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Home » Class 12 Geography Important Questions in Hindi » द्वितीयक क्रियाएँ Important Questions || Class 12 Geography Book 1 Chapter 6 in Hindi ||

द्वितीयक क्रियाएँ Important Questions || Class 12 Geography Book 1 Chapter 6 in Hindi ||

Posted on August 25, 2022August 25, 2022 by Anshul Gupta

पाठ – 6

द्वितीयक क्रियाएँ

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Geography chapter 6 Secondary Activities in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल  के पाठ 6 द्वितीयक क्रियाएँ के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 6
Chapter Nameद्वितीयक क्रियाएँ (Secondary Activities)
CategoryClass 12 Geography Important Questions in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ Important Questions in Hindi

Chapter – 6, द्वितीयक क्रियाएँ

अति लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. द्वितीयक आर्थिक क्रिया का अर्थ बताइये। 

उत्तर : प्राकृतिक रूप से प्राप्त कच्चे माल को जब मनुष्य अपना कौशल ज्ञान एवं श्रम लगाकर नये उपयोगी उत्पाद में बदल देता है तो इस द्वितीयक आर्थिक क्रिया कहा जाता है। 

प्रश्न 2. द्वितीयक गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। एक कारण बताइये। 

उत्तर : द्वितीयक गतिविधियों के अन्तर्गत विनिर्माण द्वारा कच्चे माल का रूप बदलकर उसे उपयोगी उत्पाद के परिवर्तित कर देते हैं जिससे वह कच्चा माल एक मूल्यवान उत्पाद बन जाता है। 

प्रश्न 3. विनिर्माण किस प्रकार किया जाता है ? 

उत्तर : विनिर्माण हाथ से या मशीनों से किया जाता है। 

प्रश्न 4. कौशल के विशिष्टीकरण से क्या तात्पर्य है। 

उत्तर : बड़े पैमाने पर किया जाने वाला अधिक उत्पादन जिसमें प्रत्येक कारीगर निरंतर एक ही प्रकार का कार्य करता है। 

प्रश्न 5. उद्योग अपनी लागत घटाकर लाभ किस प्रकार बढ़ा सकते हैं? 

उत्तर : उद्योगो की स्थापना उस स्थान पर करके जहाँ उत्पादन लागत कम आए। 

प्रश्न 6. कृषि प्रसंस्करण एवं डेरी उत्पाद कृषि उत्पादन क्षेत्रों अथवा दुग्ध आपूर्ति स्त्रोतों के समीप ही संसाधित किए जाते हैं। एक कारण बताइए। 

उत्तर : कच्चे माल (दूध) की शीघ्र नष्ट होने वाली प्रकृति के कारण। 

प्रश्न 7. पश्चिमी यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका के पूर्वी भागों में उद्योगों का सकेंद्रण होने का एक कारण बताइए? 

उत्तर : अत्यधिक परिवहन तंत्र का विकसित होना। 

प्रश्न 8. समूहन अर्थव्यवस्था से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर : प्रधान उद्योग की समीपता से अन्य अनेक उद्योगों का लाभांवित होना समूहन अर्थव्यवस्था है। 

प्रश्न 9. निर्माण की सबसे छोटी ईकाई कौन सी है ? 

उत्तर : कुटीर उद्योग

प्रश्न 10. विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों को उनके वृहत् पैमाने पर किए गए निर्माण के आधार पर कितने समूहों में बांटा जा सकता है? 

उत्तर : 

1) परंपरागत वृहत् औद्योगिक प्रदेश जिनके समूह कुछ अधिक विकसित देशों में है। 

2) उच्च प्रौद्योगिकी वाले वृहत् औद्योगिक प्रदेश जिनका विस्तार कम विकसित देशों में हुआ है। 

प्रश्न 11. रसायन आधारित उद्योगों के दो उदाहरण बताइए। 

उत्तर : पेट्रो-रसायन उद्योग, कृत्रिम रेशा उद्योग । 

प्रश्न 12. गैर आधारभूत उद्योग क्या है?

