पाठ – 4
जलवायु
In this post, we have mentioned all the important questions of class 11 Geography chapter 4 Climate in Hindi.
इस पोस्ट में क्लास 11 के भूगोल के पाठ 4 जलवायु के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 11 |
Subject | Geography |
Chapter no. | Chapter 4 |
Chapter Name | जलवायु (Climate) |
Category | Class 11 Geography Important Questions in Hindi |
Medium | Hindi |
Chapter – 4, जलवायु
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 भारत की जलवायु कैसी है?
उत्तर: भारत की जलवायु मानसूनी है।
प्रश्न 2 मानसून शब्द किस भाषा से लिया गया है?
उत्तर: मानसून शब्द अरबी भाषा से लिया गया है।
प्रश्न 3 मानसून शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: मानसून शब्द का अर्थ है पवनों की दिशा में मौसम के अनुसार परिवर्तन ।
प्रश्न 4 भारत में सबसे गर्म स्थान कौन सा है?
उत्तर: चुरू (राजस्थान) अधिकतम तापमान 50°डिग्री से 0°।
प्रश्न 5 भारत में कौन-सा स्थान न्यूनतम वर्षा प्राप्त करता है?
उत्तर: जैसलमेर (राजस्थान) 10 से.मी. से कम वर्षा ।
प्रश्न 6 भारत में सबसे ठंडा स्थान कौन सा है?
उत्तर: द्रास (जम्मू कश्मीर) न्यूनतम तापमान -45 डिग्री।
प्रश्न 7 उत्तर पश्चिमी भारत में शीतकालीन वर्षा का क्या कारण है?
उत्तर: पश्चिमी विक्षोभ।
प्रश्न 8 मानसून पूर्व का वह कौन सा स्थानीय तूफान है जो कहवा की कृषि के लिए उपयोगी होता है?
उत्तर: फूलों वाली बौछार (चेरी ब्लोसम)।
प्रश्न 9 जाड़े के आरंभ में तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा किस कारण होती है?
उत्तर: पीछे हटते हुए मानसून अर्थात उत्तर-पूर्वी मानसून से
प्रश्न 10 भारत में कौन सा स्थान सर्वाधिक वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है?
उत्तर: मॉसिनराम (मेघालय) में ।
प्रश्न 11 कोपेन द्वारा भारत के जलवायु वर्गीकरण के क्या आधार है?
उत्तर: तापमान एवं वृष्टि के मासिक मान अर्थात तापमान में वर्षा का मासिक औसत ।
प्रश्न 12 कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में AS प्रकार की जलवायु कहां पाई जाती है?
उत्तर: कोरोमंडल तट पर।
प्रश्न 13 केरल व तटीय कर्नाटक में मानसून पूर्व की स्थानीय तूफानी वर्षा को क्या कहते हैं?
उत्तर: आम्र वृष्टि (वर्षा) यह वर्षा आमों को जल्दी पकने में सहायता करती है।
प्रश्न 14 असम और पश्चिम बंगाल में बैशाख के महीने में शाम को चलने वाली भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें कहलाती है?
उत्तर: काल बैसाखी।
प्रश्न 15 उत्तर भारत के मैदानी भाग में पंजाब से बिहार तक चलने वाले शुष्क, गर्म व पीड़ादायक पवनें क्या कहलाती हैं?
उत्तर: लू।
प्रश्न 16 तमिलनाडु में वर्षा किस ऋतु में होती है?
उत्तर: शीत ऋतु में।
प्रश्न 17 वर्षा की परिवर्तिता की गणना के लिए किस सूत्र का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: वर्षा की परिवर्तिता = मानक विचलन : माध्य x 100
प्रश्न 18 कोपेन के जलवायु के वर्गीकरण का मुख्य आधार क्या है?
उत्तर: तापमान तथा वृष्टि।
प्रश्न 19 पूर्वी जेट स्ट्रीम कब उत्पन्न होती है?
उत्तर: ग्रीष्म ऋतु में।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने वाले तीन महत्वपूर्ण कारक कौन से हैं?
