पाठ – 2
Important Questions
राजा किसान और नगर
In this post we have mentioned all the important questions of class 12 (History) chapter 2 in Hindi
इस पोस्ट में क्लास 12 के इतिहास के पाठ 2 राजा किसान और नगर के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं इतिहास विषय पढ़ रहे है।
Chapter 2
राजा किसान और नगर
Important Questions
प्रश्न 1. महापाषण क्या है?
उत्तर ऐसे बड़े पत्थर या शिला को कहते हैं जिसका प्रयोग किसी स्तम्भ, स्मारक या अन्य निर्माण के लिये किया गया हो
प्रश्न 2. अभिलेख किसे कहते हैं?
उत्तर अभिलेख पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामाग्री को कहते है। प्राचीन काल से इसका उपयोग हो रहा है। शासक इसके द्वारा अपने आदेशो को इस तरह उत्कीर्ण करवाते थे, ताकि लोग उन्हे देख सके एवं पढ़ सके और पालन कर सके। किसी पत्थर, मिट्टी के बर्तन या धातु पर खुदे हुए लेखों को अभिलेख कहा जाता है
प्रश्न 3 जेम्स प्रिंसेप कौन थे?
उत्तर .जेम्स प्रिंसेप ईस्ट इंडिया कंपनी का एक अधिकारी था जिसने फरोशी और ब्राह्मी लिपि का अर्थ निकाला
प्रश्न 4 कुषाण कौन थे?
उत्तर.
- मौर्यों के पतन के बाद सबसे शक्तिशाली और विस्तृत साम्राज्य स्थापित करने का श्रेय कुषाण शासको को जाता है।
- इसके अनुसार कुषाण चीन की यू-ची जाति की एक शाखा के लोग थे।
- यह जाति चीन के कान्सू प्रदेश मे निवास करती थी
प्रश्न 5 मौर्यो के बारे में जानने के लिए कोई दो स्रोतों के नाम लिखिए?
उत्तर.
- चाणक्य द्वारा लिखित अर्थशास्त्र
- यूनानी राजदूत मेगास्थनीज द्वारा लिखी गई जानकारियां
- विशाखदत्त द्वारा रचित मुद्राराक्षस
- ब्राह्मणों द्वारा लिखित ग्रंथ और धर्म शास्त्र
- अन्य स्त्रोत
- मौर्य काल में बनाए गए भवन और स्तूप
- मौर्यकालीन मृदभांड, पत्थर पर लिखे अभिलेख और मूर्तिकला
प्रश्न 6 अशोक के अभिलेख मुख्यतः किन लिपियों में मिलते हैं?
उत्तर.
- खरोष्ठी और ब्राह्मी लिपि
प्रश्न 7 आहत’ सिक्कों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर.
- आहत सिक्के धातु के टुकङे पर चिन्ह विशेष ठप्पा मारकर (पीटकर) बनाए जाते थे। आहत
सिक्कों पर चिन्हों के अवशेष भी मिलते हैं जैसे – मछली, पेङ, मोर, यज्ञ वेदी, हाथी, शंख, बैल, ज्यामीतीय चित्र (वृत्त, चतुर्भुज, त्रिकोण ), खरगोश।
प्रश्न 8 अशोक के सिंह शीर्ष को आज क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
उत्तर.
- इस चारों सिंहों के उपर भगवान बुद्ध का 32 तीलियों वाला धम्म चक्र विद्यमान था। जो आजउसके ऊपर स्थापित नहीं है। वह सारनाथ संग्रहालय में प्रवेश करने के स्थान पर ही एक हॉल में सुरक्षित रखा गया है
प्रश्न 9 कनिष्क किस वंश के शक्तिशाली शासक थे?
उत्तर .
- कुषाण राजवंंश के भारत का एक सम्राट थे
3 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1 जेम्स प्रिंसेप कौन थे? भारतीय इतिहास लेखन में उनकी क्या देन है?
उत्तर.
