पाठ – 3
भूमंडलीकृत विश्व का बनना
In this post we have mentioned all the important questions of class 10 Social Science (History) chapter 3 The Making of a Global World in Hindi
इस पोस्ट में कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान (इतिहास) के पाठ 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 10 में है एवं सामाजिक विज्ञान (इतिहास) विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | Social Science (History) |
Chapter no. | Chapter 3 |
Chapter Name | भूमंडलीकृत विश्व का बनना (The Making of a Global World) |
Category | Class 10 Social Science (History) Important Questions in Hindi |
Medium | Hindi |
Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना
1 अंक वाले प्रश्न :
प्रश्न 1 मित्र राष्ट्रों के नाम बताइए?
उत्तर: ब्रिटेन, फ्रांस और रूस।
प्रश्न 2 दक्षिणी अमेरिका में एल डोराडो क्या है ?
उत्तर: किंवदंतियों की बदौलत सोने का शहर।
प्रश्न 3 किस देश के पास अर्न्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में वीटो का प्रभावशाली अधिकार है ?
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका।
प्रश्न 4 लगभग 500 साल पहले किस फसल के बारे में हमारे पूर्वजों को ज्ञान नहीं था?
उत्तर: आलू
प्रश्न 5 कौन से दो आविष्कारों ने 19 वीं सदी के विश्व में परिवर्तन किया ?
उत्तर:
- भाप इंजन
- रेलवे
प्रश्न 6 1928 से 1934 के बीच भारत में गेहूँ की कीमत 50 प्रतिशत तक क्यों गिर गई?
उत्तर: महामंदी के कारण
प्रश्न 7 अमेरिका महाद्वीप की खोज किसने की ?
उत्तर: क्रिस्टोफर कोलंबस।
प्रश्न 8 उस यूरोपीय देश का नाम लिखिए, जिसने अमेरिका पर विजय प्राप्त की?
उत्तर: स्पेन
प्रश्न 9 भूमंडलीकृत विश्व के बनने में मदद देने वाले कोई दो कारक बताइए।
उत्तर:
- व्यापार
- काम की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह जाते लोग
- पूँजी
लघु/दीर्घ प्रश्न (3/5)
प्रश्न 1 अमेरिका जाने वाले नये समुद्री रास्तों की खोज के बाद विश्व में क्या बदलाव हुए? तीन उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
- आलू का इस्तेमाल शुरू करने पर यूरोप के गरीबों की जिन्दगी में बदलाव आया। उनका भोजन बेहतर हो गया और औसत उम्र बढ़ने लगी।
- गुलामों का व्यापार शुरू हो गया।
- यूरोप में धार्मिक टकराव होते रहते थे इसलिए हजारों लोग यूरोप से भागकर अमेरिका चले गए।
प्रश्न 2 19वीं सदी में हजारों लोगों द्वारा यूरोप से भागकर अमेरिका जाने के क्या कारण थे?
उत्तर:
- कॉर्न-ला को समाप्त करने के बाद कम कीमतों में सामान का आयात।
- भयानक बीमारियों का फैलना
- धार्मिक टकराव।
प्रश्न 3 सूती वस्त्र उद्योगों के औद्योगिकरण का ब्रिटेन में क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
- आयात शुल्क के कारण ब्रिटेन में भारतीय कपास के आयात में तेजी से कमी आई।
- भारतीय वस्त्रों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
- बाद में निर्माण किए गए सूती उत्पादों के निर्यात में कमी आने
- के पश्चात् ब्रिटिश निर्माताओं ने बहुत ही सस्ती कीमत पर भारत से कपास का आयात आरम्भ कर दिया।
प्रश्न 4 व्यापार अधिशेष से क्या अभिप्राय है ? भारत के साथ ब्रिटेन व्यापार अधिशेष की अवस्था में क्यों रहा?