उत्तर: भारतीय मौसम को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं –
1) वायु दाब तथा ताप का धरातलीय वितरण ।
2) ऊपरी वायु परिसंचरन, वायुराशियों का अन्तर्वाह ।
3) वर्षा लाने वाले तंत्र-पश्चिमी विक्षोभ तथा उष्ण कटिबंधीय चक्रवात ।
प्रश्न 2 अंतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आईटीसीजैड) क्या है?
उत्तर: भूमध्य रेखा के निकट वह कटिबंध है जहां उत्तरी गोलार्ध में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती है। सूर्य की लम्बवत् किरणों के साथ इसकी स्थिति में परिवर्तन होता रहता है। ग्रीष्मकाल में इसकी स्थित उत्तर में कर्क रेखा के निकट तथा शीतकाल में मकर रेखा के निकट होती है। ग्रीष्म ऋतु में इसकी स्थिति 25° उत्तरी आक्षांश पर होती है जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण पूर्वी व्यापारिक पवनें भूमध्य रेखा को पार करके दक्षिण-पश्चिम मानसून के रूप में भारत में प्रवेश करती है।
प्रश्न 3 जेट-प्रवाह क्या है? इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: क्षोभमंडल में भूपृष्ठ से लगभग 12 किमी की ऊंचाई पर क्षैतिज दिशा में तेज गति से चलने वाली वायुधाराओं को जेट वायु प्रवाह कहते हैं।
- शीत ऋतु में अत्यंत लाभकारी वर्षा वाले पश्चिमी विक्षोभों को भारत में लाने का काम यही जेट स्ट्रीम करती हैं। जेट-स्ट्रीम की स्थिति में परिवर्तन के कारण ही ये विक्षोभ भारत में प्रवेश पाते हैं।
- इसी प्रकार पूर्वी जेट-प्रवाह उष्ण-कटिबंधीय चक्रवातों को भारत की ओर आकर्षित करता है।
प्रश्न 4 भारतीय मानसून की प्रमुख विशेषताएं बताइए?
उत्तर: भारतीय मानसून की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं।
- ऋतु के अनुसार वायु की दिशा में परिवर्तन होना
- मानसूनी पवनों का अनिश्चित तथा अनियमित (संदिग्ध) होना।
मानसूनी पवनों के प्रादेशिक स्वरूप में भिन्नता होते हुए भी भारतीय जलवायु को व्यापक एकरूपता प्रदान करना।
प्रश्न 5 मानसून विस्फोट से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर: आर्द्रता से लदी पवनें जब अत्यधिक भारी हो जाती हैं तो अपनी अधिशेष नमी को अत्यधिक गर्जन के साथ छोड़ती हैं | जो मूसलाधार वर्षा के रूप में धरातल पर पहुंचती है। इनसे वर्षा इतनी अधिक होती हैं कि कुछ ही घंटो में एक विस्तृत क्षेत्र को बाढ़ग्रस्त कर देती हैं। दक्षिण पश्चिमी मानसून द्वारा अकस्मात् ही भारी वर्षा शुरू हो जाती है। इस प्राकृतिक घटना को ही मानसून विस्फोट कहते हैं।
प्रश्न 6 मानसून विच्छेद से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जब मानसूनी पवनें दो सप्ताह या इससे अधिक समय तक वर्षा करने में असफल रहती है तो वर्षा काल में शुष्क दौर आ जाता है, इसे मानसून विच्छेद कहते हैं। इसका कारण या तो उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का कमजोर पड़ना या भारत में अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति में परिवर्तन आना है। पश्चिमी राजस्थान में तापमान की विलोमता जलवाष्प से लदी हुई वायु को ऊपर उठने से रोकती है और वर्षा नहीं होती है।
प्रश्न 7 जलवायु प्रदेश क्या होते हैं? कोपेन की पद्धति के प्रमुख आधार कौन-से हैं?
उत्तर: जलवायु प्रदेश उस भूभाग को कहते हैं, जहां जलवायु के तत्वों के संयुक्त प्रभाव से जलवायु की एक जैसी दशाएं पायी जाती है। कोपेन के वर्गीकरण का मुख्य आधार है तापमान और वर्षा है।
प्रश्न 8 उत्तर पश्चिमी भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को किस प्रकार के चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है? वे चक्रवात कहां उत्पन्न होते हैं?