- जैन फर्नीचर ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी थे द्वारा बनवाए गए अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में थे इस ब्राह्मी लिपि का अर्थ जेम्स प्रिंसेप द्वारा 1838 में निकाला गया
प्रश्न 2 छठी शताब्दी से चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के बीच मगध सबसे शक्तिशाली महाजन पद बन गया।” कैसे?
उत्तर.
- मगध बुद्धकालीन समय में एक शक्तिशाली राजतन्त्रों में एक था। यह दक्षिणी बिहार में स्थित थाजो कालान्तर में उत्तर भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद बन गया। यह गौरवमयी इतिहास और राजनीतिक एवं धार्मिकता का विश्व केन्द्र बन गया।
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा की गई
- यह वर्तमान बिहार के क्षेत्र में स्थित था
- राजधानी – पाटलिपुत्र
- मगध उस दौर का सबसे शक्तिशाली महाजनपद बनकर उभरा
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना और उसके विकास के पीछे चाणक्य का हाथ था
- चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त भी कहा जाता था
- इन्होंने ही चंद्रगुप्त को तैयार किया और मगध पर मौर्य साम्राज्य का शासन स्थापित किया
- उस दौर के अंदर इनका शासन अफगानिस्तान से बलूचिस्तान तक फैला हुआ था
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा की गई
प्रश्न 3 अशोक के धम्म की मुख्य विशेषताएँ क्या थी?
उत्तर.
- अशोक का धम्म कोई धर्म नहीं था बल्कि यह कुछ सामान्य नियमों का समूह था जिसके अनुसार जीने पर एक व्यक्ति संतुष्ट एवं खुशहाल जीवन जी सकता है धम्म के प्रचार के लिए धम्म महामत नाम के अधिकारियों को नियुक्त किया जाता था यह धम्म महामत अलग अलग क्षेत्रों में जाकर इस धम्म का प्रचार किया करते थे और इस धम्म के नियमो के अनुसार जीवन व्यतीत करने के लिए लोगो को प्रेरित किया करते थे
- धम्म में वर्णित विचार और नियम
- अपने से बड़ों का सम्मान करना
- दास और सेवकों के प्रति दयावान होना
- अहिंसा
- सभी धर्मों का सम्मान करना
- विद्वानों और ब्राह्मणों का सम्मान करना
- अपने से छोटों के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करना
- पाप रहित जीवन व्यतीत करना
- दान करना
- जन्म, मृत्यु, विवाह, व्रत आदि जैसे रीति-रिवाजों को त्याग कर प्रेम, दान, दया जैसे रीति-रिवाजों का पालन करना
- समय-समय पर अपने अंदर झांकना और अपने बुरे कार्यों और आदतों को देखकर उनमें सुधार करना
- धम्म में वर्णित विचार और नियम
प्रश्न 4 मौर्य साम्राज्य की जानकारी के प्रमुख स्रोतों के विस्तार से बताइए?
उत्तर.
- चाणक्य द्वारा लिखित अर्थशास्त्र
- यूनानी राजदूत मेगास्थनीज द्वारा लिखी गई जानकारियां
- विशाखदत्त द्वारा रचित मुद्राराक्षस
- ब्राह्मणों द्वारा लिखित ग्रंथ और धर्म शास्त्र
- अन्य स्त्रोत
- मौर्य काल में बनाए गए भवन और स्तूप
- मौर्यकालीन मृदभांड, पत्थर पर लिखे अभिलेख और मूर्तिकला
- अन्य स्त्रोत
प्रश्न 5 भारत के राजनीतिक और आर्थिक इतिहास को समझने के लिए अभिलेखीय साक्ष्यों की सीमाओं की परख कीजिए?
उत्तर.
- पहले के छोटे राज्यों के विपरीत मौर्य साम्राज्य की स्थापना सरकार के एक नए रूप में हुई, जो कि एक केंद्रीकृत साम्राज्य था। मौर्य साम्राज्य, आदिवासी गणराज्यों पर एक राजनीतिक प्रणाली के रूप में राजशाही की विजय का संकेत देता है। एडिट्स के साथ संयोजन में अर्थशास्त्र का एक अध्ययन प्रशासनिक संरचना के बारे में जानकारी प्रदान करता है। संरचना के केंद्र में राजा था जो कानूनों को लागू करने की शक्ति रखता था। कौटिल्य राजा को धर्म का प्रचार करने की सलाह देता है जब सामाजिक व्यवस्था वर्णों और आश्रमों (जीवन के चरणों) पर आधारित होती है।
प्रश्न 6 अभिलेख से हमें क्या जानकारियाँ मिलती हैं?