उत्तर:
- जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक होता है तो इसे व्यापार अधिशेष कहा जाता है।
- 19वीं शताब्दी में बाजारों में ब्रिटेन के बने माल की अधिकता हो गई थी। भारत से ब्रिटेन और शेष विश्व को भेजे जाने वाले खाद्यान्न व कच्चे मालों के निर्यात में इजाफा हुआ।
- लेकिन जो माल भारत भेजा जाता था उसकी कीमत काफी अधिक होती थी और जो भारत से इंग्लैण्ड भेजा जाता था उसकी कीमत काफी कम होती थी इसलिए ब्रिटेन हमेशा व्यापार अधिशेष की अवस्था में रहता था।
प्रश्न 5 ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर प्रथम विश्व युद्ध के क्या प्रभाव पड़े ?
उत्तर:
- युद्ध के बाद भारतीय बाजार में अपनी वर्चस्व वाली स्थिति को प्राप्त करना ब्रिटेन के लिए कठिन हो गया।
- ब्रिटेन को विश्व स्तर पर अब जापान से भी मुकाबला करना था।
- अमेरिका से लिए गए कर्जे की वजह से ब्रिटेन युद्ध के बाद भारी विदेशी कर्जे में डूब गया।
- युद्ध के कारण आया आर्थिक उछाल जब शान्त होने लगा तो उत्पादन गिरने लगा और बेरोजगारी बढ़ने लगी।
- इसी समय सरकार ने भारी भरकम शांतिकालीन करों के सहारे उनकी भरपाई करने की कोशिश की। इन प्रयासों से रोजगार भारी मात्रा में समाप्त हो गए।
प्रश्न 6 आर्थिक महामंदी के कारण बताइये?
उत्तर:
- महामंदी की शुरूआत 1929 से हुई और यह संकट 30 के दशक के मध्य तक बना रहा। इस दौरान विश्व के ज्यादातर हिस्सों में उत्पादन, रोजगार, आय और व्यापार में बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
- युद्धोतर अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर हो गई थी। कीमतें गिरी तो किसानों की आय घटने लगी और आमदनी बढ़ाने के लिए किसान अधिक मात्रा में उत्पादन करने लगे।
- बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लिया।
- अमेरिकी उद्योगपतियों ने मंदी की आशंका को देखते हुए यूरोपीय देशों को कर्ज देना बन्द कर दिया।
- हजारों बैंक दिवालिया हो गये।
प्रश्न 7 भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामन्दी का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
- 1928 से 1934 के बीच देश का आयात-निर्यात घट कर आधा रह गया।
- अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें गिरने से भारत में गेहूँ की कीमत 50 प्रतिशत तक गिर गई।
- किसानों और काश्तकारों को ज्यादा नुकसान हुआ।
- महामंदी शहरी जनता एवं अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारक।
- 1931 में मंदी चरम सीमा पर थी जिसके कारण ग्रामीण भारत असंतोष व उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा था।
प्रश्न 8 19वीं सदी की अनुबंध व्यवस्था को नयी दास व्यवस्था के रूप में वर्णित किया है। उपयुक्त उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:
- एजेंट मजदूरों को फुसलाने के लिए झूठी जानकारियाँ देते थे।
- एजेंटों द्वारा मजदूरों का अपहरण भी कर लिया जाता था।
- नयी जगह की जीवन एवं कार्य स्थितियाँ कठोर थी।
- वेतन बहुत कम था। काम ठीक से न कर पाने के कारण वेतन काट लिया जाता था।
- मजदूरों के पास कानूनी अधिकार न के बराबर थे।
प्रश्न 9 वैश्वीकरण का क्या अर्थ है ? अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में तीन प्रकार के प्रवाहों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर:
- किसी देश की अर्थव्यवस्था विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ी होती है।
- पहला प्रवाह व्यापार का होता है जो मुख्यतः कपड़ों एवं गेहूँ के व्यापार तक सीमित था।
- दूसरा प्रवाह श्रम का है जिसमें लोग रोजगार की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।
- तीसरा प्रवाह पूँजी का होता है जिसे अल्प या दीर्घ अवधि के लिए दूर-दराज के इलाकों में निवेश कर दिया जाता है।
प्रश्न 10 ब्रेटन-वुड्स समझौते का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
- 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशायर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में सहमति बनी थी।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की स्थापना हुई।
- ब्रेटन वुड्स व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी।
प्रश्न 11 ‘भारत ने 19वीं सदी की विश्व अर्थव्यवस्था का रूप तय करने में अहम भूमिका निभाई’ वर्णन करें ?