अथवा 

उपभोक्ता वस्तु उद्योग क्या है ? उदाहरण सहित बताइए। 

उत्तर : उपभोक्ता वस्तु उद्योग ऐसे सामान का उत्पादन करते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता द्वारा उपयोग कर लिया जाता है। जैसे ब्रेड़ एंव बिस्कुट, चाय, साबुन इत्यादि। 

प्रश्न 13. धुएँ की चिमनी वाला उद्योग किसे कहते हैं ? 

उत्तर : परंपरागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश जिसमें कोयला खादानों के समीप स्थित धातु पिघलाने वाले उद्योग भारी इंजीनियरिंग, रसायन, निर्माण इत्यादि का कार्य किया जाता है। इन्हें धुएं की चिमनी वाला उद्योग भी कहतें हैं। 

प्रश्न 14. रूहर कोयला प्रदेश किस देश में स्थित है? 

उत्तर : जर्मनी। 

प्रश्न 15. स्वच्छंद उद्योग से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर : ये वे उद्योग है जो किसी कच्चे माल पर निर्भर नहीं होते वरन संघटक __पुरजों पर निर्भर रहते हैं। 

प्रश्न 16. कृषि व्यापार या कृषि कारखानों का अर्थ स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : कृषि व्यापार एक प्रकार की व्यापारिक कृषि है जो औद्योगिक पैमाने पर की जाती है इसका वित्त पोषण वह व्यापार करता है जिसकी मुख्य रूचि कृषि के बाहर हो । यह फार्म से आकार में बड़े यन्त्रीकृत, रसायनों पर निर्भर व अच्छी संरचना वाले होते हैं । इनकों कृषि कारखाने भी कहा जाता है।

प्रश्न 17. लौह इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है ? 

उत्तर : लौह-इस्पात उद्योग के उत्पाद को अन्य वस्तुएँ बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाया जाता है इसलिए इसे आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे:- लौह इस्पात उद्योग, वस्त्र उद्योग व अन्य उद्योगों के लिए मशीनें बनाता है । अतः यह सभी उद्योगों का आधार है। 

प्रश्न 18. प्रौद्योगिक ध्रुव किसे कहते हैं ?

अथवा

प्रौद्योगिक ध्रुव के दो उदाहरण दीजिए। 

उत्तर : वे उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग जो प्रादेशिक रूप में सकेन्द्रित हैं, आत्मनिर्भर तथा उच्च विशिष्टता लिए होते हैं उन्हें प्रौद्योगिक ध्रुव कहा जाता है जैसे उदाहरण- सिलीकन घाटी (स.रा.अ.) बेंगलूरू (भारत में), सियटल के समीप सिलीकन वनघाटी।

प्रश्न 19. ‘जंग का कटोरा’ नाम से किस क्षेत्र को जाना जाता है और क्यों ? 

उत्तर : संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित पिट्सबर्ग को ‘जंग का कटोरा’ नाम से जाना जाता है क्योंकि पिट्सबर्ग लौह उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र था जिसका महत्व अब घट गया है। 

प्रश्न 20. जर्मनी का रूहर कोयला क्षेत्र किस प्रकार के औद्योगिक प्रदेश के अन्तर्गत रखा जा सकता है ? 

उत्तर : परम्परागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश। 

प्रश्न 21. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में लगे कर्मियों का अधिकतर भाग किस श्रेणी में जाता है ? 

उत्तर : व्यवसायिक श्रमिक (सफेद कॉलर युक्त) 

प्रश्न 22. विनिर्माण का अर्थ स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : विनिर्माण से आशय किसी भी वस्तु के उत्पादन से है। हस्तशिल्प से लेकर लोहे व इस्पात को गढ़ना, अंतरिक्ष यान का निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को विनिर्माण के अन्तर्गत ही माना जाता है। 

प्रश्न 23. लोहा इस्पात उद्योग को भारी उद्योग क्यों कहते हैं? 

उत्तरः लोहा इस्पात उद्योगे को भारी उद्योग कहते हैं, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में भारी भरकम कच्चा माल उपयोग में लाया जाता है, एंव इसके उत्पाद भी भारी होते हैं।

प्रश्न 24. छोटे इस्पात कारखानों के लिए कच्चे माल की अपेक्षा बाजार का समीप होना क्यों महत्वपूर्ण हैं? 

