पाठ – 9
शासक और इतिवृत
In this post we have mentioned all the important questions of class 12 History chapter 9 in Hindi
इस पोस्ट में क्लास 12 के इतिहास के पाठ 9 शासक और इतिवृत के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं इतिहास विषय पढ़ रहे है।
Important Questions
1 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1 मुगल वंश के संस्थापक कौन थे?
उत्तर मुगल साम्राज्य 1526 में शुरू हुआ, मुगल वंश का संस्थापक बाबर था
प्रश्न 2. अकबर ने तीर्थ यात्रा कर कौन से वर्ष में समाप्त किया?
उत्तर 1563
प्रश्न 3 अकबर की पसंदीदा लेखन शैली कौन सी थी?
उत्तर इतिवृत्तों की रचना नास्तिलिक शैली में की जाती थी अकबर को यह शैली अत्यंत पसंद थी
प्रश्न 4 फारसी शब्द हरम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर वर्जित क्षेत्र” या “पवित्र, पावन
प्रश्न 5 मुगल इतिहास कार अबुल फजल ने चित्रकारी को किस कला के नाम से संबोधित किया?
उत्तर जादुई कला
प्रश्न 6 गुजरात विजय के उपलक्ष में अकबर ने किस स्मारक का निर्माण करवाया?
उत्तर बुलंद दरवाजा यह सम्राट अकबर की गुजरात पर जीत के स्मारक के रूप में बनवाया गया था।यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। इसके अंदर सफेद और काले संगमरमर की नक्काशी है।
प्रश्न 7 जहांगीर के दरबार में आने वाले यूरोपीय राजदूत का नाम क्या था?
उत्तर थॉमस रो : जहांगीर के वक्त भारत आया ब्रिटिश राजदूत जिसने देश की गुलामी की नींव रखी थी
प्रश्न 8 चांदनी चौक की रूपरेखा किसने तैयार की थी?
उत्तर शाहजहां की बेटी जहांआरा द्वारा तैयार किया गया था।
प्रश्न 9 हुमायूंनामा किसके द्वारा लिखा गया?
उत्तर गुलबदन बेगम बाबर की बेटी थी
प्रश्न 10 अकबर का राज्याभिषेक कब हुआ?
उत्तर अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई को पंजाब के कलनौर में हुआ था
3 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1 मुगल साम्राज्य में शाही परिवार की स्त्रियों द्वारा निभाई गई भूमिका को बताएं?
उत्तर मुग़ल शाही परिवार में बादशाह की पत्नियाँ और उपपत्नियाँ, उसके नजदीकी एवं दूर के रिश्तेदार के साथ-साथ महिला गुलाम होते थे।
- मुगल दरबार में महिलाओं की स्थिति सशक्त थी
- मुगल परिवार की मुख्य महिलाएं
गुलबदन बेगम
- यह बाबर की बेटी एवं हुमायूं की बहन थी
- यह तुर्की एवं फारसी भाषाओं की ज्ञाता थी
- इन्होंने ही हुमायूंनामा की रचना की थी
नूरजहां
- नूरजहां जहांगीर की पत्नी थी
- यह इरान से संबंधित थी
- जहाँगीर के दौर में नूरजहाँ का शासन पर गहरा प्रभाव था
जहांआरा रोशनआरा
- शाहजहाँनाबाद (वर्तमान दिल्ली) में स्थित चांदनी चौक की रूपरेखा जहांआरा द्वारा बनाई गई थी
- इन्होंने कई महत्वपूर्ण इमारतों एवं बागों की रूपरेखा बनाई थी
- जहांआरा द्वारा सूरत बंदरगाह से व्यापार भी किया जाता था
प्रश्न 2 अकबरनाम और बादशाहनामा के लेखन की टिप्पणी कीजिए?
अकबरनामा
- अकबरनामा की रचना अबुल फजल द्वारा की गई
- अबुल फजल द्वारा अकबरनामा लिखने की शुरुआत 1589 में की गई और उसने 13 वर्षों तक इस पर काम किया
- अकबरनामा में अकबर के साम्राज्य की भौगोलिक, प्रशासनिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं का वर्णन किया गया है
- इसमें प्रमुख राजनीतिक घटनाओं की जानकारी भी मिलती है
- अकबरनामा को तीन जिल्दो (भागों) में बांटा गया है
बादशाहनामा
- इसकी रचना अब्दुल हमीद लाहौरी द्वारा की गई थी
- अब्दुल हमीद लाहौरी अबुल फजल के ही शिष्य थे
- शाहजहां द्वारा अब्दुल हमीद लाहौरी को अकबरनामा की शैली के अनुसार अपना इतिहास लिखने के लिए नियुक्त किया गया था
- बादशाहनामा को भी 3 दिन भागों में बांटा गया है
प्रश्न 3 इतिवृत्त मुग़लों के राज सिद्धांत को किस प्रकार दिखाते हैं?