उत्तर.
- किसी पत्थर, मिट्टी के बर्तन या धातु पर खुदे हुए लेखों को अभिलेख कहा जाता है
- अपने शासनकाल के दौरान अशोक ने अनेकों अभिलेखों की रचना की
- इन अभिलेखों के अंदर अशोक द्वारा किए गए कार्यों, विजयो एवं अन्य उपलब्धियों का जिक्र मिलता है
- इन अभिलेखों में ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया है
- अशोक के अभिलेखों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है
- वृहत शिलालेख
- लघु शिलालेख
- स्तंभ लेख
- गुफा लेख
- इन अभिलेखों द्वारा मुख्य रूप से धम्म का प्रचार किया गया है
- अशोक द्वारा बनवाए गए अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में थे
- इस ब्राह्मी लिपि का अर्थ जेम्स प्रिंसेप द्वारा 1838 में निकाला गया
प्रश्न 7 वर्णित काल में प्रचलित “दैविक राजा” प्रथा क्या थी? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर.
- राजाओं के लिए उच्च स्थिति प्राप्त करने का एक साधन विभिन्न देवी-देवताओं के साथ जुड़ना था।
- मध्य एशिया से लेकर पश्चिमोत्तर भारत तक शासन करने वाले कुषाण शासकों ने ;लगभग प्रथम शताब्दी ई-पू- से प्रथम शताब्दी ई- तक इस उपाय का सबसे अच्छा उद्धरण प्रस्तुत किया।
- कुषाण इतिहास की रचना अभिलेखों और साहित्य परंपरा के माध्यम से की गई है। जिस प्रकार के राजधर्म को कुषाण शासकों ने प्रस्तुत करने की इच्छा की उसका सर्वोत्तम प्रमाण उनके सिक्कों और मूख्रतयों से प्राप्त होता है।
- अप्फ़ागानिस्तान के एक देवस्थान पर भी इसी प्रकार की मूख्रतयाँ मिली हैं।
प्रश्न 8 जेम्स प्रिंसेप का भारतीय अभिलेख का विज्ञान के विकास में क्या योगदान रहा? विवेचना कीजिए।
उत्तर.
- जेम्स प्रिंसेप ईस्ट इण्डिया कम्पनी में एक अधिकारी के पद पर नियुक्त थे। उन्होंने 1837 ई. में सर्वप्रथम ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपियों को पढ़ने में सफलता प्राप्त की। इन लिपियों का उपयोग सबसे आरम्भिक अभिलेखों और सिक्कों में किया गया है। प्रिंसेप को यह जानकारी प्राप्त हुई कि अभिलेखों और सिक्कों पर पियदस्सी (प्रियदर्शी) अर्थात सुन्दर मुखाकृति वाले राजा का नाम लिखा गया है। कुछ अभिलेखों पर राजा का नाम सम्राट अशोक भी लिखा हुआ था।
- इन शिलालेखों की खोज सबसे पहले 1750 में फेंथलर ने की थी और सबसे पहले 1837 में इसको जेम्स प्रिंसेप ने इन शिलालेखों को पढ़ा था।
प्रश्न 9 भारतीय इतिहास में सिक्कों के महत्व पर प्रकाश डालिए?
उत्तर.
- सिक्कों से वर्तमान समय की सामाजिक , आर्थिक , राजनैतिक तथा विशेषकर धार्मिक अवस्था पर प्रकाश पड़ता हैं। सिक्कों पर उत्कीर्ण लेखों में किसी विशेष घटना का उल्लेख नहीं मिलता लेकिन उन पर खुदे चिन्हों के आधार पर धर्म की अनेक बातें स्पष्ट हो जाती हैं।
प्रश्न 10 मौर्य काल के नगर एवं व्यापार के बारे में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर.