उत्तरः छोटे इस्पात कारखानों के लिए बाजार का समीप होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि कच्चे माल के रूप में रद्दी धातु बाजार से उपलब्ध हो जाती है। 

प्रश्न 25. भारत जैसे देश में छोटे पैमाने के उद्योग क्यों आरंभ किये है? 

उत्तरः भारत ने छोटे पैमाने के उद्योग जनसंख्या को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए आरंभ किये हैं इससे स्थानीय निवासियों की क्रय शक्ति में भी वृद्धि होती है। 

प्रश्न 26. वस्त्र उद्योग तथा एलयूमिनियम उद्योग को कच्चे मल के आधार पर किस वर्ग के उद्योगों में रखा जाता है?

उत्तरः वस्त्र उद्योग-कृषि आधारित एल्यूमिनियम – खनिज आधारित उद्योग। 

प्रश्न 27. निजी क्षेत्र के उद्योग अधिकार कौन से देशों में पाए जाते हैं? 

उत्तरः पूंजीवाद देशों। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (तीन अंक वाले) 

प्रश्न 28. छोटे पैमाने के उद्योग की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।

अथवा 

छोटे पैमाने व बड़े पैमाने के उद्योग में अंतर स्पष्ट करें। 

उत्तर-

छोटे पैमाने के उद्योगः

  • निर्माण स्थल:- इस प्रकार के उद्योग मे निर्माण स्थल घर से बाहर करखाना होता है। 
  • कच्चा माल :- इसमें स्थानीय कच्चे माल का उपयोग होता है। 
  • रोजगार के अवसर :- रोजगार के अवसर इस उद्योग में अधिक होते हैं जिससे स्थानीय निवासियों की क्रय शक्ति

बड़े पैमाने के उद्योग

  • उत्पादन, विकसित प्रौद्योगिक तथा कुशल श्रमिकों द्वारा किया जाता है। 
  • उत्पादन अथवा उत्पादित माल को विशाल बाज़ार में बेचा जाता है। 
  • इसमें उत्पादन की मात्रा भी अधिक होती है। 
  • अधिक पूंजी तथा विभिन्न प्रकार के कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 29. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए। 

उत्तरः स्वामित्व के आधार पर उद्योग

1. सार्वजनिक क्षेत्र:

  • ऐसे उद्योग सरकार के अधीन होते हैं।
  • सरकार ही इनका प्रबंध करती है।
  • भारत में बहुत से उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र के बीच है जैसे लोह इस्पात उद्योग।
  • अधिकतर समाजवादी, साम्यवादी देशों में ऐसा होता हैं।

2. निजी क्षेत्र :

  • ऐसे उद्योगों का मालिक एक व्यक्ति या एक कम्पनी होती है।
  • व्यक्ति या निजी कंपनियां इन उद्योगों का प्रबंधन करती है।
  • पूंजीवाद देशों में यह व्यवस्था होती है।
  • भारत में टाटा समूह, विरला, रिलायंस इंडस्ट्री इसके उदाहरण

3. संयुक्त क्षेत्र :

  • कुछ उद्योगों का संचालन सरकार और निजी कंपनियाँ मिलकर करती है। 
  • हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कोर्पोटेशन लिमिटेड (HPCL) तथा मित्तल एनर्जी लिमिटेड साझेदारी (HPCL Mittal energy limited (HMFL) इसका उदाहरण है। 

प्रश्न 30. परम्परागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश क्या हैं ? उनकी कोई दो विशेषताएँ दीजिए? 

