश्न 33. मिश्रित कृषि’ की विशेषताएं बताते हुये इसके प्रमुख क्षेत्रों के नाम लिखिए। 

उत्तर : 

  • इस प्रकार की कृषि में फसल उत्पादन एवं पशुपालन दोनों को समान महत्व दिया जाता हैं। फसलों के साथ-साथ पशु जैसे मवेशी, भेड़, सुअर, कुक्कुट आय के प्रमुख स्रोत है।
  • चारे की फसलें मिश्रित कृषि के मुख्य घटक हैं।
  • इस कृषि में खेतों का आकार मध्यम होता है।
  • इसमें बोई जाने वाली अन्य फसलें गेहूँ, जौ, राई, जई, मक्का, कंदमूल प्रमुख है। शस्यावर्तन एवं अंतः फसली कृषि मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • इस प्रकार की कृषि विश्व के अत्यधिक विकसित भागों में की जाती है, जैसे उत्तरी पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पूर्वी भाग, यूरेशिया के कुछ भाग एवं दक्षिणी महाद्वीपों के समशीतोष्ण अंक्षाश वाले भाग।

प्रश्न 34.आदिमकालीन निर्वाह कृषि की विशेषताएँ बताए। 

उत्तर :

1) अर्थ आदिमकालीन – निर्वाह कृषि, कृषि का वह प्रकार है जिसमें कृषक अपने व अपने परिवार के भरण पोषण (निर्वाह) हेतु उत्पादन करता है। इसमें उत्पाद बिक्री के लिए नहीं होते। आदिमकालीन निर्वाह कृषि का प्राचीनतम रूप है, जिसे स्थानांतरी कृषि भी कहते हैं, जिसमें खेत स्थाई नहीं होते। 

2) खेत का आकार – खेत छोटे-छोटे होते हैं। 

3) कृषि की पद्धति – इसमें किसान एक क्षेत्र के जंगल या वनस्पतियों को काटकर या जलाकर साफ करता है। खेत का उपजाऊपन समाप्त होने पर उस स्थान को छोड़कर भूमि का अन्य भाग कृषि हेतु तैयार करता है। 

4) औजार – औजार पारम्परिक होते हैं, जैसे लकड़ी, कुदाली एवं फावड़े।

5) क्षेत्र – ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र जहाँ आदिम जाति के लोग यह कृषि करते हैं:

  • अफ्रीका
  • उष्णकटिबंधीय दक्षिण व मध्य अमेरीका
  • दक्षिण पूर्वी एशिया। 

प्रश्न 35.चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषि की मुख्य विशेषताएं बताए? 

उत्तर : 

1) अर्थ – इस प्रकार की कृषि में लोग परिवार के भरण पोषण के लिए भूमि के छोटे से टुकड़े पर काफी बड़ी संख्या में लोग चावल की कृषि में लगे होते हैं । यहाँ भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होता है। 

2) मुख्य फसल – जैसा कि इस कृषि के नाम से ही पता चलता है कि इसमें चावल प्रमुख फसल होती है। सिंचाई वर्षा पर निर्भर होती है। 

3) खेतों का आकार – अधिक जनसंख्या घनत्व के कारण खेतों का आकार छोटा होता है तथा खेत एक दूसरे से दूर होते हैं। 

4) श्रम – भूमि का गहन उपयोग होता है एवं यंत्रों की अपेक्षा मानव श्रम का अधिक महत्व है। कृषि कार्य में कृषक का पूरा परिवार लगा रहता है।

5) प्राकृतिक खाद – भूमि की उर्वरता बनाए रखने के लिए पशुओं के गोबर की खाद एवं हरी खाद का उपयोग किया जाता है।

6) क्षेत्र – मानसून एशिया के घने बसे प्रदेश। 

प्रश्न 38.चावल रहित गहन निर्वाह कृषि की मुख्य विशेषताएँ बताये। 

उत्तर : 

  • इस कृषि में चावल मुख्य फसल नहीं होती है और इसके स्थान पर गेहूँ, सोयाबीन, जौ तथा सोरपम आदि फसलें बोई जाती है।
  • यह कृषि उन क्षेत्रों में की जाती है, जहाँ पर चावल की फसल के लिए पर्याप्त वर्षा नहीं होती इसलिए इसमें सिंचाई की जाती है।
  • इस प्रकार की कृषि में भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक रहता हैं।
  • खेत बहुत ही छोटे तथा बिखरे हुए होते हैं।
  • मशीनों के स्थान पर खेती के अधिकतर कार्य पशुओं द्वारा होते है।
  • मुख्य क्षेत्रों में उत्तरी कोरिया, उत्तरी जापान, मंचूरिया, गंगा सिंधु के मैदानी भाग (भारत) हैं।