उत्तर: उत्तर-पश्चिमी भारत में रबी की फसलें बोने वाले किसानों को पश्चिमी दिशा से आने वाले चक्रवातों से वर्षा प्राप्त होती है। इन चक्रवातों को पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं और यह भूमध्य सागर से उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 9 संसार में सर्वाधिक वर्षा मॉसिनराम में क्यों होती है?
उत्तर: मानसून की बंगाल की खाड़ी की शाखा गंगा के डेल्टा को पार करके मेघालय की गारो, खासी तथा जयन्तिया की पहाड़ियों में पहुँचती है इन पहाड़ियों की आकृति कीप आकार की सी है, जिसमें वायु को एकदम ऊंचा उठना पड़ता है और इससे भारी वर्षा होती है। यहां पर स्थित चेरापूंजी में 1102 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा होती है जो अभी तक की सबसे अधिक मानी गई थी परन्तु नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चेरापूंजी के पश्चिम में 16 कि.मी. की दूरी पर स्थित मॉसिनराम नामक स्थान पर 1221 सें.मी. वार्षिक वर्षा रिकार्ड की गई है जो विश्व में सर्वाधिक है।
प्रश्न 10 तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में जाड़े के मौसम में अधिक वर्षा क्यों होती है?
उत्तर: भारत का पूर्वी तट विशेषतः तमिलनाडु तट दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा वर्षा प्राप्त नहीं करता बल्कि तमिलनाडु के तट बंगाल की खाड़ी की मानसून शाखा के समान्तर है और अरब सागर की धारा के वृष्टिछाया क्षेत्र में स्थित है। अतः वहां उत्तर-पूर्व से लौटते हुए मानसून से तथा उस समय बने रहे बंगाल की खाड़ी के चक्रवातों के प्रभाव से शीत ऋतु में वर्षा होती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 भारतीय किसान के लिए मानसून एक जुआ है? व्याख्या कीजिए?
उत्तर: भारत के आर्थिक जीवन पर मानसून का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।
- भारत की 64 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर ही निर्भर है।
- भारतीय कृषि और फसलें मानसून पर निर्भर करती है। कृषि उपज की सफलता अथवा असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दक्षिण पश्चिमी मानसून द्वारा की गई वर्षा सामान्य है या नहीं।
- वर्षा की उच्च परिवर्तिता के कारण देश के कुछ भागों में सूखा तथा अन्य भागों में बाढ़ का प्रकोप बना रहता है।
- भारतीय कृषि की सफलता मानसूनी वर्षा के निश्चित समय पर तथा नियमित रूप से वितरित होने पर निर्भर करती है।
- सिंचाई विहीन क्षेत्रों में वर्षा की अनियमितता तथा अनिश्चितता का विशेष प्रभाव वहाँ की कृषि पर पड़ता है।
- मानसून का अचानक विस्फोट देश के व्यापक क्षेत्रों में मृदा अपरदन की समस्या उत्पन्न कर देता है।
प्रश्न 2 भारत में वर्षा पर्वतकृत है। वर्षा के वितरण तथा इस पर उच्चावच के प्रभाव के संदर्भ में पांच उदाहरण दीजिए?