उत्तर:
- भारत के साथ ब्रिटेन हमेशा व्यापार अधिशेष की अवस्था में रहता था। ब्रिटेन इस मुनाफे के सहारे दूसरे देशों के साथ होने वाले व्यापारिक घाटे की भरपाई कर लेता था ।
- ब्रिटेन के व्यापार से जो अधिशेष हासिल होता था उससे तथाकथित होम चार्जेस (देसी खर्चे) का निपटारा होता था इसमें ब्रिटिश अफसरों और व्यापारियों द्वारा अपने घर भेजी गई निजी रकम, भारतीय बाहरी कर्ज पर ब्याज और भारत में काम कर रहे ब्रिटिश अफसरों की पेंशन शामिल थी ।
- उन्नीसवीं सदी में भारत के लाखों मजदूरों को बागानों खदानों और सड़क व रेलवे निर्माण परियोजनाओं में काम करने के लिए दूर-दूर के देशों में ले जाया जाता था ।
- भारत विकासशील देशों को कच्चा माल प्रदान करने का मुख्य स्रोत भी था ।
- भारत अंतिम उत्पादों के लिए एक बड़े बाजार के रूप में उभरा खासतौर पर सूती वस्त्र के लिए ।
प्रश्न 12 ‘कॉर्न लॉ’ क्या थे? इन कानूनों को क्यों वापस ले लिया गया ?
उत्तर: कार्न लॉ एक ऐसा ब्रिटिश कानून था जिसने मक्का आयात पर पाबंदी लगा दी थी। इन कानूनों को निम्नलिखित कारणों से हटा लिया गया ।
- आयात पर प्रतिबंध से खाद्य पदार्थों की कीमत आसमान छूने लगी।
- इस कानून से मुक्त व्यापार में बाधा आई ।
- उद्योगपति और शहरी बाशिंदे इस कानून के खिलाफ थे उन्होंने सरकार पर दबाव बनाया कि इसे हटा लें ।
प्रश्न 13 यूरोपीय लोगों का अफ्रिका के प्रति आकर्षण के मुख्य कारण क्या थे?
उत्तर:
- यूरोपीय लोगों के अफ्रीका की तरफ आकर्षित होने के निम्न कारण थे
- बहुमूल्य खनिज जैसे कि सोना कोयला तथा चांदी की खोज में।
- अफ्रीका के विशाल भू-क्षेत्र को देखकर
- अफ्रीका में बागवानी खेती तथा खदानों का दोहन करने के लिए।
प्रश्न 14 व्यापार में इजाफे और बाजार के विस्तार होने के साथ-साथ 19 वीं सदी का एक इसी कड़ी का एक अंधेरा पक्ष भी था। इस कथन को चढ़ाएं ?
उत्तर:
- दुनिया के बहुत सारे भागों में स्वतंत्रता और आजीविका के साधन छीनने लगे।
- यूरोपीयों के विजय से उपनिवेशों में बहुत सारे कष्टदायक आर्थिक, सामाजिक और परिस्थितिकिय परिवर्तन आए।
- 1890 के दशक में मवेशी प्लेग या रिंडरपेस्ट नामक बीमारी ने अफ्रीका के लोगों की आजीविका छीन ली तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया।
- अनुबंधित श्रमिक प्रणाली लोगों के लिए निर्धनता तथा समस्याएं लेकर आई।
प्रश्न 15 अर्थशास्त्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमय में 3 तरह की गतियों या ‘प्रवाहों’ का उल्लेख किया है। वर्णन करें ?
उत्तर:
- पहला प्रवाह-व्यापार मुख्य रूप से वस्तुओं जैसे कपड़ा या गेहूं का।
- श्रम का प्रवाह-काम या रोजगार की तलाश में लोगों का यहां से वहां जाना।
- पूंजी का प्रवाह – अल्प या दीर्घ अवधि के लिए दूर-दराज के इलाकों में निवेश।
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