प्रश्न 39.रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बताइये । 

उत्तर : 

1) अर्थ – रोपण कृषि एक व्यापारिक कृषि है जिसके अन्तर्गत बाजार में बेचने के लिए चाय, कॉफी, कोको, रबड़, कपास, गन्ना, केले व अनानास की पौध लगाई जाती है। 

2) खेत का आकार – इसमें कृषि क्षेत्र (बागान) का आकार बहुत बड़ा होता है। 

3) पूँजी निवेश – बागानों की स्थापना व उन्हें चलाने, रखरखाव के लिए अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है। 

4) तकनीकी व वैज्ञानिक विधियाँ – इसमें उच्च प्रबंध तकनीकी आधार तथा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है। 

5) एक फसली कृषि – यह एक फसली कृषि है जिसमें एक फसल के उत्पादन पर ही ध्यान दिया जाता है। 

6) श्रम – इसमें काफी श्रमिकों की आवश्यकता होती है। श्रम स्थानीय लोगों से प्राप्त किया जाता है। 

7) परिवहन के साधन – परिवहन के साधन सुचारु रूप से विकसित होते हैं जिसके द्वारा बागान एवं बाजार भली प्रकार से जुड़े रहते हैं। 

8) क्षेत्र – इस कृषि को यूरोपीय एवं अमेरिकी लोगों ने अपने अधीन उष्ण कटिबंधीय उपनिवेशों में स्थापित किया था।

पाँच अंक वाले प्रश्न प्रश्न 

प्रश्न 40″भोजन संग्रह एंव आखेट जनजातीय समाजों के जीवन निर्वाह के लिए आदिमकालीन आर्थिक क्रियाएँ हैं, परंतु आधुनिक समय में भोजन संग्रह के कार्य का व्यापारीकरण भी हो गया है इस कथन की जाँच कीजिए। 

उत्तरः

  • भोजन संग्रहक कीमती पौधों की पत्तियों, छाल औषधीय पौधों को बाजार में बेचने के उद्देश्य से इनको संग्रहीत करते हैं।
  • पोधों के विभिन्न भागों का ये उपयोग करते हैं। जैसे–छाल का उपयोग कुनेन, चमड़ा तैयार करना एवं कार्क के लिए।
  • दृढ़ फल को भोजन एवं तेल के लिए एकत्रित किया जाता है। अनेक उद्योगों में पेड़ के तने का उपयोग रबड़, बनाना, गोंद व राल बनाने के लिए किया जाता है, पेड़ की पत्तियों का उपयोग पेय पदार्थ, दवाइयाँ तथा कांतिवर्धक वस्तुएँ बनाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 41. खनन की विधियों को उपस्थिति की अवस्था तथा अयस्क की प्रकृति के आधार पर दो वर्गों में वर्गीकृत कीजिए। वे एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट करें।

अथवा 

खनन किसे कहते हैं खनन को प्रभावित करने वाले दो कारकों का वर्णन कीजिए। धरातलीय एंव भूमिगत खनन में अंतर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर: भूपर्पटी से मूल्यवान धात्विक और अधात्विक खनिजों को निकालने की प्रक्रिया को खनन कहते हैं। 

खनन को प्रभावित करने वाले दो कारक

  • भौतिक कारक- इनमें खनिज पदार्थों के आकार, श्रेणी एवं उपस्थिति की अवस्था को सम्मिलित किया जाता है। खनिजों की अधिक गहराई, खनिजों में धातु की मात्रा का कम प्रतिशत तथा उपभोग के स्थानों से अधिक दूरी खनिजों के खनन के व्यय को बढ़ा देती है। 
  • आर्थिक कारक- इसमें खनिजों की मांग, विद्यमान तकनीकी ज्ञान एवं उसका उपयोग, पूंजी की उपलब्धता, यातायात व श्रम पर होने वाला व्यय आता है। 

भूमिगत खनन

  • भूमिगत खनन बहुत जोखिम पूर्ण तथा असुरक्षित होता है।
  • सुरक्षात्मक उपायों व उपकरणों पर अत्यधिक खर्च होता है। इसमें दुर्घटनाओं की संभावना अधिक होती है। 
  • खानें काफी गहराई पर होती है। इन खानों में वेधन मशीन, माल ढोने वाली गाडियों तथा वायु संचार प्रणाली की आवश्यकता होती है।

धरातलीय खनन 

  • धरातलीय खनन अपेक्षाकृत आसान, सुरक्षित और सस्ता होता है। | 
  • इस खनन में सुरक्षात्मक उपायों एवं उपकरणों पर अतिरिक्त खर्च अपेक्षाकृत कम होता है।
  • खनिजो के भंडार धरातल के निकट ही कम गहराई पर होते है।

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