उत्तर:
पश्चिमी घाट के कारण पश्चिमी तटीय मैदान में भारी वर्षा :- अरब सागर की मानसूनी पवनें पश्चिमी घाट से टकराकर पश्चिमी तटीय मैदान में 250 सें.मी. से भी अधिक वर्षा करती है।
पश्चिमी घाट के वृष्टि छाया क्षेत्रों में कम वर्षा :- पश्चिमी घाट को पार करने के बाद यह नीचे उतरती है फलस्वरूप इसका तापमान बढ़ जाता है तथा आर्द्रता में कमी आ जाती है। उससे दक्षिण पठार के वृष्टि छाया क्षेत्र में बहुत कम वर्षा होती है।
मेघालय में पर्वतों की बनावट के कारण भारी वर्षा :- बंगाल की खाड़ी की एक शाखा गंगा के डेल्टा को पार करके मेघालय की गारो, खासी तथा जयन्तिया की पहाड़ियों से टकराती है। इन पहाड़ियों की आकृति कीप जैसी है जिसके कारण यहां भारी वर्षा होती है।
अरावली के विस्तार की दिशा के कारण राजस्थान में कम वर्षा:- अरब सागर की मानसूनी पवनों की तीसरी शाखा उत्तर-पूर्वी दिशा में अरावली के समान्तर बिना वर्षा किए आगे बढ़ती जाती है। अतः पूरा राजस्थान वर्षा से वंचित रह जाता है।
मानसूनी पवनों की दिशा पर हिमालय का प्रभाव :- बंगाल की खाड़ी की दूसरी शाखा सीधे हिमालय पर्वत से टकराती है। यह हिमालय पर्वत की ऊंची श्रेणियों को पार करने में असमर्थ होती है तथा पश्चिम की ओर हिमालय पर्वत के समान्तर चलना शुरू कर देती है। ज्यों-ज्यों यह पश्चिम की ओर बढ़ती है, त्यों-त्यों नमी कम होती जाती
प्रश्न 3 भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार भारत में कितने स्पष्ट मौसम पाए जाते हैं? किसी एक मौसम की दशाओं की सविस्तार व्याख्या कीजिए।
उत्तर: भारतीय मौसम विभाग के अनुसार भारत में सामान्यतः चार ऋतुएं मानी जाती है। जोकि इस प्रकार हैं :
क) शीत ऋतु
ख) ग्रीष्म ऋतु
ग) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की ऋतु
घ) मानसून के निवर्तन अर्थात मानसून के लौटोने की ऋतु :- सितम्बर के दूसरे सप्ताह तक दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तरी भारत से लौटने लगता है और दक्षिण से मध्य अक्टूबर तथा दिसम्बर के आरंभ तक लौटता है। दक्षिण विस्फोट के विपरित मानसून पवनों का लौटना काफी क्रमिक होता है। मानसून पवनों के लौटने से आकाश साफ हो जाता है। दिन का तापमान कुछ बढ़ जाता है परन्तु रातें सुखद हो जाती हैं। इस ऋतु में दैनिक तापान्तर अधिक हो जाता है। बंगाल की खाड़ी में पैदा होने वाले चक्रवात दक्षिण पूर्व से उत्तर-पश्चिम दिशा में चलते हैं और पर्याप्त वर्षा करते हैं।
प्रश्न 4 भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत विषुवत रेखा के उत्तर में विस्तृत है। कर्क रेखा इसके लगभग मध्य से गुजरती है, हिमालय पर्वत श्रृंखला इसको उत्तर में घेरे हुये है एवं दक्षिण में हिन्द महासागर है। ये परिस्थितियां यहां की जलवायु को निम्न प्रकार से प्रभावित करती है :
आक्षांश :- भारत का दक्षिण भाग विषुवत रेखा एवं कर्क रेखा के बीच में पड़ता है। अतः यहां उष्ण कटिबंधीय प्रभाव रहता है जबकि कर्क रेखा से उत्तर का भाग शीतोष्ण कटिबंध में पड़ता है।
पर्वत श्रेणी :- भारत के उत्तर में स्थित हिमालय पर्वत श्रेणी उत्तरी ध्रुव की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं को भारत में आने से रोकती है, जिससे भारतीय उपमहाद्वीप में जलवायु का समताकारी स्वरूप बना रहता है। यही पर्वत श्रृंखला मानसूनी पवनों को रोककर वर्षा करने में सहायक होती है।
जल एवं स्थल का वितरण :- भारत के प्रायद्वीपीय भाग एक ओर बंगाल की खाड़ी से एवं दूसरी ओर अरब सागर से घिरा होने के कारण यहाँ की जलवायु को प्रभावित करता है जिसके कारण दक्षिण-पश्चिम हवाओं को आर्द्रता ग्रहण करने में सहायता मिलती है। भारत का उत्तरी भाग स्थलबद्ध है इसलिये यहाँ तापमान ग्रीष्म ऋतु में अत्यधिक एवं शीत ऋतु में बहुत कम हो जाता है । इसके अतिरिक्त समुद्रतट से दूरी, समुद्रतल से ऊँचाई एवं उच्चावच भी जलवायु को प्रभावित करते हैं ।
प्रश्न 5 भारतीय उपमहाद्वीप में दक्षिण-पश्चिमी मानसून के आगमन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिये |
उत्तर: भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदान में मई-जून में तापमान बहुत तेजी से बढ़ता है जिसके कारण यहाँ निम्न वायुदाब स्थापित हो जाता है । निम्न वायु दाब की ये दशायें हिन्दमहासागर में चलने वाली व्यापारिक पवनों को अपनी ओर आकर्षिक करती है (क्योंकि पवनें उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती है)
ये पवने भूमध्य रेखा के दक्षिण में द0 पश्चिमी हो जाती है । महासागर के ऊपर से गुजरने के कारण ये आर्द्रता ग्रहण कर लेती हैं। भारत में प्रवेश के दौरान ये दक्षिणी-पश्चिमी हवायें दो भागों में बंट जाती है । ऐसा भारत के प्रायद्वीपी स्वरुप के कारण होता है ।
(1) अरब सागर की शाखा ।
(2) बंगाल की खाड़ी की शाखा ।
प्रश्न 6 दिये गये भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए :
उत्तर:
(1) शीतकालीन वर्षा का क्षेत्र (दक्षिण भारत)
(2) भारत में सबसे कम तापमान वाला स्थान (-45 डिग्री सेल्सियम) द्रास
(3) भारत में 100 सेमी. की समवर्षा रेखा
(4) शीतकालीन वर्षा का क्षेत्र (उत्तर पश्चिम भारत)
प्रश्न 7 कोपेन के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश कौन से है ?