- मौर्यकालीन अर्थव्यवस्था Mauryan Economy. आर्थिक दृष्टि से मौर्य काल को बहुमुखी प्रगति का युग कह सकते हैं। इस काल में न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई बल्कि उद्योग, पशुपालन व्यवसाय, खनिज उत्खनन एवं व्यापार में भी अतीव प्रगति हुई। लोहे के अधिक उपयोग के कारण तकनीकी आधार मिला।
प्रश्न 11 आपके अनुसार प्राचीन भारतीय इतिहास में मौर्य समाज किस प्रकार महत्वपूर्ण था?
उत्तर.
- 316 ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का वृहद स्तर पर विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ।
8 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1 अशोक के धम्म के बारे में लिखें?
उत्तर.
- कलिंग के युद्ध के बाद अशोक ने युद्ध करना छोड़ दिया और धर्म की स्थापना की अशोक का धम्म कोई धर्म नहीं था बल्कि यह कुछ सामान्य नियमों का समूह था जिसके अनुसार जीने पर एक व्यक्ति संतुष्ट एवं खुशहाल जीवन जी सकता है
- धम्म के प्रचार के लिए धम्म महामत नाम के अधिकारियों को नियुक्त किया जाता था
- यह धम्म महामत अलग अलग क्षेत्रों में जाकर इस धम्म का प्रचार किया करते थे और इस धम्म के नियमो के अनुसार जीवन व्यतीत करने के लिए लोगो को प्रेरित किया करते थे
- धम्म में वर्णित विचार और नियम
- अपने से बड़ों का सम्मान करना
- दास और सेवकों के प्रति दयावान होना
- अहिंसा
- सभी धर्मों का सम्मान करना
- विद्वानों और ब्राह्मणों का सम्मान करना
- अपने से छोटों के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करना
- पाप रहित जीवन व्यतीत करना
- दान करना
- जन्म, मृत्यु, विवाह, व्रत आदि जैसे रीति-रिवाजों को त्याग कर प्रेम, दान, दया जैसे रीति-रिवाजों का पालन करना
- समय-समय पर अपने अंदर झांकना और अपने बुरे कार्यों और आदतों को देखकर उनमें सुधार करना
प्रश्न 2 महाजन पदों की प्रमुख विशेषताओं की व्याख्या कीजिए?
उत्तर.
- विकास
- लोहे की खोज के बाद सभ्यताओं के रहन-सहन में परिवर्तन आया
- लोहे से हल और हथियारों का निर्माण होने लगा
- हल के निर्माण के कारण खेती की मात्रा में वृद्धि हुई और लोगों के पास धन इकट्ठा होने लगा
- लोहे के निर्माण के साथ ही हथियार बनाने की शुरुआत भी हुई जिससे महाजनपदों का विकास होना शुरू हुआ
- महाजनपदों की विशेषताएं
- राजधानी
- महाजनपदों की एक राजधानी होती थी
- राजधानियों की किलेबंदी की जाती थी यानी उन्हें चारों तरफ से दीवार से घिरा जाता था सुरक्षा के लिए
- राजधानियों का रखरखाव सेना द्वारा किया जाता था
- हर जनपद में सेना तथा नौकरशाह हुआ करते थे
- शासन
- अधिकांश महाजनपदों पर राजा का शासन हुआ करता था
- पर कई महाजनपद ऐसे थे जो गण और संघ के नाम से जाने जाते थे यहाँ पर लोगों का समूह शासन किया करता था
- मुख्य रूप से 16 महाजनपदों का वर्णन किया गया है
- इनमें सबसे मुख्य था मगध
- गण और संघ
- गण – कई सदस्यों के समूह को गण कहा जाता है
- संघ – संगठन या सभा को संघ कहा जाता है
- गौतम बुद्ध और महावीर जैन गण से ही संबंधित थे
- गण में एक से ज्यादा व्यक्ति शासन का कार्य संभालते थे
- यहाँ पर सभी को सामान अधिकार दिए जाते थे
प्रश्न 3 मगध के एक शक्तिशाली राज्य के रूप में उदय के कारणों की चर्चा कीजिए?