उत्तर : यह भारी उद्योग के क्षेत्र होते हैं जिसमें कोयला खदानों के समीप धातु पिघलने वाले उद्योग, भारी इंजीनियरिंग, रसायन निर्माण, वस्त्र उत्पादन आदि का कार्य किया जाता है। इन्हें धुएँ की चिमनी वाला उद्योग भी कहते हैं। इसकी प्रमुख विशेषताएँ है। 

  • औद्योगिक इकाई के आसपास का वातावरण अनाकर्षक होता है, ___ जिसमें गन्दगी के ढेर व प्रदूषण होता है।
  • बेरोजगारी की समस्या, उत्प्रवास तथा विश्वव्यापी माँग कम होने से कारखाने बन्द होने के कारण परित्यक्त भूमि क्षेत्र। 

प्रश्न 31. कुटीर उद्योग से क्या तात्पर्य है ? किस प्रकार के उद्योगों को कुटीर उद्योग कहा जा सकता है ? 

उत्तर : कुटीर उद्योग उन उद्योगों को कहते हैं जिनमें लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय कच्चे माल की सहायता से घर पर ही दैनिक उपयोग की वस्तुओं का निर्माण करते है। 

1) पूँजी एंव परिवहन के साधन इन उद्योगों को प्रभावित नही करते क्योंकि कच्चा माल एंव बाजार दोनों ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होते है। 

2) किसी शक्तिचालित मशीन की आवश्यकता नहीं होती। हाथ के साधारण औजार ही उपयोग में आते हैं। 

प्रश्न 32. उत्पाद आधारित उद्योग किस कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट करें। 

उत्तर : कुछ उद्योगों के उत्पाद अन्य उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होते हैं। जैसे लड़की की लुग्दी बनाने का उद्योग-कागज के उद्योग के लिए कच्चा माल प्रदान करेगा। अतः कागज उद्योग उत्पाद आधारित उद्योग होगा। 

प्रश्न 33. बड़े पैमाने के आधुनिक विनिर्माण उद्योग के संगठनात्मक ढांचे और स्तरीकरण की किन्ही तीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए ? 

उत्तर : विशेषतायें :

1) आधुनिक विनिर्माण उद्योग एक जटिल संगठन है इसके निर्माण में कई जटिल प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है।

2) उद्योगों के संचालन में श्रम विशिष्टीकरण की आवश्यकता होती है, उद्योगों में श्रम की कुशलता से निरन्तर वृद्धि होती है।

3) आधुनिक उद्योगों में मशीनों का प्रयोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। 

प्रश्न 34. संसार में हथकरघा उद्योगों की किन्ही तीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए?

उत्तर : हथकरघा उद्योग की विशेषताएँ :

1) हथकरघा उद्योग में अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। 

2) यह अर्धकुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता है। 

3) इसमें पूँजी की आवश्यकता कम होती है। 

4) इसके अन्तर्गत सूत की कताई, बुनाई आदि का कार्य किया जाता है।

प्रश्न 35. स्वच्छंद उद्योगों की किन्हीं तीन विशेषताओं की व्याख्या किजिए ?

उत्तर : स्वच्छंद उद्योग की विशेषताएँ :

1) स्वच्छंद उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। 

2) ये किसी विशिष्ट प्रकार के कच्चे माल पर निर्भर नहीं होते हैं। 

3) ये उद्योग संघटन पुरजो पर निर्भर होते हैं। 

4) इनमें कम मात्रा में उत्पादन होता है। 

5) इन उद्योगों में श्रमिकों की भी कम आवश्यकता होती है। 

6) सामान्यतः ये उद्योग प्रदूषण नही फैलाते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (पाँच अंको वाले) 

प्रश्न 36. उद्योगों की स्थापना को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं।

अथवा 

उद्योगों का स्थानीकरण किन तत्वों पर निर्भर करता है?

उत्तर :

 

1. कच्चे माल की उपलब्धता :- उद्योग के लिए कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एंव सरलता से परिवहन योग्य होना चाहिए। भारी वजन सस्ते मूल्य एंव वजन घटाने वाले पदार्थों व शीघ्र नष्ट होने वाले पदार्थों पर आधारित उद्योग कच्चे माल के स्त्रोत के समीप ही स्थित हो। जैसे लौह-इस्पात उद्योग, चीनी उद्योग ।