उत्तर: कोपेन के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश निम्नलिखित है :
(1) लघु शुष्क ऋतु का मानसूनी प्रकार (Amw) : इस प्रकार की जलवायु पश्चिमी तट के साथ-साथ।
(2) ग्रीष्म ऋतु में शुष्क मानसूनी प्रकार (As) : इस प्रकार की जलवायु वाले प्रदेश का विस्तार कोरमंडल तट के साथ – साथ है |
(3) उष्ण कटिबंधीय सवाना प्रकार की जलवायु (Aw): तटवर्ती प्रदेश के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर लगभग पूरे प्रायद्वीपीय भारत में इस प्रकार की जलवायु पाई जाती है ।
(4) अर्धशुष्क स्टेपी जलवायु (BShw) : प्रायद्वीप के अन्दर के भाग में तथा गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर के कुछ भागों में पाई जाती है ।
(5) उष्ण मरुस्थलीय प्रकार की जलवायु (BWhw) : इस प्रकार की जलवायु केवल राजस्थान के पश्चिमी भाग में पाई जाती है ।
(6) शुष्क शीत ऋतु वाला प्रदेश (Cwg) : भारत के उत्तरी मैदान के अधिकतर भाग में यह जलवायु पाई जाती है । (7) ठंडी आद्र शीत ऋतु वाला प्रदेश (Dfc) : यह जलवायु पूर्वी क्षेत्र में पाई जाती है ।
(8) ध्रवीय जलवायु (E) : इस प्रकार की जलवायु कश्मीर और निकटवर्ती पर्वतीय श्रृंखलाओं में पाई जाती है ।
प्रश्न 8 नीचे दी गई तालिका में भारत के तीन स्थानों क, ख तथा ग के तापमान एवं वर्षा के आंकड़ों का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(1) किस स्थान का वार्षिक ताप परिसर सर्वाधिक है ?
(2) किस स्थान की जलवायु सर्वाधिक सम है ?
(3) किस स्थान में सबसे अधिक वर्षा पीछे हटते मानसून की ऋतु में होती है ?
(4) इन तीनों स्थानों में से कौन सा स्थान चेन्नई की जलवायु के आंकडे दर्शाता है?
(5) कौन सा स्थान लेह के जलवायु आंकड़ों की प्रतिनिधित्व करता है ?
(6) कौन सा स्थान वर्षा के दो उत्कर्ष दर्शाता है ?
भारत के नगरों का मासिक औसत तापमान और वर्षा
उत्तर:
(1) ‘ख’ स्थान का वार्षिक ताप परिसर सर्वाधिक है ।
(2) ‘क’ स्थान की जलवायु सर्वाधिक सम है ।
(3) ‘ग’ स्थान पर पीछे हटते मानसून की ऋतु में वर्षा होती है ।
(4) ‘ग’ स्थान चेन्नई की जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है ।
(5) ‘ख’ स्थान लेह की जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है ।
(6) ‘क’ स्थान वर्षा के दो उत्कर्ष दर्शाता है ।
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