उत्तर.
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा की गई
- यह वर्तमान बिहार के क्षेत्र में स्थित था
- राजधानी – पाटलिपुत्र
- मगध उस दौर का सबसे शक्तिशाली महाजनपद बनकर उभरा
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना और उसके विकास के पीछे चाणक्य का हाथ था
- चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त भी कहा जाता था
- इन्होंने ही चंद्रगुप्त को तैयार किया और मगध पर मौर्य साम्राज्य का शासन स्थापित किया
- उस दौर के अंदर इनका शासन अफगानिस्तान से बलूचिस्तान तक फैला हुआ था
- चंद्रगुप्त के बाद मौर्य साम्राज्य में सबसे प्रभावशाली राजा अशोक बनकर उभरे
- इनके पिता का नाम बिंदुसार और माता का नाम सुभद्रागी था
- अशोक के शासनकाल के दौरान मगध साम्राज्य का विस्तार बढ़ा
- वह सबसे पराक्रमी शासकों में से एक थे
- उन्होंने मगध के शासन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया
- पर कलिंग का युद्ध उनका अंतिम युद्ध साबित हुआ क्योंकि इसके बाद उन्होंने युद्ध करना छोड़ दिया
- लोहे की खोज के बाद सभ्यताओं के रहन-सहन में परिवर्तन आया
- लोहे से हल और हथियारों का निर्माण होने लगा
- हल के निर्माण के कारण खेती की मात्रा में वृद्धि हुई और लोगों के पास धन इकट्ठा होने लगा
- लोहे के निर्माण के साथ ही हथियार बनाने की शुरुआत भी हुई जिससे महाजनपदों का विकास होना शुरू हुआ
- महाजनपदों
- राजधानी
- शासन
- प्रशासनिक व्यवस्था
- केंद्रीय शासक
- प्रांतीय शासक
- स्थानीय शासन
- राजधानी का पहाड़ियों से घिरे होने की वजह से आक्रमण करना मुश्किल
- कुशल प्रशासक
- लोहे की उपलब्धता
- विशाल जंगल
- हाथियों की उपलब्धता
- यातायात की सुविधा
- ब्राह्मणवादी विचारधारा से दूर होने के कारण समान विकास
- उपजाऊ भूमि
प्रश्न 4 छठी शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईसवी तक कृषि क्षेत्र में हुए मुख्य परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए?
उत्तर 4.
- क्षेत्र में मौर्यकाल की महत्त्वपूर्ण देन सिंचाई साधनों का विकास था। अर्थशास्त्र में अच्छा प्रशासन उसे कहा गया है जिसमें किसान खेती के लिए केवल वर्षा के पानी पर निर्भर न रहे।
- सिंचाई के लिए अनेक साधन जुटाए जाने चाहिए एवं किसानों को सिंचाई साधनों का उपयोग करने में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। यह भी कहा जा सकता है की यदि कोई व्यक्ति तलब को तोड़ दे तो उसे तालाब में डुबो दिया जाये।
- मेगस्थनीज का क कि का अधिकांश क्षेत्र सिंचाई के अन्तर्गत है जिससे वर्ष में दो-दो फसलें तैयार हो जाती हैं। अन्यत्र उल्लेख किया है कि कुछ लोगों को यह कार्य सौंप दिया गया गया है कि वे नदियों की देखभाल करें, भूमि की जाँच करें, जैसी की मिस्र में व्यवस्था है। उन नालियों का निरीक्षण करते रहें जिनके द्वारा बड़ी नहरों से पानी दूसरी शाखाओं में लाकर सिंचाई के लिए चारों ओर बार-बार पानी मिल सके। इससे स्पष्ट होता है
- खेतिहरों की भलाई के लिए जल आपूर्ति सम्बन्धी कुछ नियम थे। अर्थशास्त्र से सिंचाई साधनों की जानकारी मिलती है। जो किसान नदी, सरोवर, तड़ाग या कुएं से सिंचाई करते थे उपज का चतुर्थाश देना होता था। यह कर केवल सिंचित भूमि पर लगाया जाता था