2. अनुकूल जलवायु :- कुछ उद्योग विशेष प्रकार की जलवायु वाले क्षेत्रों में ही स्थापित किये जाते हैं। उदाहरण के लिए दक्षिण भारत में सूती वस्त्र उद्योग विकसित होने में नमी वाले पर्यावरण का लाभ मिला है। नमी के कारण कपास से वस्त्र की कताई आसान हो जाती है। अत्याधिक ठंडे व अत्याधिक गर्म प्रदेशों में उद्योगों की स्थापना कठिन कार्य है। 

3. शक्ति के साधन :- वे उद्योग जिनमें अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है वे ऊर्जा के स्रोतों के समीप लगाए जाते हैं, जैसे एल्यूमिनियम उद्योग। 

4. श्रम की उपलब्धता :- बढ़ते हुए यंत्रीकरण, स्वचालित मशीनों इत्यादि में उद्योगों में श्रमिकों पर निर्भरता को कम किया है, फिर भी कुछ प्रकार के उद्योगों में अब भी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। अधिकांश उद्योग सस्ते व कुशल श्रमिकों की उपलब्धता वाले स्थानों पर अवस्थित होते हैं। स्विटजरलैंड का घडी उद्योग व जापान का इलैक्ट्रोनिक उद्योग कुशल और दक्ष श्रमिकों के बल पर ही टिके हैं। 

5. पूँजी :- किसी भी उद्योग के सफल विकास के लिए पर्याप्त पूँजी का उपलब्ध होना अनिवार्य है। कारखाने के लिए जमीन, मशीने, कच्चा माल, श्रमिकों को वेतन देने के लिए पर्याप्त पूँजी की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए यूरोप में पर्याप्त मात्रा में पूँजी उपलब्ध होती है तथा वहाँ उद्योग भी काफी विकसित है। 

प्रश्न 37. आधुनिक बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की प्रमुख विशेषताएँ बताइए? 

उत्तर : आधुनिक समय में बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:

1) कौशल का विशिष्टीकरण :- आधुनिक उद्योगों में उत्पादन बड़े पैमाने पर होने के कारण कौशल का विशिष्टीकरण हो जाता है जिसमें प्रत्येक कारीगर निरंतर एक ही प्रकार का कार्य करता है। कारीगर निर्दिष्ट कार्य के लिये प्रशिक्षित होते है।

2) यन्त्रीकरण :- यन्त्रीकरण से तात्पर्य है कि किसी कार्य को पूरा करने के लिए मशीनों का प्रयोग करना । आधुनिक उद्योग स्वचालित यन्त्रीकरण की विकसित अवस्था है। 

3) प्रौद्योगिकीय नवाचार :- आधुनिक उद्योगों में नया तकनीकी ज्ञान, शोध व विकासमान युक्तियों को सम्मिलित किया गया है जिसमें विनिर्माण की गुणवत्ता को नियन्त्रित करना, अपशिष्टों का निस्तारण व अदक्षता को समाप्त करना व प्रदूषण के विरूद्ध संघर्ष करना मुख्य है। 

4) संगठनात्मक ढांचा व स्तरीकण :- इसके अतिरिक्त बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण में संगठनात्मक ढाँचा बड़ा, पूँजी का निवेश अधिक कर्मचारियों में प्रशासकीय अधिकारी वर्गों का बाहुल्य होता है। 

प्रश्न 38. आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियाँ क्या हैं ? 

उत्तर : आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

1) आधुनिक निर्माण प्रक्रिया बहुत सारे यंत्रों पर निर्भर है। अत्याधुनिक एंव विकसित यंत्रों का प्रयोग होता है। 

2) कार्यों को विभाजित/वर्गीकृत करके विशिष्ट कुशलता प्राप्त ___ व्यक्तियों को कार्य में लगाया जाता है। 

3) प्रबंध स्तर पर प्रशासन एंव अधिकारी वर्गों की नियुक्ति की जाती है। 

4) पूँजी निवेश अधिक होता है। उत्पादन में लागत कम करने का प्रयास किया जाता है। 

प्रश्न 39. छोटे पैमाने के उद्योगों को स्थापित करने के लाभ बताइये?