उत्तर दरबार के अध्ययन के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। ये इतिवृत्त इस साम्राज्य के अंतर्गत आने वाले सभी लोगों के सामने एक प्रबुद्ध राज्य के दर्शन की प्रायोजना के उद्देश्य से लिखे गए थे। इसी तरह इनका उद्देश्य उन लोगों को, जिन्होंने मुग़ल शासन का विरोध किया था, यह बताना भी था कि उनके सारे विरोधों का असफल होना नियत है।
प्रश्न 4 ‘मुगल दरबार में पांडुलिपियों को संपदा के रूप में देखा जाता था।’ इस कथन के संदर्भ में पांडुलिपि निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए?
उत्तर पांडुलिपि तैयार करने की एक लंबी प्रक्रिया होती थी। इस प्रक्रिया में कई लोग शामिल होते थे। जो अलग अलग कामों में दक्ष होते थे। सबसे पहले पांडुलिपि का पन्ना तैयार किया जाता था जो कागज़ बनाने वालों का काम था। तैयार किए गए पन्ने पर अत्यंत सुंदर अक्षर में पाठ की नकल तैयार की जाती थी। उस समय सुलेखन अर्थात् हाथ से लिखने की कला अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मानी जाती थी। इसका प्रयोग भिन्न-भिन्न शैलियों में होता था। सरकंडे के टुकड़े को स्याही में डुबोकर लिखा जाता था। इसके बाद कोफ्तगार पृष्ठों को चमकाने का काम करते थे। चित्रकार पाठ के दृश्यों को चित्रित करते थे। अन्त में, जिल्दसाज प्रत्येक पन्ने को इकट्ठा करके उसे अलंकृत आवरण देता था। तैयार पांडुलिपि को एक बहुमूल्य वस्तु, बौद्धिक संपदा और सौंदर्य के कार्य के रूप में देखा जाता था।
प्रश्न 5 सुलह ए कुल की नीति क्या थी? क्या इसकी जरूरत मुगलों का थी?
उत्तर मुगल इतिवृत्तों के अनुसार मुगल साम्राज्य हिंदुओं, मुसलमानों और जैनो जैसे अनेक धार्मिक समुदायों में बटा हुआ था राज्य में बादशाह इन सभी धार्मिक संगठनों से ऊपर होता था कोई भी समस्या आने पर वह इन संगठनों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता था ताकि न्याय एवं शांति बनी रहे राज्य के अंदर सभी को अपने धर्मों को मानने की स्वतंत्रता थी
प्रश्न 6 मुग़लों ने प्रशासन का कौन सा स्वरूप अपनाया था? केंद्र द्वारा प्रांतों पर नियंत्रण किस तरह रखा जाता था?
उत्तर
- मुगल साम्राज्य में शासक अपने शासन को चलाने के लिए नौकरशाहों पर निर्भर होता था
- इन सभी नौकरशाहों को अभिजात वर्ग कहा जाता था
- यह सभी नौकरशाह राजा के प्रति वफादार होते थे
- इसमें सभी वर्गों से बराबर भर्तियां की जाती
- प्रांतों में भी केंद्र की तरह ही कार्यों का विभाजन किया गया था
- प्रांतीय शासन का मुखिया गवर्नर या सूबेदार होता था यह सीधा बादशाह के प्रति उत्तरदाई होता था इस पूरी व्यवस्था में सभी जानकारी लिखित रूप में रखी जाती थी प्रशासन की मुख्य भाषा फारसी थी अर्थात सभी दस्तावेजों को फारसी में लिखा जाता था ग्रामीण स्तर पर कई दस्तावेजों को स्थानीय भाषाओं में भी लिखा जाता था
8 अंक वाले प्रश्न
- मनसबदारी क्या है? इसके फायदे और नुकसान बताएं?
- वह कौन से कारण थे, जिसके कारण मुगलों ने ईरानी व तुरानी से संबंध बनाएं?
- मुगल साम्राज्य में सूचनाओं का आदान-प्रदान किस प्रकार होता था?
- बहुत से लोग जलालुद्दीन अकबर को मुगल सम्राटों में महानतम मानते हैं। इस कथन को उचित उदाहरणों द्वारा साक्ष्य की सहायता से स्पष्ट कीजिए?
- अकबर के दरबार की विभिन्न गतिविधियों का वर्णन करें?
- अकबर की प्रशासनिक नीतियों ने किस प्रकार मुगल साम्राज्य को सशक्त व सुदृढ़ बनाया?
- अकबर ने भिन्न-भिन्न धार्मिक समुदायों से पारंपरिक सद्भाव किस प्रकार बनाए रखा?
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