- इस निष्कर्ष पर पहुँच जा सकता है की राज्य कम वर्षा वाले क्षेत्र में ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाता था। ताकि उन इलाकों में सिंचाई की नियमित आपूर्ति से अच्छी फसल प्राप्त की जा सके। नहरों द्वारा सिंचाई का एक मात्र अभिलेखीय प्रमाण रूद्रदामन का जूनागढ़ लेख है जिसमे यह वर्णन आया है की पुष्यगुप्त ने एक दुर्ग और एक चट्टान के मध्य प्रवाहित जल-स्रोत को बंधकर सुदर्शन नामक झील बनवाई। परन्तु उसे पूरा तुषाष्प ने करवाया था। यह झील 800 वर्षों अर्थात 5वीं शताब्दी ई. तक सिंचाई का स्रोत बनी रही। जूनागढ़ सौराष्ट्र प्रांत के अंतर्गत था और पुष्यगुप्त चन्द्रगुप्त के काल में तथा तुषाष्प अशोक के समय गवर्नर थे। सिंचाई की व्यवस्था को सेतुबंध कहा गया है। सिंचाई पर अलग कर लिया जाता था। इसे उदायभाग कहा जाता था। इसकी दर उपज की ⅕ से ⅓ भाग तक होती थीं। वर्षा के मापने के उपकरण को अरत्नी कहते हैं। एक अरत्नी 24 अंगुल के बराबर होती थी।
प्रश्न 5 भारतीय इतिहास में राजा अशोक के योगदान पर चर्चा कीजिए?
उत्तर.
- अशोक को चक्रवर्ती सम्राट कहा जाता था
- बौद्ध धर्म अपनाने के बाद उन्होंने युद्ध लड़ना छोड़ दिया
- इस वजह से इसके बाद वाले राजा इतने शक्तिशाली नहीं रहे और अंत में मौर्य साम्राज्य खत्म हो गया
- इसके बाद काफी लंबे समय तक भारत पर बाहरी शासकों का राज रहा और फिर आया गुप्त साम्राज्य
- चंद्रगुप्त के बाद मौर्य साम्राज्य में सबसे प्रभावशाली राजा अशोक बनकर उभरे
- इनके पिता का नाम बिंदुसार और माता का नाम सुभद्रागी था
- अशोक के शासनकाल के दौरान मगध साम्राज्य का विस्तार बढ़ा
- वह सबसे पराक्रमी शासकों में से एक थे
- उन्होंने मगध के शासन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया
- पर कलिंग का युद्ध उनका अंतिम युद्ध साबित हुआ क्योंकि इसके बाद उन्होंने युद्ध करना छोड़ दिया
- कलिंग का युद्ध (261 ईसापूर्व)
- कलिंग वर्तमान के उड़ीसा राज्य में स्थित था[
- इस क्षेत्र को जीतकर अशोक अपने राज्य को पूरे भारत में फैलाना चाहते थे
- इसकी वजह से उन्हें दक्षिण भारत और दक्षिण पूर्व भारत में जाने का मार्ग मिलता
- इसी वजह से अशोक ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया
- इस युद्ध में अशोक को विजय प्राप्त हुई पर इतने सारे लोगों की मृत्यु को देख अशोक का मन परिवर्तित हो गया
- उन्हें ऐसा लगा कि इतने सारे लोगों की मृत्यु केवल उन्ही के कारण हुई है
- उस युद्ध के बाद से अशोक ने युद्ध करना छोड़ दिया और इसे अपने जीवन की आखिरी विजय बताया
- इस युद्ध के बाद अशोक समाज कल्याण के कार्यों में लग गए और उन्होंने धम्म की रचना की
- मौर्य साम्राज्य के प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
- मौर्य साम्राज्य की आर्थिक व राजनीतिक उपलब्धियों पर अपने विचार व्यक्त कीजिए?
- अभिलेख क्या होते हैं? इतिहास लेखन में इनकी महत्व व सीमा पर तर्क सहित व्याख्या कीजिए?
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