या 

रोजगार उत्पन्न करने की दृष्टि से छोटे पैमाने के उद्योग अधिक लाभप्रद है। छोटे पैमाने के उद्योगों की विशेषतायें बताते हुये इस कथन की सार्थकता स्पष्ट करें। 

 

उत्तर: विशेषतायें :

1) इस श्रेणी के उद्योगों का निर्माण स्थल घर से बाहर होता है।

2) कच्चा माल स्थानीय होता है किन्तु श्रमिक अर्द्धकुशल होते हैं।

3) शक्ति के साधनों से चलने वाले छोटे यन्त्रों का प्रयोग किया जाता है। एक बड़े पैमाने के उद्योग की अपेक्षा छोटे पैमाने के कई उद्योग यदि कार्यशील हो तो उसमें रोजगार ज्यादा होते है। 

4) स्थानीय लोग रोजगार पाते है उनकी आय बढ़ती है एंव उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ती है। 

5) कच्चे माल की स्थानीय माँग में वृद्धि कच्चे माल के उत्पादकों को उत्साहित करती है। रोजगार होने पर क्रयशक्ति में वृद्धि उत्पादन को बढ़ाती है। इसलिए भारत, चीन, इण्डोनेशिया आदि देशों ने इस प्रकार के उद्योगों को प्रोत्साहित किया है। 

प्रश्न 40. उच्च प्रौद्योगिक उद्योग की विशेषताएं बताते हुये स्पष्ट करें कि ये नगरों के परिधि क्षेत्रों में क्यों विकसित होते हैं ? 

उत्तर : 

1) उच्च प्राद्योगिक उद्योग में वैज्ञानिक एंव इंजिनियरिंग उत्पादकों का निर्माण कार्य किया जाता है। इसमें शोध की जरूरत होती है। 

2) इसमें श्रमिकों का अधिकांश भाग दक्षता प्राप्त होते हैं। 

3) अधिकांश कार्य कम्प्यूटर एंव यंत्रों द्वारा सम्पन्न किये जाते हैं। 

4) इन उद्योगों के स्थान खाफ-सुथरे विशाल भवनों, कार्यालयों एंव प्रयोगशालाओं युक्त होते हैं। 

5) इन्हें प्रौद्योगिक ध्रुव भी कहा जाता है। 

6) ये नगर के परिधि क्षेत्र में इसलिये होते है क्योंकि

  • नगर के बाहर क्षेत्र में सस्ती और अधिक भूमि उपलब्ध होती है। 
  • नगर के बाहरी क्षेत्र से आन्तरिक क्षेत्रों की तरफ यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध होती है। 

प्रश्न 41. विनिर्माण की परिभाषा दीजिए। आकार के आधार पर विनिर्माण उधोगों का तीन वर्गों में वर्गीकरण कीजिए। प्रत्येक वर्ग की एक-एक विशेषता को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : विनिर्माण उत्पादन की एक प्रक्रिया है जिसमें प्रकृति में पाए जाने वाले कच्चे माल को ऊँचे मूल्य के तैयार माल में परिवर्तित कर दिया जाता है। आकार के आधार पर विनिर्माण उधोगों का वर्गीकरण

(1) कुटीर उद्योग 

(2) छोटे पैमाने के उद्योग 

(3) बड़े पैमाने के उद्योग।

विशेषताएँ:

कुटीर उद्योग- 

  • परिवार के सदस्यों की सहायता से वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है।
  • स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है तथा उपकरण एवं औजार साधारण होते है। 

छोटे पैमाने के उद्योग- 

  • उत्पादन, ऊर्जा से चलने वाली मशीनों तथा मजदूरों द्वारा किया जाता है।
  • इसमें कच्चा माल स्थानीय बाजार में उपलब्ध न होने पर बाहर से भी मंगवाते है। 

बड़े पैमाने के उद्योग–

  • इसमें विभिन्न प्रकार का कच्चा माल बाहर से मँगवाया जाता हैं तथा आधुनिक भारी मशीनों का उपयोग होता है ये शक्ति चालित मशीनें होती है।
  • इसमें आधुनिक विकसित तकनीकी का प्रयोग करके तथा अधिक पूँजी लगाकर उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।

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